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पिता की मौत पर शख्स ने रेलवे अस्पताल पर लगाया गंभीर आरोप, NHRC ने ER अस्पताल जमालपुर पर दर्ज किया FIR - etv news

मुंगेर टीईटी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह अपने पिता की मौत के लिए रेलवे प्रशासन को जिम्देरा ठहराया है. इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) को लेटर भी लिखा था. जिसके बाद एनएचआरसी ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व रेलवे महाप्रबंधक को एटीआर के लिए चार सप्ताह का समय दिया था लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है.

NHRC ने ER मुख्य अस्पताल जमालपुर पर दर्ज किया FIR
NHRC ने ER मुख्य अस्पताल जमालपुर पर दर्ज किया FIR
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Published : Oct 4, 2022, 6:15 PM IST

मुंगेर: बिहार के मुंगेर में एक शख्स ने अपने पिता की मौत के लिए रेलवे बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है. टीईटी शिक्षक संघ (TET Teachers Association) के प्रमंडलीय संयोजक सह जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह ने 25 जून को पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल, जमालपुर के आईसीयू विभाग में अपने पिता रणजीत सिंह के लचर चिकित्सीय व्यवस्था से हुई मौत मामले में रेलवे प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई. उन्होंने चिकित्सक की गैर जिम्मेदाराना लापरवाही पर रेलवे बोर्ड एवं रेलवे डीजी, नई दिल्ली के वरीय अधिकारियों सहित रेलवे के डीजी (आरएचएस), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें- मानवता की अनूठी मिसालः मूक-बधिर मरीजों के लिए नर्स ने सीखी साइन लैंग्वेज

रेलवे अस्पताल पर लगाया गंभीर आरोप : गौरतलब है कि पिता की मौत पर टीईटी शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संयोजक राहुल देव सिंह ने पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर में मुख्य/सहायक चिकित्सा अधीक्षक सहित चिकित्सक एवं ब्रदर लोकेश कुमार मीणा पर सख्त कार्रवाई करते हुए न्याय की गुहार लगायी थी. इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संगठन नई दिल्ली ने 22 अगस्त 2022 को रेलवे बोर्ड एवं पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) फाइल करने के लिए चार सप्ताह का समय निर्धारित किया था. समयावधि पूरी होने के बाद भी रेलवे विभाग की चुप्पी ने मौत के मामले पर लीपापोती की आशंका जताई जा रही है.

रेलवे बोर्ड ने नहीं लिया एक्शन : मृतक के परिजन अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस सन्दर्भ में एनएचआरसी के द्वारा एटीआर की समयावधि पूरा होने के बाद भी जवाब नहीं देने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुकदमा दर्ज कर (NHRC Registers FIR On ER Main Hospital Jamalpur) लिया है. मृतक रणजीत सिंह के परिजन ने कहा कि- 'ऐसे लापरवाह एवं गैर जिम्मेदार मुख्य/सहायक चिकित्सा अधीक्षक सहित उन तमाम चिकित्सक के साथ-साथ ब्रदर लोकेश कुमार मीणा पर सख्त कारवाई करने हेतु रेलवे बोर्ड के डीजी (आरएचएस) एवं मुख्य चिकित्सा निदेशक, पूर्व रेलवे को पत्र भेजा है ताकि पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर में इलाजरत निम्नवर्गीय रेल कर्मचारीयों मरीजों को अकारण असमय बेवजह अपने जान से हाथ धोना ना पड़े.'

मृतक के परिजन न्याय के लिए लगा रहे हैं गुहार : मिली जानकारी के अनुसार रणजीत सिंह के मौत प्रकरण एवं लचर चिकित्सीय प्रणाली के कारण रेलवे बोर्ड के अधिकारी एवं पूर्व रेलवे के मुख्य चिकित्सा निदेशक काफी खफा हैं. इस बाबत बहुत जल्द ही पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर का निजीकरण करने के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड गंभीरता से कार्य कर रहा है.

मुंगेर: बिहार के मुंगेर में एक शख्स ने अपने पिता की मौत के लिए रेलवे बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है. टीईटी शिक्षक संघ (TET Teachers Association) के प्रमंडलीय संयोजक सह जिलाध्यक्ष राहुल देव सिंह ने 25 जून को पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल, जमालपुर के आईसीयू विभाग में अपने पिता रणजीत सिंह के लचर चिकित्सीय व्यवस्था से हुई मौत मामले में रेलवे प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई. उन्होंने चिकित्सक की गैर जिम्मेदाराना लापरवाही पर रेलवे बोर्ड एवं रेलवे डीजी, नई दिल्ली के वरीय अधिकारियों सहित रेलवे के डीजी (आरएचएस), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से न्याय की गुहार लगाई है.

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रेलवे अस्पताल पर लगाया गंभीर आरोप : गौरतलब है कि पिता की मौत पर टीईटी शिक्षक संघ के प्रमंडलीय संयोजक राहुल देव सिंह ने पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर में मुख्य/सहायक चिकित्सा अधीक्षक सहित चिकित्सक एवं ब्रदर लोकेश कुमार मीणा पर सख्त कार्रवाई करते हुए न्याय की गुहार लगायी थी. इसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संगठन नई दिल्ली ने 22 अगस्त 2022 को रेलवे बोर्ड एवं पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) फाइल करने के लिए चार सप्ताह का समय निर्धारित किया था. समयावधि पूरी होने के बाद भी रेलवे विभाग की चुप्पी ने मौत के मामले पर लीपापोती की आशंका जताई जा रही है.

रेलवे बोर्ड ने नहीं लिया एक्शन : मृतक के परिजन अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं. इस सन्दर्भ में एनएचआरसी के द्वारा एटीआर की समयावधि पूरा होने के बाद भी जवाब नहीं देने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुकदमा दर्ज कर (NHRC Registers FIR On ER Main Hospital Jamalpur) लिया है. मृतक रणजीत सिंह के परिजन ने कहा कि- 'ऐसे लापरवाह एवं गैर जिम्मेदार मुख्य/सहायक चिकित्सा अधीक्षक सहित उन तमाम चिकित्सक के साथ-साथ ब्रदर लोकेश कुमार मीणा पर सख्त कारवाई करने हेतु रेलवे बोर्ड के डीजी (आरएचएस) एवं मुख्य चिकित्सा निदेशक, पूर्व रेलवे को पत्र भेजा है ताकि पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर में इलाजरत निम्नवर्गीय रेल कर्मचारीयों मरीजों को अकारण असमय बेवजह अपने जान से हाथ धोना ना पड़े.'

मृतक के परिजन न्याय के लिए लगा रहे हैं गुहार : मिली जानकारी के अनुसार रणजीत सिंह के मौत प्रकरण एवं लचर चिकित्सीय प्रणाली के कारण रेलवे बोर्ड के अधिकारी एवं पूर्व रेलवे के मुख्य चिकित्सा निदेशक काफी खफा हैं. इस बाबत बहुत जल्द ही पूर्व रेलवे मुख्य अस्पताल जमालपुर का निजीकरण करने के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड गंभीरता से कार्य कर रहा है.

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