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गर्म जल वाला ऋषिकुंड हर दिन होता जा रहा दूषित, सुनिए क्या कहते हैं पर्यटक - मुंगेर में गर्म जल वाला कुंड

ऋषिकुंड के गर्म जल में स्नान करने के लिए प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. लेकिन कुंड के चारों ओर गंदगी सौंदर्य को लील रही है. कुंड गंदगी से भर गया है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

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ऋषिकुंड हो रहा दूषित
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Published : Dec 24, 2021, 8:52 AM IST

मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में सात पहाड़ियों की श्रृंखला से घिरे गर्म जल का ऋषि कुंड (Rishi Kund In Munger) अपने गर्म जल के कारण काफी प्रसिद्ध है. प्राकृतिक छटा एवं पाषाण के हृदय से निकलने वाली गर्म चल की धाराओं के लिए प्रसिद्ध कुंड में दूर-दूर से सैलानी आकर अपनी मानसिक एवं शारीरिक थकान को दूर करने के लिए स्नान करते हैं. लेकिन उनके द्वारा जो फैलाई गई गंदगी है, उससे अब ऋषि कुंड का जल दूषित होता जा रहा है. कुंड में बिखरी गंदगी (Rishi Kund Getting Contaminated) के बीच लोग स्नान करने को मजबूर हैं.

इसे भी पढ़ें: पंचकोसी परिक्रमा यात्रा: जिस भार्गव ऋषि सरोवर में डुबकी लगाएंगे श्रद्धालु, उसमें भरा है गंदा पानी और जलकुंभी

ऋषि कुंड मुंगेर मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर हवेली खड़कपुर तथा बरियारपुर प्रखंड की सीमा पर स्थित है. जहां हजारों की संख्या में पर्यटक प्रतिदिन आते हैं. ठंड के मौसम में तो प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. गर्म जल कुंड में स्नान कर प्राकृतिक सौंदर्य को निहार कर काफी खुश होते हैं.

ये भी पढ़ें: बक्सर: बुधवार से पंचकोसी परिक्रमा यात्रा... श्रद्धालुओं के लिए नहीं की गयी है कोई व्यवस्था

ऋषि कुंड में दिसंबर से मार्च तक पर्यटकों का सैलाब देखने को मिलता है. गर्म जल में स्नान करने के लिए प्रतिदिन से 2,000 की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. परिवार के साथ लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं. लेकिन पर्यटक पिकनिक मनाने के बाद यहां पत्तल, साबुन, शैंपू, तेल आदि के पाउच छोड़ कर चले जाते हैं. जिससे यहां कुंड के चारों ओर गंदगी अंबार लग गया है. कुंड भी गंदगी से भर रहा है.

देखें रिपोर्ट.

'प्राकृतिक छटाओं को देखने के लिए हम लोग यहां परिवार के साथ आते तो हैं. लेकिन आसपास बिखरी गंदगी को देखकर मन उदास हो जाता है. खासकर जब कुंड में स्नान करने उतरते हैं तो शैंपू के पाउच पड़े रहते हैं.' -राजीव नयन, पर्यटक

वहीं स्थानीय नीतीश कुमार ने कहा कि यहां कूड़ेदान प्रशासन को लगाना चाहिए. जिसमें पर्यटक गंदगी को डाल सकें. कूड़ेदान यहां नहीं लगाए जाने के कारण लोग खुले में ही पत्तल आदि छोड़ कर चले जाते हैं. जो धीरे-धीरे इधर-उधर हवा के कारण फैल कर पूरे क्षेत्र को गंदा कर रहा है. इससे सैलानी भी थोड़े परेशान दिखते हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऋषि कुंड के जल का स्रोत पहाड़ से निकलने वाला गर्म जल है. इस कुंड की गहराई लगभग 3 से 4 फीट है. कुंड में जल जमा नहीं रहे इसके लिए कुंड के एक ओर जल के लिए निकासी के लिए नाला है. इस नाले से ही कुंड का जल जमा होकर निकल जाता है. जिससे कुंड का जल हमेशा निर्मल बना रहता है. लेकिन पिछले कई दिनों से इस निकासी नाला पर पत्तल एवं कूड़ा कचरा जमा होने के कारण निकासी बंद है. इस कारण कुंड में पानी जमा हो गया है. वहीं, शैंपू आदि के पाउच से कुंड धीरे-धीरे गंदा हो रहा है.

