मुंगेरः जमालपुर प्रखंड के पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत में वित्तीय वर्ष 2012-13 एवं 13-14 में सरकारी योजना में बंदरबांट मामले में जिलाधिकारी को दिए गए आवेदन पर डीडीसी के नेतृत्व में पंचायत मैं किए गए कार्य का जांच किया गया. हालांकि किए गए जांच से डीडीसी सहित अन्य पदाधिकारी संतुष्ट दिखे.
DDC ने बताया कि पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत में पूर्व मुखिया सुरेंद्र यादव के कार्यकाल में किए गए कार्यों की जांच हेतु आवेदन पंचायत के ही एक पूर्व मुखिया के द्वारा जिलाधिकारी को दिया गया था.
जांच टीम की गई गठित
दिए गए आवेदन पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने उक्त मामले की जांच को लेकर डीडीसी संजय कुमार सहित अन्य पदाधिकारियों के नेतृत्व में जांच टीम गठित की. इधर गठित टीम में शामिल पदाधिकारियों ने जब पश्चिमी इंद्ररुख पंचायत का जांच करते हुए पूर्व के फाइल एवं रिकॉर्ड सहित सामानों का मिलान किया तो अधिकारी किये गए कार्य से संतुष्ट दिखे.
ये भी पढ़ें- कोरोना टेस्ट घोटाले पर सीएम नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, 'गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई'
कई लोग रहे शामिल
जांच में सड़क, चापानल सौर ऊर्जा से संबंधित सरकारी रिकॉर्ड देखते हुए पंचायत के जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणों से पूछताछ भी की. जांच में शामिल अधिकारियों ने बताया कि जिन कार्यों को लेकर आवेदन दिया गया था संबंधित कागजातों की जांच की गई. जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी. मौके पर जिला योजना पदाधिकारी, डीआरडीए के एई विनोद कुमार सिन्हा, प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार के अलावे पूर्व मुखिया राम प्रसाद मंडल, वर्तमान मुखिया प्रतिनिधि विजय मंडल अलावे कई ग्रामीण शामिल थे.