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मुंगेर गोलीकांडः सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अनुराग पोद्दार के पिता को मिला 10 लाख रुपए का मुआवजा पत्र - अनुराग पोद्दार

मुंगेर गोलीकांड में मारे गए छात्र अनुराग पोद्दार के घरवालों का संघर्ष रंग लाता दिख रहा है. जिस मुआवजे को न देने के लिए बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, वो खारिज कर दी गई. अब प्रशासन ने अनुराग के घरवालों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पढ़ें रिपोर्ट.

डीएम ने दिया मुआवजा
डीएम ने दिया मुआवजा
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Published : Jun 23, 2021, 11:01 PM IST

मुंगेरः जिले के नए डीएम नवीन कुमार (Naveen Kumar) ने बुधवार को अनुराग पोद्दार (Anurag Poddar ) के पिता अमरनाथ पोद्दार को 10 लाख रुपये का मुआवजा पत्र सौंपा. 24 घंटे के अंदर डिजिटल माध्यम से यह राशि उनके खाते में ट्रांसफर हो जाएगी. बता दें कि 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोलीकांड में पुलिस की गोली से 22 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी. उसके बाद मृतक के पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

यह भी पढ़ें: मुंगेर: प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस और लोगों के बीच झड़प, गोलीबारी में 1 की मौत दर्जनों घायल

'घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है. 10 लाख रुपये का डिजिटल सहमति पत्र सौंप दिया गया है. अनुराग के पिता हार्डवेयर दुकान चला रहे हैं. उनकी दुकान को और बेहतर बनाने के लिए भी मदद की जाएगी. सरकारी योजनाओं में भी इन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.' -नवीन कुमार, डीएम

अनुराग पोद्दार
अनुराग पोद्दार (फाइल)

अभी लड़नी है लंबी लड़ाई
मौके पर मुंगेर सिविल कोर्ट में अनुराग के पिता की कानूनी लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता ओमप्रकाश पोद्दार भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि लंबी लड़ाई लड़नी है. यह सहमति पत्र पहले ही सरकार को देना चाहिए था. 10 लाख रुपये मुआवजा के लिए भी हम लोगों को कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. तब जाकर सरकार अपनी फजीहत से बचने के लिए यह राशि दे रही है. अभी हमें लंबी लड़ाई लड़नी है.

'हमें इंसाफ चाहिए. हमारे बेटे के कातिल को फांसी की सजा होनी चाहिए. वह हमारे घर का इकलौता चिराग, चार बहनों में अकेला भाई था. उसकी निर्मम हत्या की गई. निहत्थे श्रद्धालु पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए. हमें कानून पर पूरा भरोसा है. देर जरूर हो रही है लेकिन कार्रवाई जरूर होगी.' -अमरनाथ पोद्दार, अनुराग के पिता

सुप्रीम कोर्ट गई थी बिहार सरकार
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिसिया फायरिंग के शिकार हुए अनुराग हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने 7 अप्रैल 2021 को राज्य सरकार को एक महीने के अंदर पीड़ित परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने 4 जून 2021 को खारिज कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार भी लगाई थी. वहीं पोद्दार हत्या मामले में अगली सुनवाई 25 जून को है.

मुंगेर सिविल कोर्ट ( Munger Civil Court ) में अनुराग हत्या मामले को देख रहे अधिवक्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने बताया कि सरकार की लालफीताशाही के कारण पीड़ित पिता अमरनाथ पोद्दार अवमानना वाद लाने के लिए हाईकोर्ट में अधिवक्ता को नियुक्त कर चुके थे. मृतक अनुराग के दोस्त हर्ष ने बताया कि कमजोर को न्याय मिलने आसान नहीं है. सरकार ने बहुत देर कर दी, यह पहले हो जाना चाहिए था.

यह भी पढ़ें: मुंगेर गोलीकांड में पुलिस की 'हार', बड़ी दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समिति के 3 सदस्यों को जमानत

मुंगेर दुर्गा विर्सजन मामला
मामला 26 अक्टूबर 2020 का है. मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान घटना हुई थी. जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ी और गैर कानूनी गतिविधियां जैसे पुलिस पर पत्थरबाजी और गोलियां चलाई गई. गोलीकांड के बाद एसपी के नेतृत्व वाली मुंगेर पुलिस ने घटना के समय कोई प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया और भक्तों पर बर्बर तरीके से फायरिंग की.

