मुंगेर: बिहार के मुंगेर (Munger) जिले में 11 जून से हो रही लगातार बारिश के कारण गंगा का जलस्तर (Water Level of Ganga) उफान पर है. दूसरी ओर नेपाल (Nepal) द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण गंगा की सहायक नदियों गंडक, घाघरा, बूढ़ी गंडक, पुनपुन और कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है.
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लगातार बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 1.98 मीटर बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके कारण गंगा का जलस्तर बढ़कर 36.98 मीटर पहुंच गया है. केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी ने बताया कि गंगा का जलस्तर 2 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ने की संभावना है. यदि इसी तरह गंगा का जलस्तर बढ़ेगा तो जून माह में ही लोगों को बाढ़ की विभीषिका से दो-चार होना पड़ सकता है.
निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
जल स्तर बढ़ने के कारण अब निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने लगा है. गंगा का जलस्तर बढ़ने से चंडिका स्थान के पास से दलहटा बाजार, लाल दरवाजा, छोटी केलाबाड़ी, मिर्ची तालाब आदि क्षेत्र में गंगा का पानी प्रवेश करता है, जबकि दूसरी ओर से हेरुदीयरा की ओर से कासिम बाजार, मोकबिरा, चाय टोला, आचुअबाग से हजरतगंज खानकाह की ओर गंगा का पानी शहरी क्षेत्र में प्रवेश करता है.
पशुपालकों के सामने चारे की समस्या
मुंगेर में गंगा के जलस्तर के खतरे का निशान 39.37 मीटर है. इस स्तर तक गंगा के जलस्तर को पहुंचने में अभी समय लगेगा, लेकिन दियारावासियों खासकर पशुपालकों को परेशानी अब से ही होने लगी है, क्योंकि निचले हिस्से में बाढ़ का पानी घुसने के साथ ही पशुपालकों के सामने चारे की समस्या उत्पन्न होने लगी है.
नाव के सहारे पलायन को मजबूर
खेतों के डूबने के साथ ही हरा चारा भी समाप्त होने लगा है. ऐसे में अपने मवेशियों के साथ सुरक्षित और चारे वाले स्थान की ओर पलायन करना पशुपालकों के लिए मजबूरी बन गई है. पशुपालक अपने पशुओं को नाव के सहारे सुरक्षित स्थान की ओर ले जा रहे हैं.
खेतों मे घुसा पानी, सब्जियों की बढ़ी कीमत
दियारा इलाके के खेत अब धीरे-धीरे बाढ़ के पानी में समाने लगे हैं. ऐसे में आने वाले दिनों में करेला, परबल, नैनुआ, भिंडी आदि के मूल्यों में बढ़ोतरी हो रही है, तो ये कोई अचरज की बात नहीं है. बाढ़ के कारण सबसे अधिक परबल और करेले के खेत डूब रहे हैं, इससे इन सब्जियों की कीमत बढ़ गई है.
''गंगा के जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन की नजर है. दियारा इलाके में पानी पूरी तरह प्रवेश नहीं किया है. सीओ को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिया गया है. किसी भी समस्या के निवारण के लिए आने पर 24 घंटे अधिकारी कार्यरत हैं. गंगा किनारे घाट पर गोताखोर भी तैनात हैं.''- खगेश चंद्र झा, एसडीएम
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