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मुंगेर विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति नहीं होने से विकास के काम बाधित, अंधेरे में छात्रों का भविष्य

मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रति कुलपति और रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं होने से विश्वविद्यालय के लगभग एक लाख छात्रों का भविष्य अंधेरे में है. छात्र संगठनों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इन पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की है.

मुंगेर विश्वविद्यालय
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Published : Aug 12, 2021, 7:31 AM IST

मुंगेर: मुंगेर विश्वविद्यालय (Munger University) में स्थायी कुलपति (VC) और कुलसचिव नहीं रहने के कारण विकास कार्य बाधित हैं. छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र राजद (RJD), एबीवीपी (ABVP) और जदयू (JDU) सहित अन्य संगठनों ने बड़े पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की है.

इसे भी पढ़ें- मुंगेर नगर निगम: आयुक्त और उपायुक्त के नहीं रहने से विकास के कार्य हुए ठप, निगमकर्मियों के वेतन पर भी संकट

मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. रंजीत वर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति नहीं देकर टीएमबीयू के कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. कुलसचिव का स्थानांतरण वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा कर दिया गया है. इनकी जगह टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

देखें वीडियो

मुंगेर विश्वविद्याल के प्रोवीसी प्रो डॉ. कुसुम कुमारी भी कार्यकाल पूरा होने के बाद चली गईं हैं. लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय में अभी तक प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं हुई, न ही किसी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. छात्र संगठन लगातार इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अब तक सुना नहीं जा सका. इसे लेकर छात्रों और पेंशनधारियों में काफी गुस्सा है.

मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रति कुलपति और रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं होने से विश्वविद्यालय के लगभग एक लाख छात्रों का भविष्य अंधेरे में है. इस संबंध में छात्र संघ के नेता श्रवण कुमार ने कहा कि वर्तमान में मुंगेर विश्वविद्यालय का हाल बेहाल है. विलंबित सत्र, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, प्रोफेसरों की कमी और कई तरह के संसाधनों की कमी है. मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए न तो अभी तक जमीन अधिग्रहण किया गया है और न ही पीजी का डिपार्टमेंट, पीएचडी की पढ़ाई शुरू हो पाई है.

"विश्वविद्यालय का मूल काम शोध करवाना होता है. लेकिन, मुंगेर विश्वविद्यालय में अभी तक शोध पर किसी प्रकार की कोई तैयारी नहीं है. मुंगेर विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति, प्रति कुलपति एवं कुलसचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. इधर विश्वविद्याल के लिए अब तक जमीन भी अधिग्रहित नहीं की जा सकी है. पीजी डिपार्टमेंट और पीएचडी की पढ़ाई भी नहीं शुरू हो पाई है."- अमित कुमार, सीनेट सदस्य सह अभाविप के प्रदेश सह मंत्री

इसे भी पढ़ें- प्रभारी कुलपतियों के भरोसे विश्वविद्यालयों में चलाया जा रहा काम, शिक्षा व्यवस्था हो रही प्रभावित

सेवानिवृत्त शिक्षक सह शिक्षणेतर कर्मचारी महासंघ के मीडिया प्रभारी डा. प्रकाश कुमार ने छात्रों, शिक्षकों कर्मचारियों और पेंशनरो को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को पिछले 6 महीने से पेंशन नहीं मिला है. बता दें कि टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रभार में हैं. टीएमबीयू के कुलसचिव निरंजन प्रसाद यादव को मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

बता दें कि बीते 26 जुलाई को मुंगेर विश्वविद्यालय सेवानिवृत शिक्षक एवं शिक्षणेतर संघ ने ससमय कार्य निष्पादित नहीं होने के विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन किया था. 30 जुलाई को अनुकंपा आश्रितों ने भी शीघ्र नियुक्ति पत्र निर्गत करने की मांग को लेकर अनशन किया था. जिसके बाद कुलसचिव ने आश्वासन दिया था और अनशन समाप्त हुआ.

