मुजफ्फरपुरः जिले के बोचहां प्रखंड के दरधा घाट पर आथर गांव के लोगों ने मानव श्रृंखला का क्रम बनाए रखने के लिए गंडक नदी पर नावों की कतार लगा दी और बीच नदीं में नाव पर खड़े होकर मानव श्रृंखला बनाई. वहां नदी की चौड़ाई 200 फीट है. इसके अलावा राज्य में कई जगहों पर पहाड़ों पर खड़े होकर भी मानव श्रृंखला के क्रम को बरकरार रखा गया. यह मानव श्रृंखला जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह और दहेज प्रथा उन्मूलन के लिए बनाई गई.
ग्रामीणों ने बताया कि आथर गांव चारों तरफ नदी से घिरा है. ऐसे में मानव श्रृंखला में शामिल होने के लिए इनके पास नदी में श्रृंखला बनाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था. उन्होंने ने बताया कि यह गांव काफी पिछड़ा है. यहां सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. यह श्रृंखला बनाने का उद्धेश सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना भी था.
5 करोड़ लोग हुए शामिल
बता दें कि राज्यभर में लगभग 5 करोड़ बिहारवासियों ने ऐतिहासिक 18,034 किमी लंबी मानव शृंखला बनाई. जो की विश्व की सबसे लंबी मानव श्रृंखला का गोरव हासिल कर लिया है. बिहार ने अपना पुराना विश्व रिकार्ड तोड़ कर यह रिकोर्ड बनाया है. इससे पहले 2017 में बिहार ने शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए बिहार में 11292 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी. उसके बाद 2018 में दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ 13654 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी.
15 हेलीकॉप्टरों से हुई फोटोग्राफी
रविवार को यह मानव श्रृंखला दिन के 11:30 से लेकर 12:00 तक बनाई गई. इसकी एरियल फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए 15 हेलीकॉप्टर लगाए गए थे. मानव श्रृंखला के अवलोकन के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि को भी आमंत्रित किया गया था.