नई दिल्ली/मुजफ्फरपुर: साउथ ईस्ट जिले के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की पुलिस टीम ने बिहार के मुजफ्फरपुर से लापता हुए एक 12 साल के बच्चे को ढूंढ लिया है. दरअसल बच्चे ने पुलिस को बताया था कि मेरा घर वहां है, जहां शंकर की मूर्ति है और रेल की पटरी है. साथ ही उसने मुजफ्फरपुर बिहार भी बताया था. इसी आधार पर पुलिस उसके परिजनों तक पहुंची है.
बिहार के मुजफ्फरपुर से लापता हुआ था बच्चा
डीसीपी साउथ ईस्ट आरपी मीणा ने बताया कि गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए के लिए साउथ ईस्ट जिले की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम लगी थी. इस टीम ने बिहार के मुजफ्फरपुर से मिसिंग हुए 12 साल के बच्चे को ढूंढा है. AHTU की टीम, 21 अगस्त को तीस हजारी ऑब्जरवेशन होम बच्चों के काउंसलिंग के लिए गई थी. इसी दौरान टीम को 12 साल का एक बच्चा मिला, जिसने पुलिस को बताया कि मेरा घर वहां है, जहां शंकर की मूर्ति है और रेल की पटरी है.
इसी के आधार पर साउथ ईस्ट जिले की पुलिस ने जांच शुरू की और बिहार (मुजफ्फरपुर) पुलिस से संपर्क कर जांच को आगे बढ़ाया. इस दौरान पता चला कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के पुलिस स्टेशन मोतीपुर में बच्चे के अपहरण की एफआईआर दर्ज है. जिसके बाद पुलिस ने मोतीपुर पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और बच्चे के बारे में बताया.
वीडियो कॉल के जरिए परिजनों ने बच्चे को पहचाना
फिलहाल पुलिस बच्चे के बारे में उसके परिजनों को बता दिया है और परिजनों ने बच्चे की पहचान वीडियो कॉल के जरिए कर दी है. बता दें कि दिल्ली पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट गुमशुदा लोगों की तलाश करती है. इस कड़ी में साउथ ईस्ट जिले की पुलिस टीम ने मुजफ्फरपुर से लापता बच्चे को दिल्ली से ढूंढा है.