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किसानों को नहीं मिल रही सरकारी मदद, बोले- हल चलाने वाले, कैसे करें ऑनलाइन आवेदन? - Farmers did not get government

मुजफ्फरपुर के 15 प्रखंड बुरी तरह बाढ़ से प्रभावित हुए. यहां किसानों की खरीफ की फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई है. वहीं, किसानों का कहना है कि उन्हें किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

बिहार की ताजा खबर
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Published : Sep 4, 2020, 10:21 PM IST

मुजफ्फरपुर : जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को प्रशासनिक सहायता नहीं मिल रही है. इसके चलते किसानों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के 15 प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ऐसे में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

किसानों की मानें तो खेतो में लगी धान की फसल के साथ-साथ मक्का और सब्जियों की फसल पूरी नष्ट हो गई है. वहीं, मदद प्रशासनिक मदद मिलता ना देख किसानों में नाराजगी है. केंद्रीय टीम भले ही बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रही हो. लेकिन किसान सरकारी मदद की आस लगाना छोड़ चुके हैं. किसानों के साथ-साथ ग्रामीण पुनर्वास और मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

देखें ये रिपोर्ट

बाढ़ प्रभावित मीनापुर प्रखंड
ईटीवी भारत की टीम बाढ़ प्रभावित मीनापुर प्रखंड के जामी मठिया गांव पहुंची. यहां किसानों ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है. फसलें बर्बाद हो गई हैं. सिर पर कर्ज है. बावजूद इसके, किसी तरह जिंदगी जी रहे हैं.

अभी भी जलजमाव की स्थिति
अभी भी जलजमाव की स्थिति

गांव के किसान कमल सिंह कहते हैं, ' सरकार ने कहा था कि 6 हजार रुपया मिलेगा, वो भी आजतक नहीं मिला है. क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद कुमार सिंह ने कहा, 'हम लोग खेती किये थे, वो बाढ़ में बह गई. प्रशासन से लेकर मुखिया तक कोई पूछने नहीं आता. सिर्फ ऑनलाइन आवेदन की बात हो रही है. ऐसे में हल चलाने वाला किसान कैसे ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.'

बाढ़ में बह गई फसल
बाढ़ में बह गई फसल

कब तक मिलेगी मदद?
कोरोना महामारी के चलते जहां किसानों को बीज के लिए मुसीबतें उठानी पड़ी. वहीं, बाढ़ ने गहरा जख्म दिया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को कब तक सरकारी मदद मिल पाती है.

मुजफ्फरपुर : जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में किसानों को प्रशासनिक सहायता नहीं मिल रही है. इसके चलते किसानों को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के 15 प्रखंड बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. ऐसे में किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है.

किसानों की मानें तो खेतो में लगी धान की फसल के साथ-साथ मक्का और सब्जियों की फसल पूरी नष्ट हो गई है. वहीं, मदद प्रशासनिक मदद मिलता ना देख किसानों में नाराजगी है. केंद्रीय टीम भले ही बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन कर रही हो. लेकिन किसान सरकारी मदद की आस लगाना छोड़ चुके हैं. किसानों के साथ-साथ ग्रामीण पुनर्वास और मुआवजे के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.

देखें ये रिपोर्ट

बाढ़ प्रभावित मीनापुर प्रखंड
ईटीवी भारत की टीम बाढ़ प्रभावित मीनापुर प्रखंड के जामी मठिया गांव पहुंची. यहां किसानों ने बताया कि उन्हें किसी प्रकार की कोई सहायता नहीं मिली है. फसलें बर्बाद हो गई हैं. सिर पर कर्ज है. बावजूद इसके, किसी तरह जिंदगी जी रहे हैं.

अभी भी जलजमाव की स्थिति
अभी भी जलजमाव की स्थिति

गांव के किसान कमल सिंह कहते हैं, ' सरकार ने कहा था कि 6 हजार रुपया मिलेगा, वो भी आजतक नहीं मिला है. क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा है.

ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रमोद कुमार सिंह ने कहा, 'हम लोग खेती किये थे, वो बाढ़ में बह गई. प्रशासन से लेकर मुखिया तक कोई पूछने नहीं आता. सिर्फ ऑनलाइन आवेदन की बात हो रही है. ऐसे में हल चलाने वाला किसान कैसे ऑनलाइन आवेदन कर सकता है.'

बाढ़ में बह गई फसल
बाढ़ में बह गई फसल

कब तक मिलेगी मदद?
कोरोना महामारी के चलते जहां किसानों को बीज के लिए मुसीबतें उठानी पड़ी. वहीं, बाढ़ ने गहरा जख्म दिया है. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को कब तक सरकारी मदद मिल पाती है.

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