मुजफ्फरपुर : जिले के बहुचर्चित नवरूणा कांड में छह साल की खोजबीन के बाद भी सीबीआई को कुछ भी हाथ नहीं लगा. सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट माननीय उच्चतम न्यायालय को सौंप दी है. सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा कि नवरूणा की अपहरण और हत्या हुई है, यह बात सत्य है. लेकिन आरोपियों के खिलाफ सीबीआई की जांच टीम को ठोस साक्ष्य नहीं मिला है. गौरतलब है कि इस मामले में कोर्ट ने 10 लोगों को जेल भेजा था. लेकिन साक्ष्य के अभाव में सब लोग बाहर आ चुके हैं.
86 बिंदुओं की जांच के बाद सीबीआई ने सौंपी क्लोजर रिपोर्ट
चर्चित कांड की छह वर्षों से जांच कर रही सीबीआई ने फाइनल रिपाेर्ट जमा करने के साथ क्लोजर रिपोर्ट भी लगा दी है. 40 पन्ने के फाइनल रिपोर्ट में सीबीआई ने 86 बिंदुओं पर जांच की बात स्वीकार की है. रिपोर्ट में सात संदिग्धों का ब्रेन मैपिंग, पॉलीग्राफी और नार्को टेस्ट कराने का जिक्र किया है. किसी में कोई साक्ष्य नहीं मिल पाया. सीबीआई ने कहा है, 10 लाख रुपये तक इनाम घोषित करने के बावजूद भी कोई व्यक्ति किसी तरह का कोई साक्ष्य या जानकारी देने के लिए सामने नहीं आया. सीबीआई के फाइनल रिपाेर्ट पर 4 दिसंबर को अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
नाले में मिला था नवरूणा का कंकाल
सीबीआई ने अपने क्लोजर रिपोर्ट में साफ किया है कि चक्रवर्ती लेन के नाले से 26 नवंबर 2012 को मिले कंकाल और हड्डियों की डीएनए जांच कराई गई थी. जिस का मिलान अतुल चक्रवर्ती के डीएनए से किया गया. जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि नाले से मिली हड्डियां और कंकाल नवरूणा की ही थी. इस तरह अपहरण के बाद नवरुणा की हत्या कर दी गई और शव को नाले में सड़ा गला दिया गया था.
सीबीआई के कदम से पिता निराश
वहीं, सीबीआई के कदम को लेकर नवरूणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती ने निराशा जाहिर की है. इस मामले को लेकर नवरुणा के पिता का कहना है कि इस मामले उच्च स्तरीय ब्यूरोक्रेट्स, सफेदपोश और भू-माफियाओं का हाथ है. ऐसे में एक दबाव की रणनीति के तहत इस मामले को अब खत्म करने की साजिश की जा रही है.