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किसानों को भी मिली डोर-टू-डोर सर्विस, धान कुटाई के लिए घर आ रही राइस मिल

किसानों को पहले धान की कुटाई के लिए मिल मालिकों से पैरवी करनी पड़ती थी. लंबी लाइन लगती थी, 8-10 दिन बाद नंबर आता था. धान ढोकर मिल तक ले जाना पड़ता था. समय बदला, व्यवसाय का तरीका बदला, मिल मालिकों को भी बदलना पड़ा.

राइस मिल
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Published : Feb 23, 2019, 12:48 PM IST

मुंगेर : जमाना एडवांस होताजा रहा है, हर व्यवसाय में होम सर्विस का प्रचलन बढता जा रहा है. हर कंपनीप्रतिस्पर्धा के इस दौर में होम डिलीवरी की व्यवस्था कर रहीहै. ग्राहकों को ये सेवा पसंद भी खूब आ रही है.ऐसे में भला किसान क्यों पीछे रहते. उन्हें भीराइस मिलकी होम सर्विस मिलना शुरू हो गई है.

किसानों को पहले के समय मे अपने धान की कुटाई के लिए मिल मालिकों से पैरवी करनी पड़तीथी.लंबी लाइन लगती थी, 8-10 दिन बाद नंबर आता था.धान ढोकर मिल तक ले जाना पड़ता था. समय बदला, व्यवसाय का तरीका बदला, मिल मालिकों को भी बदलना पड़ा. आलम यह है कि अब मिल ही किसान के घर पहुंच रही है और यह व्यवस्था किसानों को खूब रास आ रही है.

घर-घर पहुंच रही राइल मिल

यह व्यवस्था निश्चित रूप से किसानों के लिए खेती को आसान बना दिया है और साथ ही कम खर्चीला भी. खास बात यह है कि इस होम सर्विस के उपलब्ध हो जाने के कारण किसानों को अब धान मिलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. समय की भी बचत होती है.

मुंगेर : जमाना एडवांस होताजा रहा है, हर व्यवसाय में होम सर्विस का प्रचलन बढता जा रहा है. हर कंपनीप्रतिस्पर्धा के इस दौर में होम डिलीवरी की व्यवस्था कर रहीहै. ग्राहकों को ये सेवा पसंद भी खूब आ रही है.ऐसे में भला किसान क्यों पीछे रहते. उन्हें भीराइस मिलकी होम सर्विस मिलना शुरू हो गई है.

किसानों को पहले के समय मे अपने धान की कुटाई के लिए मिल मालिकों से पैरवी करनी पड़तीथी.लंबी लाइन लगती थी, 8-10 दिन बाद नंबर आता था.धान ढोकर मिल तक ले जाना पड़ता था. समय बदला, व्यवसाय का तरीका बदला, मिल मालिकों को भी बदलना पड़ा. आलम यह है कि अब मिल ही किसान के घर पहुंच रही है और यह व्यवस्था किसानों को खूब रास आ रही है.

घर-घर पहुंच रही राइल मिल

यह व्यवस्था निश्चित रूप से किसानों के लिए खेती को आसान बना दिया है और साथ ही कम खर्चीला भी. खास बात यह है कि इस होम सर्विस के उपलब्ध हो जाने के कारण किसानों को अब धान मिलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं. समय की भी बचत होती है.

Intro:ज़माना एडवांस होते जा रहा है ,हर व्यवसाय में होम सर्विस का प्रचलन बढता जा रहा है ।हर कंपनियां प्रतिस्पर्धा के इस दौर में होम डिलीवरी की व्यवस्था की हुई हैं ।ग्राहकों को ये सेवा पसंद भी खूब आ रही है ,ऐसे में भला किसान क्यों पीछे रहते ।उन्हें धान मिलों की होम सर्विस खूब रास आ रही है ।


Body:बड़ी पुरानी कहावत है कि समय परिवर्तन शील है और जब समय बदलता है तो धीरे धीरे व्यवस्था भी बदलती है ।लोगो की सोच बदलती है ,काम करने का तरीका बदलता है ,लोंगो की इच्छा बदलती है चाह बदलती है ।बदलाव ही है कि paytm आया ,amajon आया और न जाने ऑनलाइन व्यवसाय के लिए कई कंपनियां आई किन्तु बदलाव के इस क्रम में हम आज बात करेंगे किसानों की ,जो पहले के समय मे अपने धान की कुटाई के लिए (धान से चावल बनाने के लिए )चावल मिल मालिकों से पैरवी करते थे कि मेरा धान कुटवा दीजिए । लंबी लाइन लगती थी ,8 दिन 10 दिन बाद नंबर आता था , अपना धान ढोकर मिल तक ले जाना पड़ता था ।बहुत परेशानी होती थी ,खर्चा भी अधिक होता था ।समय बदला, व्यवसाय का तरीका बदला मिल मालिकों को भी बदलना पड़ा ।आलम यह है कि अब मिल ही किसान के घर पहुँच रही है और यह व्यवस्था किसानों को खूब भा भी रही है ।
बाइट किसान


Conclusion:यह व्यवस्था निश्चित रूप से किसानों के लिए खेती को आसान बना दिया है और साथ ही कम खर्चीला भी ।सबसे खास बात यह है कि इस होम सर्विस के उपलब्ध हो जाने के कारण किसानों को अब धान मिलों के चक्कर नही लगाने पड़ रहे हैं ,समय की अच्छी बचत हो जाती है ।
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