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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से दो दिनों में दो बच्चियों की मौत, DM ने दिए जांच के आदेश

मृत बच्चियों के पारिवारिक पृष्ठभूमि के अलावा स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र एवं बच्चों के बीमार पड़ने से लेकर एसकेएमसीएच तक लाने की सभी बिंदुओं पर जांच की जाएगी.

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Published : Apr 29, 2020, 10:31 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले में एईएस यानी चमकी बुखार से पिछले दो दिेनों में दो बच्चियों की मौत हुई है. कोरोना के कहर के बीच चमकी की दस्तक ने जिला प्रशासन की मुसीबतें बढ़ा दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने एईएस पीड़ित बच्चों की मौत के जांच का आदेश दिया है. इसमें सभी बिंदुओं पर निजर रहेगी.

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने चमकी बुखार से तीन बच्चों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर जिले में जागरुकता की कमी है. समय रहते दोनों जुड़वा बच्चियों को अस्पताल लाया गया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. आगे इस तरह की घटना न हो इसके लिए पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. डीएम ने कहा कि एईएस से होने वाली मौत कम करने के लिए सरकार की तरफ से निर्धारित एसओपी का पालन किया जा रहा है. इसके बाद भी बच्चों की मौत होना बेहद दुखद है.

डीएम का अनुरोध लक्षण दिखने पर तुरंत करे सूचित

बच्चियों के मौत के बारे में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह बताया कि बच्ची 8 घंटे देरी से अस्पताल पहुंची, इसके कारण हालत काफी गंभीर हो गई. उन्होंने बताया कि ग्रामीण अस्पताल और निजी अस्पताल में इलाज के भर्ती कराने की बात सामने आ रही है. डीएम ने लोगों से अनुरोध किया कि बच्चों में चमकी बुखार का लक्षण दिखने पर आंगनबाड़ी सेविका, आशा, वार्ड मेंबर या मुखिया को सूचित करें. इन लोगों के पास सारी व्यवस्थाएं है. ORS, पेरासिटामोल और गाड़ी की भी टैगिंग की गई है.

मुजफ्फरपुर: जिले में एईएस यानी चमकी बुखार से पिछले दो दिेनों में दो बच्चियों की मौत हुई है. कोरोना के कहर के बीच चमकी की दस्तक ने जिला प्रशासन की मुसीबतें बढ़ा दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने एईएस पीड़ित बच्चों की मौत के जांच का आदेश दिया है. इसमें सभी बिंदुओं पर निजर रहेगी.

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने चमकी बुखार से तीन बच्चों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी को लेकर जिले में जागरुकता की कमी है. समय रहते दोनों जुड़वा बच्चियों को अस्पताल लाया गया होता तो शायद उनकी जान बच सकती थी. आगे इस तरह की घटना न हो इसके लिए पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. डीएम ने कहा कि एईएस से होने वाली मौत कम करने के लिए सरकार की तरफ से निर्धारित एसओपी का पालन किया जा रहा है. इसके बाद भी बच्चों की मौत होना बेहद दुखद है.

डीएम का अनुरोध लक्षण दिखने पर तुरंत करे सूचित

बच्चियों के मौत के बारे में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह बताया कि बच्ची 8 घंटे देरी से अस्पताल पहुंची, इसके कारण हालत काफी गंभीर हो गई. उन्होंने बताया कि ग्रामीण अस्पताल और निजी अस्पताल में इलाज के भर्ती कराने की बात सामने आ रही है. डीएम ने लोगों से अनुरोध किया कि बच्चों में चमकी बुखार का लक्षण दिखने पर आंगनबाड़ी सेविका, आशा, वार्ड मेंबर या मुखिया को सूचित करें. इन लोगों के पास सारी व्यवस्थाएं है. ORS, पेरासिटामोल और गाड़ी की भी टैगिंग की गई है.

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