ETV Bharat / state

मुंगेर: ईस्टर्न रेलवे यूनियन का 14वां द्विवार्षिक सम्मेलन, निजीकरण नीति की जमकर हुई आलोचना

जमालपुर में कर्मचारियों ने सम्मेलन में रेलवे के निजीकरण का विरोध किया. यूनियन के महामंत्री ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रेलवे के 3 लाख कर्मचारियों को हटाने का प्रयास किया जा रहा है.

यूनियन महामंत्री एस के बंदोपाध्याय
author img

By

Published : Aug 2, 2019, 3:02 PM IST

Updated : Aug 2, 2019, 3:19 PM IST

मुंगेर: रेल नगरी जमालपुर के केंद्रीय इंस्टीयूट हॉल में ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन का 14वां द्विवार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ. इस सम्मेलनमें बाग लेने आए कर्मचारियों और यूनियन नेताओं ने रेलवे में निजीकरण का विरोध किया. इस मौके पर यूनियन के महामंत्री ने विभाग से बड़े पैमाने छंटनी की बात कही. सरकार की ओर से 55 साल से ऊपर के कर्मचारियों को हटाने को लेकर की जा रही कोशिश के बारे में भी कर्मचारियों को बताया.

रेलवे के निजीकरण का विरोध करते यूनियन के लोग

सम्मेलन में भाग लेने आए ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन के महामंत्री एस के बंदोपाध्याय ने निजीकरण को लेकर सरकारी नीतियों की जमकर आलोचना की. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे रेलवे के सारे काम निजी ठेकेदारों के हाथ में दिया जा रहा है. भारतीय रेल निजी हाथों में चला गया तो देश में अनर्थ हो जायेगा. देश की आर्थिक विकास में रेलवे का अहम योगदान है. रेलवे में काम करनेवाले मजदूरों के साथ-साथ देश के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.

55 साल से उपर के कर्मचारियों को हटाने की कोशिश
यूनियन के महामंत्री ने बताया कि सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है. इस बहाने 55 साल या उससे अधिक उम्र के रेलकर्मियों को हटाने की कोशिश हो रही है. 30 वर्षों तक सेवा देने वाले रेलवे कर्मचारियों को निजीकरण की प्रक्रिया के बाद सेवा से हटा दिया जायेगा. सरकार की तरफ से 3 लाख कर्मचारियों को हटाने का प्रयास किया जा रहा है.

jamalpur rail union
निजीकरण का विरोध जताने एकजुट हुए रेल कर्मचारी

मांगें पूरी नहीं होने पर करेंगे हड़ताल
महामंत्री के मुताबिक भारतीय रेल देश की लाइफ लाइन है. बेरोजगारों के लिए सबसे बड़ा नियोक्ता है. इसके निजी हाथों में जाने से देश में बुरा प्रभाव पड़ेगा. सरकार का फैसला देश की अर्थव्यवस्था को खराब कर सकती है. सरकार के फैसले का हम रेल कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो पूरे देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा.

मुंगेर: रेल नगरी जमालपुर के केंद्रीय इंस्टीयूट हॉल में ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन का 14वां द्विवार्षिक सम्मेलन आयोजित हुआ. इस सम्मेलनमें बाग लेने आए कर्मचारियों और यूनियन नेताओं ने रेलवे में निजीकरण का विरोध किया. इस मौके पर यूनियन के महामंत्री ने विभाग से बड़े पैमाने छंटनी की बात कही. सरकार की ओर से 55 साल से ऊपर के कर्मचारियों को हटाने को लेकर की जा रही कोशिश के बारे में भी कर्मचारियों को बताया.

रेलवे के निजीकरण का विरोध करते यूनियन के लोग

सम्मेलन में भाग लेने आए ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन के महामंत्री एस के बंदोपाध्याय ने निजीकरण को लेकर सरकारी नीतियों की जमकर आलोचना की. उन्होंने बताया कि धीरे-धीरे रेलवे के सारे काम निजी ठेकेदारों के हाथ में दिया जा रहा है. भारतीय रेल निजी हाथों में चला गया तो देश में अनर्थ हो जायेगा. देश की आर्थिक विकास में रेलवे का अहम योगदान है. रेलवे में काम करनेवाले मजदूरों के साथ-साथ देश के सामने भी बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी.

55 साल से उपर के कर्मचारियों को हटाने की कोशिश
यूनियन के महामंत्री ने बताया कि सरकार रेलवे का निजीकरण कर रही है. इस बहाने 55 साल या उससे अधिक उम्र के रेलकर्मियों को हटाने की कोशिश हो रही है. 30 वर्षों तक सेवा देने वाले रेलवे कर्मचारियों को निजीकरण की प्रक्रिया के बाद सेवा से हटा दिया जायेगा. सरकार की तरफ से 3 लाख कर्मचारियों को हटाने का प्रयास किया जा रहा है.

jamalpur rail union
निजीकरण का विरोध जताने एकजुट हुए रेल कर्मचारी

मांगें पूरी नहीं होने पर करेंगे हड़ताल
महामंत्री के मुताबिक भारतीय रेल देश की लाइफ लाइन है. बेरोजगारों के लिए सबसे बड़ा नियोक्ता है. इसके निजी हाथों में जाने से देश में बुरा प्रभाव पड़ेगा. सरकार का फैसला देश की अर्थव्यवस्था को खराब कर सकती है. सरकार के फैसले का हम रेल कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर सरकार मांगें नहीं मानती है तो पूरे देश में अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जायेगा.

Intro:मुंगेर के ऐतेहासिक रेल नगरी जमालपुर केंद्रीय इंस्टीयूट के हॉल में ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन का 14वाँ दुइवार्षिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। ERMU इस अधिवेशन के माध्यम से देश की लाइफ लाइन माने जाने वाली भारतीय रेल को निजीकरण किए जाने के विरोध में सरकार से लड़ाई लड़ रही है। इस अधिवेशन का उद्देश्य भारतीय रेल के साथ उत्पादों का प्रिवेटेशन नही किया जा सके। भारतीय रेल के प्रिवेटेशन से इसमे काम करनेवाले मजदूरों के साथ-साथ देश के सामने भी काफी बड़ी समस्या खड़ी हो जायेगी।Body:ईस्टर्न रेलवे मेंबर्स यूनियन के महामंत्री ने बताया कि जिस रेलकर्मियों की उम्र 55 साल या उससे अधिक हो गई है उसे सरकार हटाने का प्रयास कर रही है। वहीं अगर रेलकर्मियों की नौकरी के 30 साल पूरे हो गए है तो वैसे लोगो को भी रेल निजीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हटा दिया जायेगा। इस के तहत 6 लाख लोगों को हटाने प्रयास किया जा रहा है। यूनियन का मानना है की ऐसा होने से रेल सेवा पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि रेलवे देश की लाइफ लाइन के साथ साथ सबसे ज्यादा लोगों को रोजगार दिए जाने के रूप में जाना जाता है। सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा सकती है। ERMU के महामंत्री ने बताया की इसके बाद भी अगर हमारी मांगे नही मानी गई, तो हम सभी पूरे देश मे व्यापक पैमाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जायेंगे।
बाइट:-
एस0 के0 बंदोपाध्याय, महामंत्री ERMUConclusion:
Last Updated : Aug 2, 2019, 3:19 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.