मुंगेर: 1868 ईसवी में स्थापित एशिया का पहला जमालपुर रेल इंजन कारखाना के कारीगरों ने एक बार फिर से अपने कारीगरी का लोहा मनवा लिया है. इस से पहले भी जमालपुर रेल इंजन कारखाना में कारीगरों ने सफल वाष्प इंजन (Steam Engine) तैयार किया था और हाइड्रोलिक क्रेन यहां के कारीगरों ने बनाकर पूरी दुनिया में अपने कारीगरी का लोहा मनवाया था. अब एक बार फिर से यहां के कारीगरों ने स्क्रैप मैटेरियल से सुंदर पार्क का ( Scrap Material Made Park In Munger) निर्माण कर अपनी कारीगरी का अद्भुत नमूना पेश किया है. इस पार्क में स्टैचू एवं कलाकृति सभी स्क्रैप मटेरियल (Statue Made Of Scrap Material In Jamalpur) से ही बनाया गया है. पार्क को देखकर लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि यहां के कारीगरों ने इतनी सुंदर कलाकृति बनाई है. स्क्रैप पार्क बनाने की पहल की तारीफ रेलवे के बड़े अधिकारी भी कर रहे हैं. साथ ही जमालपुर मॉडल को पसंद भी कर रहे हैं.
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स्क्रैप पार्क में इंडिया गेट ,स्टैचू ऑफ लिबर्टी, सांची स्तूप, प्रपोज पेयर, लॉर्ड बुद्धा आकर्षण का केंद्र: बता दें कि, मुंगेर में स्क्रैप मटेरियल से छह जगहों पर पार्क बनाया गया है. इन पार्कों में बनाई गई मूर्तियों में लॉर्ड बुद्धा ,स्टैचू ऑफ लिबर्टी, प्रपोज लव पेयर की स्टैचू बेहद आकर्षक हैं. दूर से देखने पर विश्वास ही नहीं होता कि यह लोहे के स्क्रैप से बना हुआ है. लेकिन जब नजदीक से लोग देखते हैं तब पता चलता है कि, स्टैचू रेल इंजन के स्प्रिंग से बना है तो कोई रेल इंजन के डब्बे के लोहे के चादर की सीट से बना है. इन पार्कों में इंडिया गेट, मिसाइल, एफिल टावर, राष्ट्रीय पक्षी मोर,घोड़ा, ग्लोब, साइकिल चलाता हुआ इंसान. हम दो हमारे दो को संदेश देता हुआ परिवार का स्टैचू भी बनाया गया है. भारत के पारंपरिक हथियारों को लेकर प्रदर्शित करता स्टैचू समेत ईडेन गार्डन, पुरानी जीप, वेस्पा स्कूटर समेत कई कलाकृतियां पार्क में बनाई गई है, जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.
दरअसल, जमालपुर रेल कारखाना में हजारों रेल कर्मी काम करते हैं. पार्क बनाने का उद्देश्य ये है कि, अगर काम के दौरान कर्मी मानसिक रूप से थकान महसूस करें तो वे अपने वर्कशॉप के बगल में स्थित इन पार्कों में थोड़ी देर घूम लेंगे तो उनकी थकान मिट जाएगी. इस संबंध में रेल इंजन कारखाना के सीनियर सेक्शन इंजीनियर भानु प्रताप पाठक ने कहा कि, मानसिक तनाव को दूर करने के लिए यह पार्क बेहतर विकल्प है. सीडब्ल्यूएम सुदर्शन विजय की सोच को हम लोगों ने जमीन पर उतारा है. इस काम में डिप्टी प्रोडक्शन प्रेम प्रकाश, डिप्टी डीजल धर्मेंद्र साकिया का महत्वपूर्ण भूमिका है. इन दोनों के नेतृत्व में ही पार्क निर्माण की परिकल्पना जमीन पर उतर सकी है. लगभग आधा दर्जन पार्क विभिन्न वर्कशॉप और कार्यालय के पास बनाया गया है.
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इस संबंध में जानकारी देते हुए बीटीसी के रेलकर्मी जन्मजय ने बताया कि, जमालपुर रेल कारखाना में छह जगहों पर पार्क बनाया गया है. प्रशासनिक भवन के सामने, मुख्य प्रवेश द्वार के वर्टिकल गार्डन, टाइम बूथ गार्डन, बुद्ध प्रकाश गार्डन, बीटीसी एवं एमटीएस के पास गार्डन बनाया गया है. पार्क निर्माण में सैकड़ों रेलकर्मी दिन रात एक कर काम किया है. उन्होंने कहा कि, रेलकर्मी लंच के समय इन पार्कों में आकर लंच भी करेंगे और थोड़ा आराम भी कर सकेंगे. इससे उनमें एनर्जी और बेहतर सोच के साथ काम करने की क्षमता बढ़ेगी. जिससे कारखाना का प्रोडक्शन भी बढ़ेगा.
स्क्रैप पार्क बना चर्चा का विषय: बता दें कि, जमालपुर रेल कारखाना के अधिकारियों की पहल की चर्चा पूरे क्षेत्र में हो रही है. यहां बड़े-बड़े रेलवे के अधिकारी आकर अब स्क्रैप मटेरियल से पार्क एवं पार्क में बने कलाकृति को देखकर जमालपुर रेल कारखाने की पहल की सराहना कर रहे हैं. वहीं एसएससी मेटरियल इंचार्ज अमित कुमार ने बताया कि, ऐसे तो भारत में दर्जनों रेल कारखाना है लेकिन जमालपुर रेल कारखाना के कारीगरों की कारीगरी बेमिसाल है. तभी तो स्क्रैप मटेरियल से ही आधा दर्जन से अधिक पार्क में एक सौ से ज्यादा कलाकृति इन लोगों ने बिना किसी ट्रेनिंग के बना डाली है. उन्होंने बताया कि, प्रिंसिपल चीफ मैकेनिकल इंजीनियर कोलकाता शेखर रंजन घोषाल भी यहां के स्क्रैप मटेरियल पार्क की सराहना कर चुके हैं.
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