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झारखंड में शहीद हुआ मुंगेर का लाल राजेश कुमार, नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में गयी जान - नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में मुंगेर का लाल शहीद

झाड़खंड के लातेहार जिले में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में लोहा लेते हुए मुंगेर के लाल डिप्टी कमांडेट राजेश कुमार शहीद हो गये. इस घटना की जानकारी लगते ही शहीद के पैतृक आवास पर लोगों का तांता लगना शुरू हो गया. पढे़ं पूरी खबर.

झांरखंड में मुंगेर का लाल शहीद
झांरखंड में मुंगेर का लाल शहीद
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Published : Sep 29, 2021, 6:25 AM IST

मुंगेर: बिहार के मुंगेर (Munger) जिले के रहने वाले बीएसएफ के डीप्टी कमांडेंट राजेश कुमार झारखंड के लातेहार जिले के सलैया में सुरक्षाबलों की प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जन मुक्ति मोर्चा के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए. राजेश कुमार मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले थे. वह झारखंड जगुआर में सेवारत थे.

ये भी पढ़ें:रोहतास: सड़क दुर्घटना में सेना के जवान की मौत, ड्यूटी पर जाने के दौरान जम्मू कश्मीर में हुआ हादसा

जानकारी के मुताबिक नक्सलियों की गोली से घायल होने के बाद झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया. रांची में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. डिप्टी कमांडेट के शहीद होने की सूचना जैसे ही लाल दरवाजा में उनके भाई राकेश कुमार को मिली वैसे ही बड़े भाई सहित पूरा परिवार गमगीन हो गया.

घटना की सूचना मिलते ही मुंगेर सदर विधायक प्रणव कुमार यादव लाल दरवाजा स्थित डिप्टी कमांडेट के पैतृक घर पर पहुंचे. जहां उन्होंने राजेश कुमार के बड़े भाई राकेश कुमार को ढांढस बंधाया. मुंगेर विधायक प्रणव कुमार यादव ने बताया कि मुंगेर ने अपना लाल ही नहीं दामाद भी खोया है. बताते चलें कि राजेश कुमार की शादी बरियारपुर में हुई थी. सूचना मिलने के बाद उनके ससुराल बरियारपुर में भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.

बताया जा रहा है कि शहीद राजेश कुमार पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर थे. उनके पिता लाल बहादुर राय रांची में एजी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त होकर वहीं बस गए. वे पैतृक घर मुंगेर कम आते हैं. घर पर बड़े भाई राकेश, अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं. वहीं राजेश के छोटे भाई रजनीश लातेहार में ही आइबी विभाग में कार्यरत हैं.

शहीद राजेश के बड़े भाई ने बताया कि अप्रैल माह में मां का निधन हुआ था. जिसमें राजेश पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे. शहीद के भाई ने बताया कि राजेश काफी मिलनसार थे. वह जब भी मुंगेर पहुंचते थे तो गांव के लोगों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. राजेश के शहीद होने की खबर सुनते ही आसपास के लोग राजेश के घर पर जमा हो गए. सभी की आंखें नम हैं.

नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडेंट राजेश के बड़े भाई राकेश ने बताया कि शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम तक मुंगेर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार लाल दरवाजा घाट पर होगा. इधर सूचना मिलने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं.

ये भी पढ़ें:RPF जवान ने ऐसे की बुजुर्ग की मदद, सोशल मीडिया पर जमकर हो रही तारीफ

मुंगेर: बिहार के मुंगेर (Munger) जिले के रहने वाले बीएसएफ के डीप्टी कमांडेंट राजेश कुमार झारखंड के लातेहार जिले के सलैया में सुरक्षाबलों की प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जन मुक्ति मोर्चा के उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए. राजेश कुमार मुंगेर जिले के लाल दरवाजा के रहने वाले थे. वह झारखंड जगुआर में सेवारत थे.

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जानकारी के मुताबिक नक्सलियों की गोली से घायल होने के बाद झारखंड जगुआर के डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को एयरलिफ्ट कर बेहतर इलाज के लिए रांची लाया गया. रांची में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. डिप्टी कमांडेट के शहीद होने की सूचना जैसे ही लाल दरवाजा में उनके भाई राकेश कुमार को मिली वैसे ही बड़े भाई सहित पूरा परिवार गमगीन हो गया.

घटना की सूचना मिलते ही मुंगेर सदर विधायक प्रणव कुमार यादव लाल दरवाजा स्थित डिप्टी कमांडेट के पैतृक घर पर पहुंचे. जहां उन्होंने राजेश कुमार के बड़े भाई राकेश कुमार को ढांढस बंधाया. मुंगेर विधायक प्रणव कुमार यादव ने बताया कि मुंगेर ने अपना लाल ही नहीं दामाद भी खोया है. बताते चलें कि राजेश कुमार की शादी बरियारपुर में हुई थी. सूचना मिलने के बाद उनके ससुराल बरियारपुर में भी मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.

बताया जा रहा है कि शहीद राजेश कुमार पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर थे. उनके पिता लाल बहादुर राय रांची में एजी डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त होकर वहीं बस गए. वे पैतृक घर मुंगेर कम आते हैं. घर पर बड़े भाई राकेश, अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहते हैं. वहीं राजेश के छोटे भाई रजनीश लातेहार में ही आइबी विभाग में कार्यरत हैं.

शहीद राजेश के बड़े भाई ने बताया कि अप्रैल माह में मां का निधन हुआ था. जिसमें राजेश पूरे परिवार के साथ पहुंचे थे. शहीद के भाई ने बताया कि राजेश काफी मिलनसार थे. वह जब भी मुंगेर पहुंचते थे तो गांव के लोगों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. राजेश के शहीद होने की खबर सुनते ही आसपास के लोग राजेश के घर पर जमा हो गए. सभी की आंखें नम हैं.

नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडेंट राजेश के बड़े भाई राकेश ने बताया कि शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार की शाम तक मुंगेर पहुंचने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि अंतिम संस्कार लाल दरवाजा घाट पर होगा. इधर सूचना मिलने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. पड़ोसी और रिश्तेदार घर पहुंचकर सांत्वना दे रहे हैं.

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