मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में स्किन कालाजार बीमारी से आंखों की रोशनी खोने मामले की जांच अब शुरू हो गई है. जिले में साहेबगंज, मड़वन और सकरा के चार मरीजों को स्किन का कालाजार होने पर दवा खिलायी जा रही थी. इसके साइड इफेक्ट से इन मरीजों की आंख खराब होने की पुष्टि हुई है. जांच शुरू होने से मरीजों को न्याय मिलने की आस जगी है.
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टीम का गठनः सिविल सर्जन डॉक्टर यूसी शर्मा ने जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है. टीम मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द सिविल सर्जन को सौंपेंगी. सिविल सर्जन ने कालाजार की दी जा रही दवा में परिवर्तन करने का भी आदेश दिया है. जिले में फिलहाल स्किन कालाजार के 39 एक्टिव मरीज हैं. सभी पर नजर रखी जा रही है.
मरीजों की मॉनिटरिंगः सिविल सर्जन डॉक्टर यूसी शर्मा ने बताया कि स्किन कालाजार से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन मरीजों को जो दवा खिलायी जा रही है, उसे मरीज की आंख जांच के बाद ही खिलाने का निर्णय लिया गया है. यदि आंख में परेशानी पायी जायेगी, तो सामान्य कालाजार मरीज से अलग दवा और उसका डोज दिया जायेगा. वहीं दूसरे किसी मरीज के दवा खाने से उनकी आंख खराब नहीं हो, इसके लिए 15 दिन पर मॉनिटरिंग की जायेगी. दवा खाने के 15 दिन बाद आंख की जांच में खराबी यदि बढ़ती है तो सदर अस्पताल लाकर इलाज कराया जायेगा.
"स्किन कालाजार से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन मरीजों को जो दवा खिलायी जा रही है, उसे मरीज की आंख जांच के बाद ही खिलाने का निर्णय लिया गया है. यदि आंख में परेशानी पायी जायेगी, तो सामान्य कालाजार मरीज से अलग दवा और उसका डोज दिया जायेगा"-डॉ यूसी शर्मा, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर