मुंगेर: बुधवार को हुई तेज आंधी और मूसलाधार बारिश के कारण मुंगेर जिले में आम की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है. इस साल आम का मंजर पहले ही कम आया. कुछ थोड़ा बहुत टिकोला तैयार हुआ तो बेमौसम बारिश और तेज आंधी ने छोटे फलों को बर्बाद कर दिया. जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. मुंगेर जिला के चोरंबा, बरधा इलाके में बड़े पैमाने पर मालदह आम की खेती होती है. लेकिन, इस बारिश और आंधी ने किसानों की कमर तोड़ दी है.
दरअसल, मुंगेर जिला के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के इलाके चोरंबा और बरदह इलाके के सैकड़ों एकड़ भूमि पर मालदा आम की खेती की जाती है. इस इलाके की मिट्टी लाल होने के कारण आम की पैदावार ज्यादा होती है. अहले सुबह तेज आंधी और बारिश ने इन इलाकों में आम के फल को काफी नुकसान पहुंचाया है. जमीन पर हजारों की संख्या में आम के छोटे फल गिर गए हैं. इसको लेकर किसान परेशान हैं. इस बार वैसे भी आम का मंजर की पैदावार कम आई थी और इस बेमौसम बारिश के कारण बचे हुए टिकोले भी झड़ गए हैं.
नहीं हो पाएगी बाजार में आम की पूर्ति
आम फलों का राजा है. मुंगेर जिला का मालदह, दुधिया मालदह पूरे भारत में प्रसिद्ध है. यहां के आम भारत के विभिन्न राज्यों में जाते हैं. आम किसान मोहम्मद चिंटू खान ने बताया कि इस वर्ष आम का मंजर काफी कम मात्रा में पेड़ों पर आए थे. आम केा टिकोला जब तैयार हुआ तो तेज आंधी और बारिश ने लगभग पैदावार को आधा कर दिया. ऐसे में जब आम का सीजन आएगा तो बाजार में मालदह और दूधिया मालदह कम नजर आएंगे.उन्होंने कहा कि मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पाएगी. साथ ही आम की कीमत भी ज्यादा रहेगी.
बारिश से फसलों का नुकसान
एक तो कोरोना वायरस ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. सभी आर्थिक रूप से परेशान हैं. तेज आंधी और बारिश के कारण अब किसान की कमर टूट रही है. वहीं, खेतों में तैयार गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है तो फलों के राजा आम भी इस बेमौसम बारिश से नहीं बच पाया. जिले में सैकड़ों हजारों एकड़ की भूमि पर होने वाले आम के फल को जबरदस्त नुकसान हुआ है. तेज हवा के झोंकों ने टिकोला को जमीन पर गिरा दिया. जिससे आम की पैदावार कम होने की आशंका जताई जा रही है.