मुंगेर: रेल नगरी जमालपुर के केंद्रीय इंस्टीयूट हॉल में ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन का 14वां द्विवार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ. इस सम्मेलनमें बाग लेने आए कर्मचारियों और यूनियन नेताओं ने रेलवे में निजीकरण का विरोध किया. इस मौके पर यूनियन के महामंत्री ने विभाग से बड़े पैमाने छंटनी की बात कही. सरकार की ओर से 55 साल से ऊपर के कर्मचारियों को हटाने को लेकर की जा रही कोशिश के बारे में भी कर्मचारियों को बताया.
सम्मेलन में भाग लेने आए ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन के महामंत्री एस के बंदोपाध्याय ने निजीकरण को लेकर सरकारी नीतियों की जमकर आलोचना की. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे रेलवे के सारे काम निजी ठेकेदारों के हाथ में दिया जा रहा है. भारतीय रेल निजी हाथों में चला गया तो देश में अनर्थ हो जायेगा. देश की आर्थिक विकास में रेलवे का अहम योगदान है. रेलवे में काम करनेवाले मजदूरों के साथ-साथ देश के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.
55 साल से उपर के कर्मचारियों को हटाने की कोशिश
यूनियन के महामंत्री ने बताया कि सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है. इस बहाने 55 साल या उससे अधिक उम्र के रेलकर्मियों को हटाने की कोशिश हो रही है. 30 वर्षों तक सेवा देने वाले रेलवे कर्मचारियों को निजीकरण की प्रक्रिया के बाद सेवा से हटा दिया जायेगा. सरकार की तरफ से 3 लाख कर्मचारियों को हटाने का प्रयास किया जा रहा है.
मांगें पूरी नहीं होने पर करेंगे हड़ताल
महामंत्री के मुताबिक भारतीय रेल देश की लाइफ लाइन है. बेरोजगारों के लिए सबसे बड़ा नियोक्ता है. इसके निजी हाथों में जाने से देश में बुरा प्रभाव पड़ेगा. सरकार का फैसला देश की अर्थव्यवस्था को खराब कर सकती है. सरकार के फैसले का हम रेल कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो पूरे देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा.