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मुंगेर: बच्चों के सवाल का पढ़ा रहे शिक्षक भी नहीं दे पाए जवाब, नाराज डीएम ने 3 शिक्षकों का वेतन काटा

मुंगेर में स्कूल के निरीक्षण से नाराज (DM Naveen Kumar angry with school inspection in Munger) जिलाधिकारी नवीन कुमार ने 3 शिक्षकों के 10 दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया. गुरुवार को वे मध्य विद्यालय बेनेगीर, उर्दू प्राथमिक विद्यालय चकहासिम,उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीमतपुर का निरीक्षण किया. इस दौरान वे बच्चों से पूछे गए आम सवाल तो वहां पढ़ा रहे शिक्षकों से कुछ सवाल पूछ बैठे. जिसका जवाब शिक्षक भा नहीं दे पाए. पढ़ें पूरी खबर...

डीएम ने किया विद्यालय का निरिक्षण
डीएम ने किया विद्यालय का निरिक्षण
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Published : Dec 1, 2022, 8:20 PM IST

Updated : Dec 1, 2022, 10:08 PM IST

मुंगेर : बिहार के मुंगेर में जिलाधिकारी नवीन कुमार स्कूल के निरीक्षण (District Magistrate Inspection of School in Munger) से नाराज हो गए. यह देखकर वहां मौजूद शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई. डीएम ने सभी शिक्षकों को फटकार लगाई. यहां तक की सभी शिक्षकों का 10 दिन का वेतन काटने का निर्देश डीओ को देते हुए कहा कि अगर यह शिक्षक अपने में सुधार नहीं लाते तो सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. गुरुवार को वे मध्य विद्यालय बेनेगीर, उर्दू प्राथमिक विद्यालय चकहासिम,उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीमतपुर का निरीक्षण किया. डीएम ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में अभी और सुधार की जरूरत है. सरकार व्यवस्था तो कर रही पर शिक्षक बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें : छात्राओं के साथ जमीन पर बैठकर डीएम चंद्रशेखर सिंह ने किया भोजन, औचक निरीक्षण में पास हुआ स्कूल

डीएम ने किया विद्यालय का निरिक्षण

बच्चे उर्दू में अपना नाम तक नहीं लिख पाए : गुरुवार को डीएम ने मध्य विद्यालय बेनेगीर,उर्दू प्राथमिक विद्यालय चकहासिम,उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीमतपुर में शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. जहां डीएम शिक्षक बनकर पहुंचे और बच्चों से क्लास में आम सवाल पूछें. जैसे किस देश मे रहते है? किस राज्य में रहते है? उनके जिला का नाम क्या है? बच्चों ने जो जवाब दिया उसने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. जहां बच्चों ने बिहार को देश बताया. भारत को राजधानी और जिला को मुफस्सिल बताया. यहां तक कि उर्दू स्कूल में पांचवीं क्लास के बच्चे उर्दू में अपना नाम तक नहीं लिख पाए. जब डीएम ने वहां पढ़ा रहे शिक्षकों से कुछ सवाल पूछे तो शिक्षक भी जवाब नहीं दे पाए.

बच्चों के सवाल का शिक्षक भी नहीं दे पाएं जवाब : बच्चों के सवाल का जवाब वहां पढ़ा रहे 3 शिक्षकों में से कोई नहीं दे पाया. जिसके बाद डीएम ने क्लास में शिक्षकों को क्लास लगाते हुए कुछ गणित के मामूली सवाल पूछे. गणित में एमएससी किये एक शिक्षक से पूछ बैठे. जिसका जवाब शिक्षक नहीं दे पाए. शिक्षक के द्वारा इन सवालों को ब्लैक बोर्ड पर नहीं बना पाए. जिसके बाद खुद डीएम ने चॉक लेकर ब्लैक बोर्ड पर फार्मूला को सुलझाया.

ये भी पढ़ें : बगहा: एसडीएम ने जनजातीय बालिका विद्यालय का किया औचक निरीक्षण, खबर का हुआ असर

शिक्षकों को फटकार लगाई : डीएम ने सभी शिक्षकों को फटकार लगाई. यहां तक की सभी शिक्षकों का 10 दिन का वेतन काटने का निर्देश डीओ को देते हुए कहा कि अगर यह शिक्षक अपने में सुधार नहीं लाते तो सभी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें. डीएम ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में अभी और सुधार की जरूरत है. सरकार व्यवस्था तो कर रही पर शिक्षक बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं.

मुंगेर : बिहार के मुंगेर में जिलाधिकारी नवीन कुमार स्कूल के निरीक्षण (District Magistrate Inspection of School in Munger) से नाराज हो गए. यह देखकर वहां मौजूद शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई. डीएम ने सभी शिक्षकों को फटकार लगाई. यहां तक की सभी शिक्षकों का 10 दिन का वेतन काटने का निर्देश डीओ को देते हुए कहा कि अगर यह शिक्षक अपने में सुधार नहीं लाते तो सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. गुरुवार को वे मध्य विद्यालय बेनेगीर, उर्दू प्राथमिक विद्यालय चकहासिम,उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीमतपुर का निरीक्षण किया. डीएम ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में अभी और सुधार की जरूरत है. सरकार व्यवस्था तो कर रही पर शिक्षक बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं.

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डीएम ने किया विद्यालय का निरिक्षण

बच्चे उर्दू में अपना नाम तक नहीं लिख पाए : गुरुवार को डीएम ने मध्य विद्यालय बेनेगीर,उर्दू प्राथमिक विद्यालय चकहासिम,उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीमतपुर में शिक्षा व्यवस्था का जायजा लिया. जहां डीएम शिक्षक बनकर पहुंचे और बच्चों से क्लास में आम सवाल पूछें. जैसे किस देश मे रहते है? किस राज्य में रहते है? उनके जिला का नाम क्या है? बच्चों ने जो जवाब दिया उसने शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी. जहां बच्चों ने बिहार को देश बताया. भारत को राजधानी और जिला को मुफस्सिल बताया. यहां तक कि उर्दू स्कूल में पांचवीं क्लास के बच्चे उर्दू में अपना नाम तक नहीं लिख पाए. जब डीएम ने वहां पढ़ा रहे शिक्षकों से कुछ सवाल पूछे तो शिक्षक भी जवाब नहीं दे पाए.

बच्चों के सवाल का शिक्षक भी नहीं दे पाएं जवाब : बच्चों के सवाल का जवाब वहां पढ़ा रहे 3 शिक्षकों में से कोई नहीं दे पाया. जिसके बाद डीएम ने क्लास में शिक्षकों को क्लास लगाते हुए कुछ गणित के मामूली सवाल पूछे. गणित में एमएससी किये एक शिक्षक से पूछ बैठे. जिसका जवाब शिक्षक नहीं दे पाए. शिक्षक के द्वारा इन सवालों को ब्लैक बोर्ड पर नहीं बना पाए. जिसके बाद खुद डीएम ने चॉक लेकर ब्लैक बोर्ड पर फार्मूला को सुलझाया.

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शिक्षकों को फटकार लगाई : डीएम ने सभी शिक्षकों को फटकार लगाई. यहां तक की सभी शिक्षकों का 10 दिन का वेतन काटने का निर्देश डीओ को देते हुए कहा कि अगर यह शिक्षक अपने में सुधार नहीं लाते तो सभी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें. डीएम ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था में अभी और सुधार की जरूरत है. सरकार व्यवस्था तो कर रही पर शिक्षक बच्चों को उचित शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं.

Last Updated : Dec 1, 2022, 10:08 PM IST
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