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मुंगेर में बिजली विभाग का दोहरा रवैया: आम उपभोक्ता पर सख्त, सरकारी बाबुओं पर मेहरबान - etv bharat

मुंगेर में बिजली के बिल को लेकर दोहरा मापदंड (Double standard over electricity bill in Munger)अपनाया जा रहा है. बिजली विभाग आम उपभोक्ताओं पर को सख्त है, लेकिन सरकारी बाबुओं पर मेहरबान है. आम उपभोक्ता के प्रीपेड मीटर में बैलेंस जीरो होते ही बिजली गुल हो जाती है, लेकिन मुंगेर में सरकारी कार्यालयों पर लाखों रुपए बकाया होने के बावजूद बिजली जगमगा रही है. पढ़ें पूरी खबर..

मुंगेर में बिजली के बिल को लेकर दोहरा मापदंड
मुंगेर में बिजली के बिल को लेकर दोहरा मापदंड
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Published : Feb 3, 2022, 9:47 PM IST

मुंगेर: आम लोगों पर बिजली विभाग सख्ती से पेश आता है, लेकिन सरकारी कार्यालय पर मेहरबान रहता है. ये हम नहीं, बल्कि बिजली विभाग से मिले आंकड़े बता रहे हैं. दो हजार से ज्यादा बिजली बिल बकाया रहने पर आम लोगों के घरों में छापेमारी की जाती है. बिल भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है, लेकिन इसके उलटे सरकारी कार्यालयों पर ऐसा नहीं किया जाता है. लाखों का बकाया होने के बावजूद निरंतर बिजली की सप्लाई (Lakhs of rupees outstanding on government offices) होती है.

ये भी पढ़ें- पटना में स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली उपभोक्ताओं के लिए बना सिर दर्द, अचानक कट जाते हैं पैसे

कई सरकारी कार्यालयों पर लाखों का बिजली बिल बकाया है. लेकिन, सरकारी कार्यालयों का कनेक्शन काटें भी तो कैसे. सरकारी बाबू नाराज जो हो जाएंगे. यहां तक की समाहारणालय और डीएम आवास पर भी लाखों रुपए बिजली बिल बकाया है. फिर भी वहां बिजली काटी नहीं जाती है, लेकिन उपभोक्ता के यहां अगर प्रीपेड मीटर में रिचार्ज खत्म हुआ, तो बत्ती गुल हो जाएगी और उपभोक्ता अंधेरे में रहने को मजबूर हो जाते हैं.


नगर निगम पर 59 लाख रुपए बकाया: अगर मुंगेर नगर निगम (Munger Nagar Nigam) की ही बात करें तो लगभग 59 लाख रुपये से अधिक बकाया है. इसी तरह समाहरणालय एवं डीएम आवास पर भी 10 लाख से अधिक,एसपी आवास एवं पुलिस थाने एवं कार्यालय पर भी 60 लाख से अधिक की बकाया है. इसी तरह शिक्षा विभाग के कार्यालयों पर भी लगभग 50 लाख से अधिक की बकाया है. इस संबंध में विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मुंगेर के राजस्व पदाधिकारी अभय कुमार ने कहा कि सरकारी कार्यालयों की बकाया भुगतान सालाना या छह माह पर होता है. उनका विभागीय भुगतान एलॉटमेंट पर हो जाता है. अगर नहीं होता है तो ऐसे बड़े सरकारी बकायेदारों की भी हम लोग बिजली काटने की कार्रवाई करते हैं.

मुंगेर में 2 लाख 17 हजार 507 उपभोक्ता: विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मुंगेर के राजस्व पदाधिकारी अभय कुमार ने बताया कि मुंगेर जिले में कुल विद्युत उपभोक्ता 2,17,507 उपभोक्ता हैं. मार्च से पहले बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई हो रही है. जो उपभोक्ता 3 महीने से अधिक समय से बिल का भुगतान नहीं किया हैं या उन पर 10 हजार रुपए से अधिक की राशि बकाया है तो उनका विद्युत कनेक्शन काट दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे उपभोक्ता शहरी क्षेत्र में मुंगेर में 4225, जमालपुर 2411 और ग्रामीण क्षेत्र में 7920 है. साथ ही कमर्शियल उपभोक्ता की संख्या 8076 हैं. इन सभी के बिजली के कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है.


