मुजफ्फरपुर: कुढ़नी के निवर्तमान विधायक डॉ अनिल सहनी ने शुक्रवार काे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि एलटीसी घोटाला के खिलाफ हमने आवाज उठायी थी. हमें ही CBI ने इसमें फंसाकर निचली अदालत से फैसला करवा दिया. जिसे हाई कोर्ट ने निलंबित कर दिया है. इसमें हाई कोर्ट जैसा फैसला दे.डॉ सहनी ने संवादताओ को सम्बोधित करते हुए कहा कि पहले CBI कांग्रेस का तोता हुआ करती थी, जब से BJP की सरकार आई उसकी तोता हो गई. एलटीसी घोटाले को लेकर कहा की एक रुपया उनके खाते में नहीं आया. डॉ अनिल सहनी मिडिया से बात करते हुए कहा कि भ्र्ष्टाचार को लेकर लगातार वो मुखर हो विरोध करते रहे हैं और करते रहेंगे.
इसे भी पढ़ेंः अनिल सहनी के बहाने BJP ने RJD को घेरा, कहा- भ्रष्टाचार पर चाल-चरित्र-चेहरा फिर उजागर
क्या है अनिल सहनी पर आरोपः अनिल सहनी जेडीयू से 2010 से लेकर 2018 तक दो बार बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे. सहनी फिलहाल बिहार से आरजेडी के विधायक हैं. अनिल सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी. सहनी पर आरोप है कि राज्यसभा सांसद रहते उन्होंने बिना कोई यात्रा किए जाली ई-टिकट और फर्जी बोर्डिंग पास के जरिये 23 लाख 71 हजार रुपये की धोखाधड़ी की थी.
इसे भी पढ़ेंः अनिल सहनी के बचाव में RJD, बोले शक्ति सिंह- 'कानून का है सम्मान, लेकिन ऊपरी अदालत का लेंगे सहारा'
क्या है एलटीसी घोटालाः अवकाश और बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिए जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर किया था. सीबीआई ने इस मामले में मनी लाउंड्रिंग एक्ट, धोखाधड़ी, सरकारी पद के दुरुपयोग की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. अवकाश और बिना यात्रा किए लाखों रुपये का भत्ता लिए जाने के एलटीसी घोटाले के मामले में 31 अक्टूबर 2013 में सीबीआई ने केस दर्ज किया था. कोर्ट ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल कुमार सहनी के साथ-साथ एयर इंडिया के तत्कालीन सुपरिंटेंडेंट (ट्रैफिक) एनएस नायर और अरविंद तिवारी को 2 साल की सजा सुनाई थी. साथ ही सभी पर 3 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था.