मुंगेरः जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिससे दियारा के किनारे कटाव शुरू हो गया है. साथ ही खेत में लगी फसल डूबने लगी है. इसे देखते हुए किसान जैसे-तैसे अपनी सब्जियों को बाजार में बेचने को मजबूर हो गए हैं. जिससे उन्हें काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
डेढ़ मीटर जलस्तर में वृद्धि
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 5 मीटर नीचे है. गंगा का जलस्तर शनिवार की दोपहर तक 35.87 है. लेकिन दियारा के निचले हिस्सो में जलस्तर तेजी से बढ़ हा है. मुंगेर में पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश के कारण गंगा के जलस्तर में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार से शनिवार दोपहर 12:00 बजे तक गंगा के जलस्तर में डेढ़ मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है. शनिवार की दोपहर तक गंगा 35.87 के निशान पर बह रही है.
बाढ़ की संभावना
स्थानीय मुन्ना तिवारी ने बताया कि 24 घंटे में गंगा डेढ से 2 मीटर बढ़ी है. शनिवार को बाबू का घाट की 4 सीढ़ी गंगा में डूब गई. उन्होंने बताया कि अगर इसी रफ्तार से नदी का जलस्तर बढ़ता रहा तो बाढ़ की संभावना बढ़ जाएगी. गंगा का जलस्तर बढ़ने से धरहरा प्रखंड के हेमजापुर, बाहा चौकी, शिव कुंड, जाफर नगर पंचायत के सीता चरण, बिंद टोली, कुतलूपुर पंचायत, तारापुर दियारा के दीवानी टोला, फूलकिया, महुली, टीका रामपुर, नौवागढ़ उत्तरी पंचायत के चौड़ क्षेत्र के कई गांव में कटाव शुरू हो गया है. हर साल इन जगहों के लोगों को बाढ़ का सामना करना पड़ता है.
क्या कहते हैं एसडीएम
सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेश चंद्र झा ने बताया कि संभावित बाढ़ को लेकर मुंगेर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां की है. बाढ़ ग्रस्त ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कई विद्यालय और निजी स्थान को चिन्हित किया गया है. जानवरों के चारा के समस्या से निदान के लिए सूखे चारे का पर्याप्त मात्रा में भंडारण कर लिया गया है.
'परिस्थिति से निपटने में सक्षम है प्रशासन'
खगेश चंद्र झा ने बताया कि दर्जनों नावों को निबंधित कर सुरक्षित रख लिया गया है. सदर मुंगेर धरहरा और जमालपुर प्रखंड के गंगा के तटवर्ती इलाकों में अधिकारियों के माध्यम से विशेष निगरानी रखी जा रही है. बाढ़ की किसी भी परिस्थिति से निपटने में प्रशासन सक्षम है.