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मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में सात पहाड़ियों की श्रृंखला से घिरे गर्म जल का ऋषि कुंड (Rishi Kund In Munger) अपने गर्म जल के कारण काफी प्रसिद्ध है. प्राकृतिक छटा एवं पाषाण के हृदय से निकलने वाली गर्म चल की धाराओं के लिए प्रसिद्ध कुंड में दूर-दूर से सैलानी आकर अपनी मानसिक एवं शारीरिक थकान को दूर करने के लिए स्नान करते हैं. लेकिन उनके द्वारा जो फैलाई गई गंदगी है, उससे अब ऋषि कुंड का जल दूषित होता जा रहा है. कुंड में बिखरी गंदगी (Rishi Kund Getting Contaminated) के बीच लोग स्नान करने को मजबूर हैं.

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ऋषि कुंड मुंगेर मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर हवेली खड़कपुर तथा बरियारपुर प्रखंड की सीमा पर स्थित है. जहां हजारों की संख्या में पर्यटक प्रतिदिन आते हैं. ठंड के मौसम में तो प्रतिदिन यहां हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं. गर्म जल कुंड में स्नान कर प्राकृतिक सौंदर्य को निहार कर काफी खुश होते हैं.

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ऋषि कुंड में दिसंबर से मार्च तक पर्यटकों का सैलाब देखने को मिलता है. गर्म जल में स्नान करने के लिए प्रतिदिन से 2,000 की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. परिवार के साथ लोग यहां पिकनिक मनाने आते हैं. लेकिन पर्यटक पिकनिक मनाने के बाद यहां पत्तल, साबुन, शैंपू, तेल आदि के पाउच छोड़ कर चले जाते हैं. जिससे यहां कुंड के चारों ओर गंदगी अंबार लग गया है. कुंड भी गंदगी से भर रहा है.

देखें रिपोर्ट.

'प्राकृतिक छटाओं को देखने के लिए हम लोग यहां परिवार के साथ आते तो हैं. लेकिन आसपास बिखरी गंदगी को देखकर मन उदास हो जाता है. खासकर जब कुंड में स्नान करने उतरते हैं तो शैंपू के पाउच पड़े रहते हैं.' -राजीव नयन, पर्यटक

वहीं स्थानीय नीतीश कुमार ने कहा कि यहां कूड़ेदान प्रशासन को लगाना चाहिए. जिसमें पर्यटक गंदगी को डाल सकें. कूड़ेदान यहां नहीं लगाए जाने के कारण लोग खुले में ही पत्तल आदि छोड़ कर चले जाते हैं. जो धीरे-धीरे इधर-उधर हवा के कारण फैल कर पूरे क्षेत्र को गंदा कर रहा है. इससे सैलानी भी थोड़े परेशान दिखते हैं.

स्थानीय लोगों ने बताया कि ऋषि कुंड के जल का स्रोत पहाड़ से निकलने वाला गर्म जल है. इस कुंड की गहराई लगभग 3 से 4 फीट है. कुंड में जल जमा नहीं रहे इसके लिए कुंड के एक ओर जल के लिए निकासी के लिए नाला है. इस नाले से ही कुंड का जल जमा होकर निकल जाता है. जिससे कुंड का जल हमेशा निर्मल बना रहता है. लेकिन पिछले कई दिनों से इस निकासी नाला पर पत्तल एवं कूड़ा कचरा जमा होने के कारण निकासी बंद है. इस कारण कुंड में पानी जमा हो गया है. वहीं, शैंपू आदि के पाउच से कुंड धीरे-धीरे गंदा हो रहा है.

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