मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिला के जमालपुर स्तिथ रेल इंजन कारखाना से सेवानिवृत्त अरुण सिंह और गृहणी पुष्पा सिंह के छोटे बेटे अभिषेक ने बीपीएससी 68वीं परीक्षा में 79वां रैंक हासिल किया है. उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से ये मुकाम हासिल कर क्षेत्र और जिले का नाम रोशन किया है. नौकरी के बाद भी अभिषेक ने किताबों से कभी दूरियां नहीं बनाई, बचपन से पढ़ने में अव्वल आने वाले अभिषेक आज (डीएफओ) डिस्ट्रिक्ट फायर ऑफिसर के रूप में चयनित हुए हैं.
मुम्बई से पूरी की इंजीनियरिंग की पढ़ाईः अभिषेक ने 10वीं तक की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय जमालपुर से की, जिसमें उन्होंने 10वीं में 90% अंक हासिल किए थे. वहीं झारखंड के रांची में श्यामली डीएवी स्कूल से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की. जिसके बाद उन्होंने आईआईटी में परीक्षा दी, लेकिन अंक कम आने पर उन्होंने मरीन इंजीनियरिंग करने का मन बनाया और मुम्बई के (मैरी टाइम्स यूनिवर्सिटी) टीएस चाणक्या से वर्ष 2013 में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.
मरीन इंजीनियर रहते हुए की विदेशों की यात्राः इसके बाद उन्होंने मरीन कंपनी में 2013 से 2020 तक एग्जीक्यूटिव ब्रांच में मरीन इंजीनियर के पद पर योगदान दिया. इस दौरान उन्होंने 40 से भी अधिक देशों की यात्रा की, लेकिन नौकरी में रहने के बाद भी अभिषेक के मन में हमेशा सिविल सेवा में जाने की इच्छा बनी रही. अभिषेक के चचेरे भाई अनमोल सिंह ने बताया कि अभिषेक शुरू से ही पढ़ने लिखने में मेधावी छात्र रहा है. वह मेहनती होने के साथ-साथ काफी विनम्र स्वभाव का व्यक्ति है.
"अभिषेक बीते लगभग चार साल से यूपीएससी की तैयारियां कर रहे थे. यूपीएससी में एग्जाम दिया पर सफलता से चूक गए. इसी दौरान उसने 68वीं बीपीएसपी परीक्षा दी और सफलता का परचम लहराया. अभिषेक के बड़े भाई और भाभी दोनों नीदरलैंड में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उनकी पत्नी भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम में वरीय पर्यवेक्षक पद पर पदस्थापित हैं"- अनमोल सिंह, अभिषेक के चचेरे भाई
मूल रूप से मोतिहारी जिले के रहने वाले हैं अभिषेकः अनमोल सिंह ने बताया कि अभिषेक का परिवार मूल रूप से मोतिहारी जिला के पताही प्रखंड क्षेत्र के बड़का बलुआ गांव के निवासी है. उनके पिता अर्जुन सिंह की नौकरी जमालपुर रेल इंजन कारखाना में थी, इसलिए अभिषेक का पूरा बचपन और शुरुआती पढ़ाई लिखाई जमालपुर से ही हुई है.
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