मामले में हुई जांच में भी पाया गया कि दुर्गा पूजा में हुई फायरिंग के दौरान 18 वर्षीय अनुराग बिल्कुल निहत्था था और उस पर किसी प्रकार की कोई गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप नहीं थे. इसलिए कोर्ट ने बिहार सरकार को मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था.

यह भी पढ़ेंः मुंगेर हिंसा की CBI जांच की मांग, लोगों ने निकाला कैंडल मार्च

मुंगेरः जिले के नए डीएम नवीन कुमार (Naveen Kumar) ने बुधवार को अनुराग पोद्दार (Anurag Poddar ) के पिता अमरनाथ पोद्दार को 10 लाख रुपये का मुआवजा पत्र सौंपा. 24 घंटे के अंदर डिजिटल माध्यम से यह राशि उनके खाते में ट्रांसफर हो जाएगी. बता दें कि 26 अक्टूबर 2020 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान गोलीकांड में पुलिस की गोली से 22 वर्षीय अनुराग पोद्दार की मौत हो गई थी. उसके बाद मृतक के पिता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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'घटना के पीछे के कारणों की जांच की जा रही है. 10 लाख रुपये का डिजिटल सहमति पत्र सौंप दिया गया है. अनुराग के पिता हार्डवेयर दुकान चला रहे हैं. उनकी दुकान को और बेहतर बनाने के लिए भी मदद की जाएगी. सरकारी योजनाओं में भी इन्हें प्राथमिकता दी जाएगी.' -नवीन कुमार, डीएम

अनुराग पोद्दार
अनुराग पोद्दार (फाइल)

अभी लड़नी है लंबी लड़ाई
मौके पर मुंगेर सिविल कोर्ट में अनुराग के पिता की कानूनी लड़ाई लड़ने वाले अधिवक्ता ओमप्रकाश पोद्दार भी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि लंबी लड़ाई लड़नी है. यह सहमति पत्र पहले ही सरकार को देना चाहिए था. 10 लाख रुपये मुआवजा के लिए भी हम लोगों को कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. तब जाकर सरकार अपनी फजीहत से बचने के लिए यह राशि दे रही है. अभी हमें लंबी लड़ाई लड़नी है.

'हमें इंसाफ चाहिए. हमारे बेटे के कातिल को फांसी की सजा होनी चाहिए. वह हमारे घर का इकलौता चिराग, चार बहनों में अकेला भाई था. उसकी निर्मम हत्या की गई. निहत्थे श्रद्धालु पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मी को फांसी से कम सजा नहीं होनी चाहिए. हमें कानून पर पूरा भरोसा है. देर जरूर हो रही है लेकिन कार्रवाई जरूर होगी.' -अमरनाथ पोद्दार, अनुराग के पिता

सुप्रीम कोर्ट गई थी बिहार सरकार
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिसिया फायरिंग के शिकार हुए अनुराग हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद ने 7 अप्रैल 2021 को राज्य सरकार को एक महीने के अंदर पीड़ित परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का आदेश दिया था. इस आदेश के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर किया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) ने 4 जून 2021 को खारिज कर दिया था और सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार भी लगाई थी. वहीं पोद्दार हत्या मामले में अगली सुनवाई 25 जून को है.

मुंगेर सिविल कोर्ट ( Munger Civil Court ) में अनुराग हत्या मामले को देख रहे अधिवक्ता ओम प्रकाश पोद्दार ने बताया कि सरकार की लालफीताशाही के कारण पीड़ित पिता अमरनाथ पोद्दार अवमानना वाद लाने के लिए हाईकोर्ट में अधिवक्ता को नियुक्त कर चुके थे. मृतक अनुराग के दोस्त हर्ष ने बताया कि कमजोर को न्याय मिलने आसान नहीं है. सरकार ने बहुत देर कर दी, यह पहले हो जाना चाहिए था.

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मुंगेर दुर्गा विर्सजन मामला
मामला 26 अक्टूबर 2020 का है. मुंगेर में दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान घटना हुई थी. जुलूस के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ी और गैर कानूनी गतिविधियां जैसे पुलिस पर पत्थरबाजी और गोलियां चलाई गई. गोलीकांड के बाद एसपी के नेतृत्व वाली मुंगेर पुलिस ने घटना के समय कोई प्रक्रिया को फॉलो नहीं किया और भक्तों पर बर्बर तरीके से फायरिंग की.

मामले में हुई जांच में भी पाया गया कि दुर्गा पूजा में हुई फायरिंग के दौरान 18 वर्षीय अनुराग बिल्कुल निहत्था था और उस पर किसी प्रकार की कोई गैर कानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप नहीं थे. इसलिए कोर्ट ने बिहार सरकार को मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया था.

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