इसे भी पढ़ें- मुंगेर विश्वविद्यालय के छात्रों की राह अब और आसान, घर बैठे मिलेगा एडमिशन

लेकिन छात्रों ने अब तक स्थाई कुलपति, कुलसचिव, प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं किए जाने के विरोध में पुतला दहन किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इन मांगों को लेकर राज्यपाल को भी पत्र भेज चुके हैं.

मुंगेर: मुंगेर विश्वविद्यालय (Munger University) में स्थायी कुलपति (VC) और कुलसचिव नहीं रहने के कारण विकास कार्य बाधित हैं. छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र राजद (RJD), एबीवीपी (ABVP) और जदयू (JDU) सहित अन्य संगठनों ने बड़े पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग की है.

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मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. रंजीत वर्मा का कार्यकाल पूरा होने के बाद विश्वविद्यालय को स्थायी कुलपति नहीं देकर टीएमबीयू के कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता को विश्वविद्यालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. कुलसचिव का स्थानांतरण वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा कर दिया गया है. इनकी जगह टीएमबीयू के कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

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मुंगेर विश्वविद्याल के प्रोवीसी प्रो डॉ. कुसुम कुमारी भी कार्यकाल पूरा होने के बाद चली गईं हैं. लेकिन मुंगेर विश्वविद्यालय में अभी तक प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं हुई, न ही किसी को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. छात्र संगठन लगातार इसकी मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अब तक सुना नहीं जा सका. इसे लेकर छात्रों और पेंशनधारियों में काफी गुस्सा है.

मुंगेर विश्वविद्यालय में कुलपति, प्रति कुलपति और रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पदों पर स्थायी नियुक्ति नहीं होने से विश्वविद्यालय के लगभग एक लाख छात्रों का भविष्य अंधेरे में है. इस संबंध में छात्र संघ के नेता श्रवण कुमार ने कहा कि वर्तमान में मुंगेर विश्वविद्यालय का हाल बेहाल है. विलंबित सत्र, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी, प्रोफेसरों की कमी और कई तरह के संसाधनों की कमी है. मुंगेर विश्वविद्यालय के लिए न तो अभी तक जमीन अधिग्रहण किया गया है और न ही पीजी का डिपार्टमेंट, पीएचडी की पढ़ाई शुरू हो पाई है.

"विश्वविद्यालय का मूल काम शोध करवाना होता है. लेकिन, मुंगेर विश्वविद्यालय में अभी तक शोध पर किसी प्रकार की कोई तैयारी नहीं है. मुंगेर विश्वविद्यालय में स्थाई कुलपति, प्रति कुलपति एवं कुलसचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने का कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है. इधर विश्वविद्याल के लिए अब तक जमीन भी अधिग्रहित नहीं की जा सकी है. पीजी डिपार्टमेंट और पीएचडी की पढ़ाई भी नहीं शुरू हो पाई है."- अमित कुमार, सीनेट सदस्य सह अभाविप के प्रदेश सह मंत्री

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सेवानिवृत्त शिक्षक सह शिक्षणेतर कर्मचारी महासंघ के मीडिया प्रभारी डा. प्रकाश कुमार ने छात्रों, शिक्षकों कर्मचारियों और पेंशनरो को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हम लोगों को पिछले 6 महीने से पेंशन नहीं मिला है. बता दें कि टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रभार में हैं. टीएमबीयू के कुलसचिव निरंजन प्रसाद यादव को मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

बता दें कि बीते 26 जुलाई को मुंगेर विश्वविद्यालय सेवानिवृत शिक्षक एवं शिक्षणेतर संघ ने ससमय कार्य निष्पादित नहीं होने के विरोध में लगातार धरना प्रदर्शन किया था. 30 जुलाई को अनुकंपा आश्रितों ने भी शीघ्र नियुक्ति पत्र निर्गत करने की मांग को लेकर अनशन किया था. जिसके बाद कुलसचिव ने आश्वासन दिया था और अनशन समाप्त हुआ.

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लेकिन छात्रों ने अब तक स्थाई कुलपति, कुलसचिव, प्रोवीसी की नियुक्ति नहीं किए जाने के विरोध में पुतला दहन किया. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने इन मांगों को लेकर राज्यपाल को भी पत्र भेज चुके हैं.

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