मुजफ्फरपुर: मौसम में बदलाव मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में किसानों पर कहर बनकर टूटा है. कोरोना (Corona Pandemic) के कारण लॉकडाउन (Lockdown) की मार से किसान पहले से ही बेहाल थे. आर्थिक नुकसान झेल रहे फल कारोबारियों और किसानों की मुसीबत को आम की फसल ने और बढ़ा दिया है. लगातार भारी बारिश ने जिले में इस बार लीची के बाद आम की फसल को बर्बाद कर दिया है.
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फल में कीड़े ने बढ़ाई मुसीबत
मौसम में नमी (Weather Humidity) की वजह से आम के फल में कीड़े का प्रकोप होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं. इस बार आम की फसल में शुरुआत से लग रहे कीड़ों के चलते बागवान चिंतित दिख रहे हैं.
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आम से पलते हैं लाखों परिवार
आम की फसल से हजारों लोग रोजगार पाते हैं और इससे उनका परिवार पालता है. इस बार फसल अच्छी नहीं होने से उनका बढ़ गयी है.
अच्छी कमाई की थी उम्मीद
मुजफ्फरपुर के कांटी के बड़े फल कारोबारी कुमार उमेश ने अच्छी कमाई की उम्मीद में काफी ऊंचे दर पर मीनापुर (Minapur) में करीब पचास एकड़ का आम का बगीचा खरीदा था. लेकिन जून महीने में ही मौसम के बदलाव और लगातार हो रही बारिश से ज्यादातर पेड़ों के आम पर काले धब्बे पड़ गए हैं. इसकी वजह से इस बार आम के फल को अच्छी कीमत नहीं मिल रही है. किसी तरह आम लेकर मंडी पहुंच रहे हैं तो सस्ते में बेचना पड़ रहा है.
कम दाम पर आम बेचना मजबूरी
गौरतलब है की इस बार गर्मी कम पड़ने और लगातार बारिश होने से आम के बाग में कई तरह की बीमारियों भी पनप रही हैं. लगातार हो रही बारिश की वजह से आम के पेड़ों पर दवाओं के छिड़काव का भी असर नहीं हो रहा है. जिस वजह से फलों पर काले धब्बे पड़ गए हैं. नतीजन अब सस्ते में आम बेचना कारोबारियों की मजबूरी हो गई है.
'आम के व्यवसाय से जुड़े लोग साल भर इंतजार करते हैं. जब साल भर की कमाई इन्हीं कुछ महीनों में हो जाती है. इस बार कोरोना, आंधी-पानी से पहले ही बहुत नुकसान हुआ और अब जब आम पकने को है तो कीड़े लग गए. इस बार कमाई तो दूर की बात है मजदूरी भी बड़ी मुश्किल से निकल पा रही है. बिहार सरकार और जिला प्रशासन को मुआवजा देना चाहिए जिससे उनके नुकसान की कुछ भरपाई हो सके'. - उमेश कुमार, फल कारोबारी
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