मुंगेर: बिहार के मुंगेर से अपहरण का अजीबो गरीब मामला सामने आया है. रेलकर्मी अशोक यादव के गायब होने के बाद उसकी पत्नी पिंकी देवी ने आदर्श थाने में पति के लापता और अपहरण होने का केस दर्ज कराया था. अशोक सात दिन से लापता थे. तभी सोमवार को नाटकीय ढ़ंग से देर रात घर लौटे हैं. अपहृत रेलकर्मी के दिए गए बयान पर प्रभारी थानाध्यक्ष को संदेह है. उन्होंने न्यायालय में 164 का बयान कराने के बाद रेलकर्मी को उनके परिजन को सुपुर्द कर दिया जाएगा.
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"रेलकर्मी जो कहानी बता रहा है. वह पचने वाली नहीं है. कुछ तो बात जरूर है. जो रेलकर्मी छुपा रहा है. वैसे न्यायालय में 164 का बयान कराने के बाद रेलकर्मी को उनके परिजन को सुपुर्द कर दिया जाएगा गया. रेलकर्मी की पत्नी ने थाने में केस दर्ज कराई थी." -ज्योति कुमारी, प्रभारी थानाध्यक्ष, जमालपुर
मुंगेर में अगवा रेलकर्मी पहुंचा थाना: घटना से संबंध में बताया जाता है एक अगस्त को रेलकर्मी को बदमाशों ने अगवा कर लिया था. रेल इंजन कारखाना जमालपुर के स्टोर विभाग में कार्यरत रेलकर्मी दौलतपुर निवासी अशोक कुमार यादव 7 दिन जंगल पहाड़ में रात बिताने के बाद नाटकीय तरीके से 8वें दिन परिजन के साथ आदर्श थाना जमालपुर पहुंच गया. जहां पुलिस ने रेलकर्मी से पूछताछ करने के बाद परिजनों को सौंप दिया.
1 अगस्त को ईस्ट कॉलोनी से रेलकर्मी लापता: थाना पहुंचे रेलकर्मी अशोक यादव ने बताया कि 1 अगस्त को ईस्ट कॉलोनी के कारखाना रोड से बदमाशों ने अगवा कर लिया. बदमाशों ने मुझे यह बोलकर एक मोटरसाइकिल सवार अपने साथ ले गया कि मुझे काली पहाड़ का रास्ता दिखा दीजिए. रास्ता दिखाने के क्रम में जैसे ही काली पहाड़ी के नीचे पहुंचा तो वहां तीन-चार लोग पहले से मौजूद थे और मुझे आंख पर पट्टी बांधकर पहाड़ पर लेकर चलाये गये.
अपहरणकर्ताओं ने दशरथपुर स्टेशन के पास छोड़ा: उन्होंने बताया कि पहाड़ के जंगल में 7 दिन रखने के बाद सोमवार की रात नौ बजे मुझे दशरथपुर रेलवे स्टेशन के समीप छोड़ दिया. बदमाशों ने कहा जिसे हम ढूंढ रहे थे. वह शख्स कोई और है. आप अपने घर चले जाओ. रेलकर्मी ने जमालपुर पुलिस को यह भी बताया कि पहाड़ पर 7 दिन मुझे क्यों रखा. वे लोग कौन थे मुझे कुछ पता नही. इतना जरूर था कि मुझे खाना-पीना समय पर देते थे और मेरे साथ अच्छा व्यवहार किया.