मुंगेर: जिले के सभी अनुमंडल के शपथपत्र कार्यालय में कोरोना संक्रमण काल के दौरान कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही है. यह लापरवाही भारी पड़ेगी यह जानते हुए भी इससे सभी लोग अनजान बने हुए हैं. मुंगेर में अब फिर से कोरोना ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया. लेकिन मुंगेर जिला प्रशासन इसको लेकर लापरवाह बना हुआ है.
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जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही
जिले में रोज नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. नए-नए इलाके इसके जद में आ रहे हैं. मुंगेर जिले के सभी अनुमंडल के शपथपत्र कार्यलय में कोरोना संक्रमण काल के दौरान कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. यह लापरवाही भारी पड़ेगी यह जानते हुए भी इससे सभी लोग अनजान बने हुए हैं. जिले में विद्यालय में नामांकन के लिए शपथ पत्र, राशन कार्ड बनवाने में शपथ पत्र, जाति-आय आवासीय एवं अन्य प्रमाण-पत्र बनवाने में शपथ पत्र की जरूरत होती है.
लाइन में खड़े रहते हैं 300 आवेदक
इधर शपथ पत्र बनवाने वालों की अचानक भीड़ बढ़ गई है. जबकि कोरोना संक्रमण काल भी चल रहा है. शपथ पत्र बनवाने इस कार्यालय में प्रतिदिन 200 से 300 की संख्या में आवेदक सुबह से ही देर शाम तक लाइनों में खड़े होकर अपनी बारी के इंतजार में रहते हैं. ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टर कहते हैं कि 2 गज की दूरी का पालन नहीं करने पर कोरोना वायरस का खतरा अधिक रहता है.
पदाधिकारी कम होने के कारण लगती है भीड़
सदर अनुमंडल कार्यालय में एक मात्र मजिस्ट्रेट हैं जो शपथ पत्र बनाते हैं. इससे यहां पर काफी भीड़ लग जाती है. वहीं, मजिस्ट्रेट दूसरे कार्य भी करने चले जाते हैं तो लोगों को और भी परेशानी होने लगती है.
शपथ पत्र बनवाने में छूट रहे पसीने
शपथ पत्र बनवाने के लिए आने वाले लोगों ने बताया कि अधिकारी की कमी के कारण काफी परेशानी हो रही है. 3 दिनों से कार्यालय का चक्कर लगा रहा हूं लेकिन कार्य नहीं हो रहा है. साथ ही लोगों ने जिला प्रशासन से लोगों की भीड़ को देखते हुए अतिरिक्त काउंटर बनवाने की मांग की.
'क्या करेंगे बाबू मजबूरी है'
ऐसा नहीं है कि शपथ पत्र बनवाने आए आवेदकों को कोरोना के खतरे का ज्ञान नहीं है. आवेदक रितेश कुमार, दिनेश कुमार, बबलू, जूली देवी ने एक स्वर में कहा कि क्या करें मजबूरी है. स्थान छोटा है जिसके कारण लोगों को पास-पास खड़ा होना होता है. लाइन में खड़े लोगों ने कहा कि मास्क तो लगा लिए हैं लेकिन सोशल डिस्टेंस का पालन करना यहां मुश्किल हो रहा है.