ETV Bharat / state

सतुआन पर्व पर कोरोना का ग्रहण, गिने-चुने लोग पहुंचे गंगा घाट - Satuan celebration in bihar

मंगलवार को सतुआन का पर्व मनाया गया. लेकिन, कोरोना वायरस के कारण इसका रंग फीका नजर आया.

गंगा स्नान कर मनाया गया सतुआन
गंगा स्नान कर मनाया गया सतुआन
author img

By

Published : Apr 14, 2020, 3:21 PM IST

मुंगेर: कोरोना वायरस के कहर से पूरा विश्व जूझ रहा है. इस बीच मंगलवार को प्रदेश में सुतआन का पर्व बेहद सादगी से मनाया गया. इक्का-दुक्का लोग ही गंगा घाट पर नजर आए. घाट पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर घर पर आकर अपने इष्ट देवता और प्रकृति की पूजा की. इस दौरान उन्होंने गेहूं, जौ, चना, मक्के के सत्तू के साथ आम और महुआ का प्रसाद बनाकर देवता को भोग लगाया.

munger
गंगा स्नान कर मनाया गया सतुआन

गौरतलब है कि सतुआन को बिसुआ पर्व भी कहा जाता है. हालांकि मंगलवार को त्योहार मनाने के दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा. घाटों पर कम हर साल के मुकाबले कम भीड़ दिखी. वहीं, स्नान करने पहुंचे लोग एक-दूसरे से दूर रह कर स्नान करते नजर आए.

munger
लोगों ने किया प्रकृति को नमन

इन घाटों पर पहुंचे लोग
पर्व को लेकर कस्टहरनी, बबुआ और सोझी घाट में लोगों ने स्नान किया. यह पर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. अप्रैल माह में मनाए जाने वाला यह त्योहार प्रकृति के प्रति समर्पण के भाव को दर्शाता है. इस संबंध में अविनाश आचार्य ने बताया कि प्रकृति के प्रति समर्पण वाले इस त्योहार में लोग प्रकृति द्वारा उत्पन्न आम, महुआ के पहले फल सहित खेतों में तैयार फसल की पहली उपज जौ, गेहूं, मक्का से प्रसाद तैयार कर प्रकृति को अर्पण करते हैं.

मुंगेर: कोरोना वायरस के कहर से पूरा विश्व जूझ रहा है. इस बीच मंगलवार को प्रदेश में सुतआन का पर्व बेहद सादगी से मनाया गया. इक्का-दुक्का लोग ही गंगा घाट पर नजर आए. घाट पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर घर पर आकर अपने इष्ट देवता और प्रकृति की पूजा की. इस दौरान उन्होंने गेहूं, जौ, चना, मक्के के सत्तू के साथ आम और महुआ का प्रसाद बनाकर देवता को भोग लगाया.

munger
गंगा स्नान कर मनाया गया सतुआन

गौरतलब है कि सतुआन को बिसुआ पर्व भी कहा जाता है. हालांकि मंगलवार को त्योहार मनाने के दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा. घाटों पर कम हर साल के मुकाबले कम भीड़ दिखी. वहीं, स्नान करने पहुंचे लोग एक-दूसरे से दूर रह कर स्नान करते नजर आए.

munger
लोगों ने किया प्रकृति को नमन

इन घाटों पर पहुंचे लोग
पर्व को लेकर कस्टहरनी, बबुआ और सोझी घाट में लोगों ने स्नान किया. यह पर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. अप्रैल माह में मनाए जाने वाला यह त्योहार प्रकृति के प्रति समर्पण के भाव को दर्शाता है. इस संबंध में अविनाश आचार्य ने बताया कि प्रकृति के प्रति समर्पण वाले इस त्योहार में लोग प्रकृति द्वारा उत्पन्न आम, महुआ के पहले फल सहित खेतों में तैयार फसल की पहली उपज जौ, गेहूं, मक्का से प्रसाद तैयार कर प्रकृति को अर्पण करते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.