मुंगेर: जिले के तारापुर विधानसभा से नवनिर्वाचित विधायक मेवालाल चौधरी को बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री बनाया गया. लेकिन महज कुछ घंटों के बाद ही उन्होंने शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. मेवालाल पर यह आरोप था कि सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते सहायक प्रोफेसर नियुक्ति में उन्होंने भ्रष्टाचार किया था.
नीतीश कुमार ने जैसे ही शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग मेवालाल को देने की घोषणा की विपक्ष हमलावर हो गया. विपक्ष जमकर नीतीश के सातवीं पारी के नए सिपहसलार मेवालाल पर रोजाना हमला शुरू कर दिए. राजद नेता तेजस्वी खुद फ्रंट फुट पर विपक्षी मोर्चा संभाल लिया. विपक्षियों नई सरकार लगातार इतने तीखे हमले किए गए कि मेवालाल को महज 3 घंटों में पदभार से मुक्ति पाने के राज्यपाल के पास पहुंच इस्तीफा सौंपना पड़ा.
ईटीवी भारत ने जाना मेवालाल के इस्तीफे बाद जिले का हाल
मेवालाल के इस्तीफे के बाद ईटीवी भारत ने जिले के लोगों से बातचीत की. मुंगेर सदर के महागठबंधन के राजद प्रत्याशी अविनाश कुमार विद्यार्थी ने कहा कि नीतीश कुमार पलटूराम है. जब मेवलाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तो उन्हें मंत्री क्यों बनाया? वहीं अशोक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते कुछ और करते कुछ है. मुन्ना यादव ने कहा कि अगर उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा था तो चुनाव में टिकट क्यों दिया. उन्हें तो टिकट ही नहीं देना चाहिए था.
नीतीश कुमार ने जनप्रतिनिधि की बेज्जती की
जिले के लोगों ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब विधानसभा के उम्मीदवारी के लिए टिकट देने की बात आई तो भ्रष्टाचारी नजर नहीं आए और अब मंत्री बना दिए गए तो उन्हें भ्रष्टाचार दिखने लगा. नीतीश का चेहरा पलटूराम वाला है. शिशिर कुमार लालू ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधि को मंत्री बनाना और उनसे इस्तीफा ले लेना, यह जनप्रतिनिधियों की बेइज्जती करना है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में नैतिकता नहीं बची है, उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए.