मुंगेर: एक्टर राजन कुमार चार्ली चैपलिन (Charlie Chaplin) का किरदार निभाने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (Guinness Book of World Records) और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड (Limca Book of Records) में नाम दर्ज करवा चुके हैं. राजन का जन्म बिहार के मुंगेर जिला के टेटियाबम्बर गांव में 1979 में हुआ था.
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राजन के पिता लक्ष्मण प्रसाद सिंह किसान हैं. राजन बचपन से ही कुछ अलग कर गुजरने की तमन्ना रखते थे. ईटीवी भारत के संवाददाता से बातचीत में राजन ने कहा कि वह बचपन से ही बंदर को काफी पसंद करते थे. गांव में जब भी मदारी बंदर का खेल दिखाने आता तो उसे बड़े चाव से देखते थे. बंदरों के हावभाव की नकल करना उन्हें पसंद था.
राजन ने कहा, 'बंदर की एक्टिंग से मुझे काफी प्रेरणा मिली थी. बचपन में ही मैंने तय कर लिया था कि एक्टिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ना है. मैंने पद्म विभूषण सत्यदेव गुरु के सानिध्य में अभिनय की शिक्षा ली. इसके बाद थिएटर, टेलीविजन और फिल्मों में काम किया.'
राजन ने मुंबई में अपने संघर्ष के दिनों की कहानी साझा की. उन्होंने कहा, 'मेरे एक मित्र रेस्टोरेंट के प्रचार के लिए पंप्लेट अलग तरीके से बांटना चाहते थे. मैंने कहा कि क्यों ना चार्ली चैपलिन बनकर पंप्लेट बांटा जाए. उन्हें यह आइडिया पसंद आया. मैं चार्ली चैपलिन के गेटअप में सड़क पर खड़ा हो गया और पंप्लेट बांटना शुरू कर दिया. सड़क से गुजर रहे लोग इससे आकर्षित हुए.'
"चार्ली चैपलिन के गेटअप में लोगों ने मुझे खूब पसंद किया. लोग मुझे चार्ली चैपलिन के नाम से पुकारने लगे. चार्ली चैपलिन के गेटअप में मैंने 5013 लाइव शो किया और करीब 15 हजार घंटे परफॉर्म किया. इसके कारण लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिली."- राजन कुमार, अभिनेता
बता दें कि राजन कुमार ने अपने करियर की शुरुआत थियेटर से की थी. इसके बाद टीवी सीरियल सीआईडी, ये हवाएं, हीरो, लापतागंज, चिड़ियाघर और सीआईडी में काम किया. हिंदी फिल्म 'एजेंट विनोद' और 'बंटी बबली' में भी उन्होंने अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरा है. पद्मश्री नेपाली महतो के सानिध्य में छऊ नृत्य के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड मिला था.
बहुमुखी प्रतिभा के धनी राजन अभिनेता के अलावा लेखक भी हैं. हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'नमस्ते बिहार' को उन्होंने लिखा था. इसके अलावा उन्होंने मुंगेर में घटी एक सत्य घटना के आधार पर लघु फिल्म 'लहरिया कट' का लेखन किया था. उनकी शॉर्ट फिल्म 'बबल गम' ने कान फिल्म फेस्टिवल और बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में धूम मचाई थी.
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