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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने फिर उठाया सिर, 72 मामले आए सामने...चार की मौत - क्या होता है चमकी बुखार

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार (Chamki Bukhar in Muzaffarpur) का एक और नया मामला सामने आया है. जिले में एईएस मरीजों की संख्या 45 हो गई है. इसके साथ ही अन्य जिलों से एसकेएमसीएच में इलाज कराने आए मरीजों की संख्या 72 हो गयी है. जिनमें स्वस्थ्य होकर अस्पताल से 68 बच्चे घर लौट चुके हैं. पढ़ें पूरी खबर...

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार
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Published : Oct 4, 2022, 11:07 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बार फिर चमकी बुखार (AES in Muzaffarpur) के मामले बढ़ने लगे हैं. औराई में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) से पीड़ित एक बच्चा मिला है. अब जिले में एईएस मरीजों की संख्या 45 हो गई है. इसके साथ ही विभिन्न जिलों से एसकेएमसीएच में इलाज कराने आए मरीजों की संख्या 72 पहुंच चुकी है. जिनमें से चार बच्चों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: AES in Bihar: चमकी बुखार से ठीक हो चुके बच्चों की होगी निगरानी, किया जाएगा नियमित स्वास्थ्य जांच

एक और एईएस पीड़ित बच्चा मिला: मुजफ्फरपुर के औराई के जिस बच्चे में एईएस की पुष्टि हुई है. वह औराई के खेतलपुर निवासी राहुल पासवान का पुत्र आदित्य कुमार है. चमकी बुखार होने के बाद स्वजन उसको एसकेएमसीएच लेकर आए. यहां पर इलाज के बाद स्वस्थ होने पर रिलीज कर दिया गया. जिले में कांटी, मुशहरी, कुढ़नी हाई रिस्क जोन में है तो मुरौल एक ऐसा प्रखंड जहां पर अब तक एक भी मरीज नहीं मिला है.

'सही इलाज से स्वस्थ्य हो रहे पीड़ित बच्चे': एसकेएमसीएच शिशु रोग विभागाध्यक्ष ने बताया कि अगर चमकी-बुखार के मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाए तो वह स्वस्थ हो सकता है. उन्होंने बताया कि इस साल एसकेएमसीएच में 72 बच्चों का इलाज हुआ. उसमें चार बच्चों की मौत हुई तथा 68 स्वस्थ होकर घर लौटे. इसमें मुजफ्फरपुर के 45, सीतामढ़ी के 10, वैशाली व पश्चिम चंपारण के तीन-तीन, पूर्वी चंपारण के नौ और अररिया व सारण के एक-एक मरीज शामिल हैं.

क्या होता है चमकी बुखार? : गर्मी आते ही एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का डर बिहार को जकड़ने लगता है, खासकर राज्य के उत्तरी हिस्से में, जो मुख्य रूप से गर्मी की शुरुआत के साथ बच्चों में देखने को मिलता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. हालांकि इस वर्ष मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है.

चमकी बुखार के लक्षण: इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़-फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बार फिर चमकी बुखार (AES in Muzaffarpur) के मामले बढ़ने लगे हैं. औराई में एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) से पीड़ित एक बच्चा मिला है. अब जिले में एईएस मरीजों की संख्या 45 हो गई है. इसके साथ ही विभिन्न जिलों से एसकेएमसीएच में इलाज कराने आए मरीजों की संख्या 72 पहुंच चुकी है. जिनमें से चार बच्चों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें: AES in Bihar: चमकी बुखार से ठीक हो चुके बच्चों की होगी निगरानी, किया जाएगा नियमित स्वास्थ्य जांच

एक और एईएस पीड़ित बच्चा मिला: मुजफ्फरपुर के औराई के जिस बच्चे में एईएस की पुष्टि हुई है. वह औराई के खेतलपुर निवासी राहुल पासवान का पुत्र आदित्य कुमार है. चमकी बुखार होने के बाद स्वजन उसको एसकेएमसीएच लेकर आए. यहां पर इलाज के बाद स्वस्थ होने पर रिलीज कर दिया गया. जिले में कांटी, मुशहरी, कुढ़नी हाई रिस्क जोन में है तो मुरौल एक ऐसा प्रखंड जहां पर अब तक एक भी मरीज नहीं मिला है.

'सही इलाज से स्वस्थ्य हो रहे पीड़ित बच्चे': एसकेएमसीएच शिशु रोग विभागाध्यक्ष ने बताया कि अगर चमकी-बुखार के मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाए तो वह स्वस्थ हो सकता है. उन्होंने बताया कि इस साल एसकेएमसीएच में 72 बच्चों का इलाज हुआ. उसमें चार बच्चों की मौत हुई तथा 68 स्वस्थ होकर घर लौटे. इसमें मुजफ्फरपुर के 45, सीतामढ़ी के 10, वैशाली व पश्चिम चंपारण के तीन-तीन, पूर्वी चंपारण के नौ और अररिया व सारण के एक-एक मरीज शामिल हैं.

क्या होता है चमकी बुखार? : गर्मी आते ही एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) का डर बिहार को जकड़ने लगता है, खासकर राज्य के उत्तरी हिस्से में, जो मुख्य रूप से गर्मी की शुरुआत के साथ बच्चों में देखने को मिलता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. हालांकि इस वर्ष मरीजों की संख्या में कमी देखी जा रही है.

चमकी बुखार के लक्षण: इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़-फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.

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