मुंगेर : जिले में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी कर ली गई है. प्रवासी मजदूरों और छात्रों को क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी के नेतृत्व में वाहन कोषांग का गठन किया गया है.
दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को पहुंचाने के लिए जिले को चार जोन में बांटा गया है. 100 से अधिक पदाधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए हैं. जिले के सीमा पर डेटाबेस तैयार कर ही संबंधित प्रखंड के क्वारेंटाइन सेंटर में भेजे जाएंगे. छात्र, मजदूर, ड्राइवर, कंडक्टर और यात्रियों को भोजन,आवासन और स्वास्थ्य की व्यवस्था क्वारेंटाइन सेंटर पर किया गया है.
शहर में बनाये गये हैं चेक पोस्ट
बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों से छात्रों और मजदूरों को लाने की कवायद शुरू कर दी है. इसको लेकर जिले में लोगों का आना शुरू हो गया है. जिले में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को क्वारेंटाइन सेंटर तक पहुंचाने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी ने व्यापक तैयारी की है. हेमजापुर थाना क्षेत्र के बाहा चौकी सुंदरपुर के पास चेक पोस्ट बनाया गया है.
क्वॉरेंटाइन सेंटर में बिताएंगे 14 दिन यात्री
इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला परिवहन पदाधिकारी रामाशंकर कुमार ने कहा कि चेक पोस्ट पर बाहर से आने वाले बसों को रोका जाएगा. एक-एक मजदूर और छात्र को नाम पता और उसके लक्षण को जांच कर डाटा तैयार किया जाएगा. फिर उन्हें दूसरे गाड़ी में बैठाकर उनके जिला संबंधित प्रखंड में उन्हें भेजा जाएगा. डीटीओ ने बताया कि बाहर से आने वाले यात्री सीधे घर नहीं जाएंगे. उन्हें अपने प्रखंड में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन रहना होगा. 14 दिनों में अगर किन्ही को कोई लक्षण नजर आता है, तो उनकी जांच की जाएगी. जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उन्हें 14 दिन और बिताना होगा. तब फिर वे अपने घर जाएंगे जहां वे घर पर भी होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे. क्वॉरेंटाइन सेंटर जिले के नौ प्रखंड में बनाया गया है. सभी क्वॉरेंटाइन सेंटर में डॉक्टर, नर्स, कंपाउंडर और अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. जो यात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के अलावे देखभाल भी करेंगे.
4 जोन में बांटा गया है मुंगेर को
जिला सीमा में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को संबंधित प्रखंडों के क्वॉरेंटाइन सेंटरों तक पहुंचाने के लिए 4 जोन बनाया गया है. सभी जोन के लिए दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई है. सदर प्रखंड और नगर निगम क्षेत्र के लिए दंडाधिकारी के रूप में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नरेंद्र कुमार, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी जिला मध्यान भोजन के मोहम्मद मजहर हुसैन, जमालपुर और धरहरा के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी प्रेम कुमार, बरियारपुर, खड़कपुर और टेटिया बंबर के लिए जिला नियोजन पदाधिकारी नीतीश कुमार, असरगंज तारापुर संग्रामपुर के लिए सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी लखीराम मुर्मू को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है.
इसके अलावा स्कॉर्ट के लिए पुलिस पदाधिकारी में लॉकर सेल के सुनील कुमार, नया रामनगर थाना के मोहन सिंह, यातायात थाना के हरिशंकर सिंह, महिला थाना के भूषण प्रसाद सिंह को प्रतिनियुक्त किया गया है. डीटीओ ने बताया कि क्वॉरेंटाइन सेंटरों तक पहुंचाने के लिए जो मार्ग निर्धारित किया गया है, उसी मार्ग से यात्रियों को स्कॉर्ट कर पहुंचाने के लिए दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी और पुलिस बल जिम्मेवार होंगे. प्रतिनियुक्ति स्कॉट टीम जिला के सीमा पर अवस्थित बापू प्रवेशिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सुंदरपुर में जिला सीमा प्रवेश के उपरांत प्रवासी मजदूरों, छात्रों एवं अन्य लोगों को निर्धारित मार्ग पर अवस्थित संबंधित क्वॉरेंटाइन सेंटर तक सुरक्षित पहुंचाएंगे. उनकी यह जिम्मेवारी रहेगी कि कोई यात्री कहीं दूसरे जगह ना उतरे.
बाहा चौकी में बनाया गया है मुख्य कंट्रोल रूम
बाहर से आए यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण, डेटा बेस तैयार करना और यात्रियों को संबंधित प्रखंड में भेजने के लिए मुख्य कंट्रोल रूम भागलपुर पटना मुख्य सड़क एनएच 80 के हेमजापुर थाना क्षेत्र के सुंदरपुर बाहा चौकी के पास बनाया गया है. कंट्रोल रूम के प्रभारी के रूप में मोटरयान निरीक्षक चंद्र प्रकाश और प्रधानाध्यापक बापू प्रवेशिका विद्यालय सुंदरपुर के डॉक्टर सुनील कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है. यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहेगी. डीटीओ ने बताया कि रात में यात्रियों को लाने और पहुंचाने के लिए किसी प्रकार की वाहन का मूवमेंट नहीं होगा.
3 से 4 हजार लोग आ सकते हैं मुंगेर
लॉक डाउन की स्थिति में राज्य के बाहर से आने वाले प्रवासी मजदूर छात्र को बिहार की सीमा से गृह जिला पहुंचाए जाने और गृह जिला आने के बाद संबंधित प्रखंडों में पहुंचाने का काम परिवहन विभाग द्वारा किया जा रहा है. इसके लिए मुंगेर परिवहन विभाग ने सभी तैयारी पूरी कर ली है. जिला परिवहन पदाधिकारी रामाशंकर ने बताया कि सीमावर्ती जिले से मेडिकल स्क्रीनिंग कर लोगों को सीधे गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जाएगा. क्वॉरेंटाइन सेंटर तक स्कॉट करते हुए पहुंचाने उनके भोजन और अन्य आवश्यकताओं को पूर्ति करने के लिए 100 से अधिक पदाधिकारी भी प्रतिनियुक्त किए गए हैं. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक लगभग जिले में 3 से 4 हजार लोग आ सकते हैं.