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मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार से 11 और बच्चों की मौत, अब तक 83 की गई जान - Samastipur

विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक कुल 165 मामले ही सामने आये हैं. जिनमें 57 बच्चों की मौत हुई है. अभी 66 इलाजरत हैं. शुक्रवार देर रात तक जिन 11 बच्चों ने दम तोड़ा उनमे पांच नए मरीज थे.

अस्पताल में भर्ती बच्चे और उनकी देखभाल के लिए मौजूद परिजन
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Published : Jun 15, 2019, 8:50 AM IST

Updated : Jun 15, 2019, 10:30 AM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में AES से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमकी बुखार से शुक्रवार की सुबह से देर रात तक 11 और बच्चों की मौत हो गई. वही एसकेएमसीएच में 38 और केजरीवाल अस्पताल में छह नए मरीज भर्ती किए गए हैं. 44 नए मरीजों के साथ चमकी बुखार के 243 मामले सामने आ चुके हैं.

हालांकि विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक कुल 165 मामले ही सामने आये हैं. जिनमें 66 बच्चों की मौत हुई है. एसकेएमसीएच में 55 बच्चों की जान गयी है जबकि केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत हुई है. वैसे शुक्रवार देर रात तक जिन 11 बच्चों ने दम तोड़ा उनमे पांच नए मरीज थे. आठ ने एसकेएमसीएच और तीन ने केजरीवाल में दम तोड़ा इसके अलावा समस्तीपुर जिले में भी 3 बच्चों की मौत हुई है.

अस्पताल में भर्ती के लिए ले जाए जाते बच्चे

जाप छात्रों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. उधर पटना में जन अधिकार छात्र परिषद ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के आवास पर शुक्रवार को प्रदर्शन किया और आवास पर लगे बोर्ड पर कालिख पोत दी. सैकड़ों छात्र मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का जवाब मांग रहे थे. उनका आरोप था कि मुजफ्फरपुर में इतने बच्चों की मौत हो गई. अभी तक सरकार सोई हुई है.

3
बच्ची को अस्पताल पहुंचाते परिजन

केंद्रीय मंत्री ने ली हाईलेवल मीटिंग
गुरुवार को दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में हो रही मौत को लेकर अहम बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मौजूद थे. इस दौरान मुजफ्फरपुर के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. बैठक में केंद्रीय टीम की रिपोर्ट की समीक्षा की गई थी.

2
अस्पतताल में भर्ती चमकी से पीड़ित बच्चा

लोगों को जागरूक होने की जरूरत
एईएस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समुचित व्यवस्था, आशा वर्करों को एक्टिव करने के अलावा इस बीमारी के कारणों को लोगों को बताने पर बल दिया गया है.

मुजफ्फरपुर: बिहार में AES से मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. चमकी बुखार से शुक्रवार की सुबह से देर रात तक 11 और बच्चों की मौत हो गई. वही एसकेएमसीएच में 38 और केजरीवाल अस्पताल में छह नए मरीज भर्ती किए गए हैं. 44 नए मरीजों के साथ चमकी बुखार के 243 मामले सामने आ चुके हैं.

हालांकि विभाग के रिपोर्ट के मुताबिक कुल 165 मामले ही सामने आये हैं. जिनमें 66 बच्चों की मौत हुई है. एसकेएमसीएच में 55 बच्चों की जान गयी है जबकि केजरीवाल अस्पताल में 11 बच्चों की मौत हुई है. वैसे शुक्रवार देर रात तक जिन 11 बच्चों ने दम तोड़ा उनमे पांच नए मरीज थे. आठ ने एसकेएमसीएच और तीन ने केजरीवाल में दम तोड़ा इसके अलावा समस्तीपुर जिले में भी 3 बच्चों की मौत हुई है.

अस्पताल में भर्ती के लिए ले जाए जाते बच्चे

जाप छात्रों ने किया था प्रदर्शन
बता दें कि शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. उधर पटना में जन अधिकार छात्र परिषद ने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के आवास पर शुक्रवार को प्रदर्शन किया और आवास पर लगे बोर्ड पर कालिख पोत दी. सैकड़ों छात्र मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से बच्चों की मौत का जवाब मांग रहे थे. उनका आरोप था कि मुजफ्फरपुर में इतने बच्चों की मौत हो गई. अभी तक सरकार सोई हुई है.

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बच्ची को अस्पताल पहुंचाते परिजन

केंद्रीय मंत्री ने ली हाईलेवल मीटिंग
गुरुवार को दिल्ली में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में हो रही मौत को लेकर अहम बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे, स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मौजूद थे. इस दौरान मुजफ्फरपुर के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई. बैठक में केंद्रीय टीम की रिपोर्ट की समीक्षा की गई थी.

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अस्पतताल में भर्ती चमकी से पीड़ित बच्चा

लोगों को जागरूक होने की जरूरत
एईएस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समुचित व्यवस्था, आशा वर्करों को एक्टिव करने के अलावा इस बीमारी के कारणों को लोगों को बताने पर बल दिया गया है.

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Last Updated : Jun 15, 2019, 10:30 AM IST
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