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बिहार में बाढ़ का हाल तो देखिये... थाना बना 'वाटर पार्क', जब्त गाड़ियां भी डूबीं

बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में भी बाढ़ से हालात खराब हो गये हैं. शहर के अहियापुर थाने में बाढ़ का पानी घुस गया है. यहां पानी बढ़ता ही जा रहा है. थाना परिसर वाटर पार्क में तब्दील हो चुका है.

हियारपुर थाना बना वाटर पार्क
हियारपुर थाना बना वाटर पार्क
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Published : Jul 6, 2021, 7:32 AM IST

मुजफ्फरपुर : बिहार में (Flood in Bihar) बाढ़ से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. नेपाल में हो रही बारिश के बाद अब उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर जिले (Flood in Muzaffarur) में गंडक और बागमती नदी के बाद अब बूढ़ी गंडक नदी भी खतरे के निशान के पास पहुंच गई है. जिसके वजह से मुजफ्फरपुर के कई निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. शहर से सटा अहियापुर थाना बाढ़ का पानी घुस जाने से झील में तब्दील हो चुका है.

ये भी पढ़ें : यह भी पढ़ें: Muzaffarpur Flood: उफान पर लखनदेई नदी, जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे लोग

बाढ़ के पानी से घिरा थाना
अहियापुर थाना बाढ़ के पानी से घिर चुका है. बूढ़ी गंडक के पानी से पूरा परिसर वाटर पार्क बन गया है. थाने में जब्त गाड़ियां पूरी तरह से डूब चुकी हैं. हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. ऐसे में लोग कमर भर पानी से होकर थाना पहुंच रहे हैं. वहीं, पुलिस कर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ के पानी में डूबी थाने में लगी जब्त गाड़ियां
बाढ़ के पानी में डूबी थाने में लगी जब्त गाड़ियां

'वरीय अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है. साथ ही सरकारी नाव की व्यवस्था की बात कही जा रही है.' :- सुनील रजक अहियापुर थानाध्यक्ष

ये भी पढ़ें : Flood in Muzaffarpur: बागमती नदी के उफान से तीन प्रखंडों के हालात बिगड़े, बरूआरी-शिवदहा मार्ग बाधित

पुलिस कर्मियों को हो रही परेशानी
गौरतलब है की शहर का अहियापुर थाना बड़े थानों में से एक है और कई हाईवे इस थाना क्षेत्र से जुड़ते हैं. थाना और मेन सड़क को जोड़ने वाले पहुंच पथ पर 4-5 फीट पानी भरा हुआ है. इस थाने में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को इससे होकर थाना आना और जाना पड़ता है. लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है.

देखें वीडियो

प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटा
आपको बता दें कि बागमती नदी के पीपा पुल के दोनों तरफ पानी चढ़ चुका है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. 14 पंचायत के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है. बाढ़ के पानी में चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. आने-जाने के लिए सिर्फ नाव का ही सहारा है. ग्रामीणों की मानें तो गांव में हर साल बाढ़ आती है, जिस वजह से गांव 2-3 महीने जलमग्न रहता है. इस दौरान काफी परेशानी होती है. किसी को ऊंची जगहों पर ठिकाना ढूंढना पड़ता है तो किसी को अपने रिश्तेदार के यहां रहना पड़ता है.

मुजफ्फरपुर : बिहार में (Flood in Bihar) बाढ़ से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. नेपाल में हो रही बारिश के बाद अब उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर जिले (Flood in Muzaffarur) में गंडक और बागमती नदी के बाद अब बूढ़ी गंडक नदी भी खतरे के निशान के पास पहुंच गई है. जिसके वजह से मुजफ्फरपुर के कई निचले इलाके में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. शहर से सटा अहियापुर थाना बाढ़ का पानी घुस जाने से झील में तब्दील हो चुका है.

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बाढ़ के पानी से घिरा थाना
अहियापुर थाना बाढ़ के पानी से घिर चुका है. बूढ़ी गंडक के पानी से पूरा परिसर वाटर पार्क बन गया है. थाने में जब्त गाड़ियां पूरी तरह से डूब चुकी हैं. हर तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. ऐसे में लोग कमर भर पानी से होकर थाना पहुंच रहे हैं. वहीं, पुलिस कर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बाढ़ के पानी में डूबी थाने में लगी जब्त गाड़ियां
बाढ़ के पानी में डूबी थाने में लगी जब्त गाड़ियां

'वरीय अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी गई है. साथ ही सरकारी नाव की व्यवस्था की बात कही जा रही है.' :- सुनील रजक अहियापुर थानाध्यक्ष

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पुलिस कर्मियों को हो रही परेशानी
गौरतलब है की शहर का अहियापुर थाना बड़े थानों में से एक है और कई हाईवे इस थाना क्षेत्र से जुड़ते हैं. थाना और मेन सड़क को जोड़ने वाले पहुंच पथ पर 4-5 फीट पानी भरा हुआ है. इस थाने में पदस्थापित पुलिसकर्मियों को इससे होकर थाना आना और जाना पड़ता है. लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है.

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प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूटा
आपको बता दें कि बागमती नदी के पीपा पुल के दोनों तरफ पानी चढ़ चुका है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. 14 पंचायत के लोगों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है. बाढ़ के पानी में चचरी पुल ध्वस्त हो गया है. आने-जाने के लिए सिर्फ नाव का ही सहारा है. ग्रामीणों की मानें तो गांव में हर साल बाढ़ आती है, जिस वजह से गांव 2-3 महीने जलमग्न रहता है. इस दौरान काफी परेशानी होती है. किसी को ऊंची जगहों पर ठिकाना ढूंढना पड़ता है तो किसी को अपने रिश्तेदार के यहां रहना पड़ता है.

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