मुंगेर विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल के एसडीओ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी विभाग के पदाधिकारियों को बिजली बिल भुगतान करने के लिए बोला गया है. फरवरी माह में एलॉटमेंट आने पर भुगतान करने की बात कही गई है. ज्यादा बिजली बिल बकाया रहने पर आम लोगों की तरह सरकारी विभागों के कनेक्शन काटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कनेक्शन काटे जाने का प्रावधान है. फरवरी माह में भुगतान नहीं होने पर आगे की कार्रवाई होगी.

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मुंगेर: आम लोगों पर बिजली विभाग सख्ती से पेश आता है, लेकिन सरकारी कार्यालय पर मेहरबान रहता है. ये हम नहीं, बल्कि बिजली विभाग से मिले आंकड़े बता रहे हैं. दो हजार से ज्यादा बिजली बिल बकाया रहने पर आम लोगों के घरों में छापेमारी की जाती है. बिल भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाता है, लेकिन इसके उलटे सरकारी कार्यालयों पर ऐसा नहीं किया जाता है. लाखों का बकाया होने के बावजूद निरंतर बिजली की सप्लाई (Lakhs of rupees outstanding on government offices) होती है.

ये भी पढ़ें- पटना में स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली उपभोक्ताओं के लिए बना सिर दर्द, अचानक कट जाते हैं पैसे

कई सरकारी कार्यालयों पर लाखों का बिजली बिल बकाया है. लेकिन, सरकारी कार्यालयों का कनेक्शन काटें भी तो कैसे. सरकारी बाबू नाराज जो हो जाएंगे. यहां तक की समाहारणालय और डीएम आवास पर भी लाखों रुपए बिजली बिल बकाया है. फिर भी वहां बिजली काटी नहीं जाती है, लेकिन उपभोक्ता के यहां अगर प्रीपेड मीटर में रिचार्ज खत्म हुआ, तो बत्ती गुल हो जाएगी और उपभोक्ता अंधेरे में रहने को मजबूर हो जाते हैं.


नगर निगम पर 59 लाख रुपए बकाया: अगर मुंगेर नगर निगम (Munger Nagar Nigam) की ही बात करें तो लगभग 59 लाख रुपये से अधिक बकाया है. इसी तरह समाहरणालय एवं डीएम आवास पर भी 10 लाख से अधिक,एसपी आवास एवं पुलिस थाने एवं कार्यालय पर भी 60 लाख से अधिक की बकाया है. इसी तरह शिक्षा विभाग के कार्यालयों पर भी लगभग 50 लाख से अधिक की बकाया है. इस संबंध में विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मुंगेर के राजस्व पदाधिकारी अभय कुमार ने कहा कि सरकारी कार्यालयों की बकाया भुगतान सालाना या छह माह पर होता है. उनका विभागीय भुगतान एलॉटमेंट पर हो जाता है. अगर नहीं होता है तो ऐसे बड़े सरकारी बकायेदारों की भी हम लोग बिजली काटने की कार्रवाई करते हैं.

मुंगेर में 2 लाख 17 हजार 507 उपभोक्ता: विद्युत आपूर्ति प्रमंडल मुंगेर के राजस्व पदाधिकारी अभय कुमार ने बताया कि मुंगेर जिले में कुल विद्युत उपभोक्ता 2,17,507 उपभोक्ता हैं. मार्च से पहले बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई हो रही है. जो उपभोक्ता 3 महीने से अधिक समय से बिल का भुगतान नहीं किया हैं या उन पर 10 हजार रुपए से अधिक की राशि बकाया है तो उनका विद्युत कनेक्शन काट दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे उपभोक्ता शहरी क्षेत्र में मुंगेर में 4225, जमालपुर 2411 और ग्रामीण क्षेत्र में 7920 है. साथ ही कमर्शियल उपभोक्ता की संख्या 8076 हैं. इन सभी के बिजली के कनेक्शन काटने की कार्रवाई की जा रही है.


मुंगेर विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल के एसडीओ मनोज कुमार सिंह ने कहा कि सरकारी विभाग के पदाधिकारियों को बिजली बिल भुगतान करने के लिए बोला गया है. फरवरी माह में एलॉटमेंट आने पर भुगतान करने की बात कही गई है. ज्यादा बिजली बिल बकाया रहने पर आम लोगों की तरह सरकारी विभागों के कनेक्शन काटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कनेक्शन काटे जाने का प्रावधान है. फरवरी माह में भुगतान नहीं होने पर आगे की कार्रवाई होगी.

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