मुजफ्फरपुर: बागमती नदी ( Bagmati River ) के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. जिले के औराई प्रखंड में पक्षियारी, बभनगांमा, पटोरी, मधुबन, प्रताप और भरथुआ सहित दर्जनों गांव बाढ़ से प्रभावित है. जलस्तर में वृद्धि देख नदी किनारे स्थित गांव के लोगों ने सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दी है.
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बात दें कि औराई प्रखंड में लगभग पूरे गांव में बाढ़ ( Flood in Muzaffarpur ) का पानी प्रवेश कर चुका है. लोगों अपने अनाज और जरूरी सामानों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने को भटक रहे हैं. लोगों का आरोप है कि अभी तक प्रशासन की ओर से किसी प्रकार की कोई मदद नहीं पहुंची है.
बाढ़ पीड़ित ने अपनी विपदा सुनाते हुए बताया कि ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं, तो वहां खाने की दिक्कत हो रहा है, पीने योग्य पानी नहीं मिल रहा है. लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बाढ़ पीड़ित लोगों के बीच किसी तरह का कोई भी सहायता प्रशासनिक अधिकारी की ओर से नहीं मिल रहा. किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे हैं.
नाव से सफर कर रहे जावेद ने बताया कि चारो ओर बाढ़ का पानी फैल रहा है. सड़के डूब गई हैं और तालाब में तब्दील हो गई है. इस वजह से हमे आवागमन के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में किसी के परिवार में कोई भी बीमार पड़ता है तो उसको इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ठीक ढंग से लोग इलाज भी नहीं करा पाते हैं.
ग्रामीणों की माने तो गांव में हर साल बाढ़ आती है, जिस वजह से गांव 2 से 3 महीने तक जलमग्न रहता है. इस दौरान काफी परेशानी होती है. किसी को ऊंची जगहों पर ठिकाना ढूंढना पड़ता है तो किसी को अपने रिश्तेदार के यहां रहना पड़ता है.
बता दें कि बिहार में आई बाढ़ के कारण विभिन्न जिलों में अब तक 2,05,066 पॉलिथीन शीट और 69,234 ड्राई राशन वितरण किया गया है. बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से अब तक 2,11,009 बाढ़ प्रभावित परिवारों को अनुग्रहिक राहत की राशि के रूप में प्रति परिवार को 6000 रुपए की दर से कुल 12.62 करोड़ की राशि के भुगतान की कार्रवाई की गई है.
बाढ़ पीड़ित परिवारों की ओर से जीआर की राशि के भुगतान की कार्रवाई की जा रही है. सभी को सीधे बैंक खाते में राशि भेजी जा रही है. बाढ़ से हुए फसल क्षति का आकलन भी कराया जा रहा है. आकलन के उपरांत फसल नुकसान के लिए किसानों को कृषि इनपुट अनुदान की राशि का भुगतान किया जाएगा.
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