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जमीन के लिए भूमिहीन परिवारों ने डीएम का किया घेराव, 10 डेसीमल भूमि देने का बने कानून

एकता परिषद ने धरना प्रदर्शन किया. प्रशासन से आवास के लिए जमीन और रोजगार की मांग की गई. जिसमें सैकड़ो की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल हुए.

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Published : Aug 27, 2019, 9:17 PM IST

एकता परिषद

मुजफ्फरपुर: जिले के समाहरणालय कैंपस में एकता परिषद ने धरना प्रदर्शन किया. जिसमें प्रशासन से आवास के लिए जमीन और रोजगार की मांग की गई. धरना में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल हुए.

MUZ
महिलाओं ने किया प्रदर्शन.

जमीन मुहैया कराने का दिया था आश्वासन

दरअसल मामला यह है कि बीते दो-तीन सालों में लोगों ने हजारों की संख्या में जमीन मुहैया कराने के लिए आवेदन दिया. कुछ दिन पहले सीओ ने लोगो के बीच आकर आश्वासन भी दिए थे कि जल्द लोगों को 5 डेसीमल जमीन मुहैया कराया जाएगा. लेकिन आजतक न ही जमीन मुहैया कराया गया और न ही सर्वेक्षण का काम किया गया. जिसको लेकर स्थानीय में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है.

MUZ
भूमि देने को लेकर कानून बनाने की मांग करती महिलाएं.
लोगों की ये हैं प्रमुख मांगे
  • आवासीय भूमिहीनों के लिए 10 डेसीमल भूमि देने का कानून बने.
  • कार्य के लिए प्रखंड स्तर पर विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए
  • गांव के प्रत्येक टोला के आवासीय भूमिहीनों का सर्वे कराया जाए.
  • सर्वेक्षित भूमिहीनों के लिए प्रशासन अपने स्तर से भूमि की खरीददारी करे.
    भूमिहीन परिवारों ने डीएम का किया घेराव

70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को मिले रोजगार

वहीं एकता परिषद् के सदस्य प्रदीन परिदर्शी का कहना है कि बेरोजगार युवक व युवतियों के काम के लिए मूल अधिकार का कानून बनाया जाए. हाइवे किनारे स्थित कंपनी में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी दिया जाए.

मुजफ्फरपुर: जिले के समाहरणालय कैंपस में एकता परिषद ने धरना प्रदर्शन किया. जिसमें प्रशासन से आवास के लिए जमीन और रोजगार की मांग की गई. धरना में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल हुए.

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महिलाओं ने किया प्रदर्शन.

जमीन मुहैया कराने का दिया था आश्वासन

दरअसल मामला यह है कि बीते दो-तीन सालों में लोगों ने हजारों की संख्या में जमीन मुहैया कराने के लिए आवेदन दिया. कुछ दिन पहले सीओ ने लोगो के बीच आकर आश्वासन भी दिए थे कि जल्द लोगों को 5 डेसीमल जमीन मुहैया कराया जाएगा. लेकिन आजतक न ही जमीन मुहैया कराया गया और न ही सर्वेक्षण का काम किया गया. जिसको लेकर स्थानीय में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है.

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भूमि देने को लेकर कानून बनाने की मांग करती महिलाएं.
लोगों की ये हैं प्रमुख मांगे
  • आवासीय भूमिहीनों के लिए 10 डेसीमल भूमि देने का कानून बने.
  • कार्य के लिए प्रखंड स्तर पर विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए
  • गांव के प्रत्येक टोला के आवासीय भूमिहीनों का सर्वे कराया जाए.
  • सर्वेक्षित भूमिहीनों के लिए प्रशासन अपने स्तर से भूमि की खरीददारी करे.
    भूमिहीन परिवारों ने डीएम का किया घेराव

70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को मिले रोजगार

वहीं एकता परिषद् के सदस्य प्रदीन परिदर्शी का कहना है कि बेरोजगार युवक व युवतियों के काम के लिए मूल अधिकार का कानून बनाया जाए. हाइवे किनारे स्थित कंपनी में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी दिया जाए.

Intro:मुज़फ़्फ़रपुर में समाहरणालय परिषर में एकता परिषद के द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया.धरना में सैकड़ो की संख्या में महिलाएं एवं पुरुष शामिल हुए.भूमि एवं रोजगार कर मुद्दे पर जन प्रदर्शन किया गया.Body:एकता परिषद के उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने बताया कि गत दो-तीन सालों में हज़ारों की संख्या में लोगो ने आवेदन दिया.सीओ लोगो के बीच आकर आस्वासन भी दिए कि 5 डेसीमल जमीन मुहैया कराया जाएगा.लेकिन आजतक न ही जमीन मुहैया कराया गया.न ही सर्वेक्षण के काम करवाया गया. प्रदीन परिदर्शी ने कहा की उनकी मुख्य मांगे ये है कि आवासीय भूमिहीनों के लिए 10 डेसीमल भूमि का कानून बने.इस कार्य के लिए राज्य,ज़िला तथा प्रखंड स्तर पर विशेष टास्क फोर्स का गठन किया जाए.प्रशासनिक स्तर पर गांव के प्रत्येक टोला में पहुँच कर आवासीय भूमिहीनों का सर्वे कराया जाए.सर्वेक्षित भूमिहीनों के लिए प्रशासन अपने स्तर से भूमि की तलाश या खरीददारी करे.
Byte प्रदीन परिदर्शी Conclusion:वही बेरोजगार युवक व युवतियों के लिए काम के मूल अधिकार का कानून बनाया जाए.फोरलेन के किनारे खड़ा हो रहे व्यापारिक में 70 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी दी जाए.
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