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मुंगेर: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदाकर्मी, कोरोना जांच और इलाज प्रभावित

मुंगेर में संविदाकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से कोरोना मरीजों की जांच से लेकर इलाज तक रुक गया है. संविदाकर्मी अपनी 17 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

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Published : Jul 21, 2020, 12:46 PM IST

मुंगेर: स्वास्थ्य विभाग के सभी संविदा कर्मी सरकार से 17 सूत्री मांग को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. संविदाकर्मी के हड़ताल पर जाने से कोरोना संदिग्धों की जांच नहीं हो या रही. वहीं, नए मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट नहीं हो पाए.

हड़ताल से इलाज पर व्यापक असर

बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ जिला इकाई मुंगेर से जुड़े डाटा ऑपरेटर, अस्पताल प्रबंधक, लेखापाल, सामुदायिक उत्प्रेरक 17 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. सोमवार को यह लोग सांकेतिक हड़ताल पर रहे. इसके कारण कोरोना इलाज और जांच में व्यापक असर पड़ा है.

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मरीजों की बढ़ी परेशानी

सोमवार को नहीं हुआ काम

हड़ताल के कारण आइसोलेशन वार्ड में 10 दिन उपचार के बाद जिस मरीज को सोमवार या मंगलवार को डिस्चार्ज होना था, वैसे मरीज की सूची तैयार नहीं होने के कारण कोई मरीज आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज नहीं हो सका. इसके अलावा मरीजों की सूची भी विभाग की साइट से अपलोड नहीं की जा सकी है. इस कारण सोमवार को एक भी मरीज के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि विभागीय स्तर पर नहीं हो सकी. कुल मिलाकर सोमवार को कोरोना से संबंधित एक भी काम नहीं हो पाया.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदाकर्मी

संघ के जिला अध्यक्ष आमिर हसन खान की अध्यक्षता में सभी सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. कोई भी संविदा पदाधिकारी या कर्मी हड़ताल अवधि में कार्य नहीं कर रहे हैं. इस दौरान डीपीएम मोहम्मद नसीम रजी, जिला लेखा प्रबंधक पंकज कुमार, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी रचना कुमारी, जिला समुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज, सभी अस्पताल प्रबंधक, सभी डाटा ऑपरेटर, लेखापाल हड़ताल पर हैं.

प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से आक्रोश
संघ ने 17 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है, लेकिन सबसे प्रमुख मांग एक माह की प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से यह विवाद उत्पन्न हुआ. संघ के जिला अध्यक्ष आमिर हसन खान ने बताया कि कोरोना काल में सभी संविदाकर्मी मार्च से लगातार दिन रात एक करके काम कर रहे हैं. सरकार द्वारा संविदा कर्मियों के काम को देखते हुए 1 माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि भुगतान करने का आदेश दिया गया था, लेकिन 3 महीने बाद भी प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जो सरकार की उदासीनता को दर्शाता है. सरकार 1 माह के मानदेय के बराबर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करती है तो संविदाकर्मी मन लगाकर कोरोना में काम करेंगे.

संविदा स्वास्थ्य संविदा कर्मियों की 17 सूत्री मांग-

  1. स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों की मुख्य मांगों में स्वास्थ्य उपकेंद्र के प्रबंधक कैडर कर्मियों को 1 माह का प्रोत्साहन राशि मिले.
  2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में संविदा पर कार्यरत कर्मियों का नियमितीकरण.
  3. एनएचएम अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों को ईपीएफ की सुविधा.
  4. 2011 से लंबित मानदेय का पुनरीक्षण.
  5. फिटमेंट कमेटी की अनुशंसा लागू.
  6. एनएचएम अंतर्गत कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को 15% प्रतिवर्ष वार्षिक वृद्धि की जाए.
  7. एनएचएम अंतर्गत चयन मुक्त सभी संविदा कर्मियों को बिना शर्त वापस लिया जाए.
  8. राज्य स्तर से प्रखंड स्तर तक आउटसोर्स प्रथा को बंद किया जाए.
  9. पूर्व से बाहर सभी आउटसोर्स कर्मियों को एनएचएम में समायोजित किया जाए.
  10. संविदा कर्मियों को आवेदन के आधार पर राज्य के अन्य जिलों में अविलंब स्थानांतरण किया जाए.
  11. कर्मी के सेवाकाल के दौरान आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 25,00,000 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.
  12. डीपीएमयू के तर्ज पर राज्य स्तरीय एसपीएमयू के कर्मियों एवं बीपीएमयू कर्मियों को भी कार्यालय से आवासीय भवन उपलब्ध कराया जाए.
  13. राज्य से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक के सभी स्तर के कर्मियों को ईपीएफ की सुविधा से आच्छादित किया जाए.
  14. आयुष चिकित्सक की तर्ज पर संविदा कर्मियों का वेतनमान वृद्धि की जाए. इसके अलावा कई अन्य मांगे हैं.

क्या बोले अस्पताल उपाधीक्षक?
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ निरंजन कुमार ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर बहाल स्वास्थ्यकर्मी के हड़ताल पर चले जाने से जांच कार्य एवं अन्य कार्यों में रुकावट आ रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं.

मुंगेर: स्वास्थ्य विभाग के सभी संविदा कर्मी सरकार से 17 सूत्री मांग को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. संविदाकर्मी के हड़ताल पर जाने से कोरोना संदिग्धों की जांच नहीं हो या रही. वहीं, नए मरीजों को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट नहीं हो पाए.

हड़ताल से इलाज पर व्यापक असर

बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदाकर्मी संघ जिला इकाई मुंगेर से जुड़े डाटा ऑपरेटर, अस्पताल प्रबंधक, लेखापाल, सामुदायिक उत्प्रेरक 17 सूत्री मांगों को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. सोमवार को यह लोग सांकेतिक हड़ताल पर रहे. इसके कारण कोरोना इलाज और जांच में व्यापक असर पड़ा है.

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मरीजों की बढ़ी परेशानी

सोमवार को नहीं हुआ काम

हड़ताल के कारण आइसोलेशन वार्ड में 10 दिन उपचार के बाद जिस मरीज को सोमवार या मंगलवार को डिस्चार्ज होना था, वैसे मरीज की सूची तैयार नहीं होने के कारण कोई मरीज आइसोलेशन वार्ड से डिस्चार्ज नहीं हो सका. इसके अलावा मरीजों की सूची भी विभाग की साइट से अपलोड नहीं की जा सकी है. इस कारण सोमवार को एक भी मरीज के कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि विभागीय स्तर पर नहीं हो सकी. कुल मिलाकर सोमवार को कोरोना से संबंधित एक भी काम नहीं हो पाया.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर संविदाकर्मी

संघ के जिला अध्यक्ष आमिर हसन खान की अध्यक्षता में सभी सदस्य अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. कोई भी संविदा पदाधिकारी या कर्मी हड़ताल अवधि में कार्य नहीं कर रहे हैं. इस दौरान डीपीएम मोहम्मद नसीम रजी, जिला लेखा प्रबंधक पंकज कुमार, जिला मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी रचना कुमारी, जिला समुदायिक उत्प्रेरक निखिल राज, सभी अस्पताल प्रबंधक, सभी डाटा ऑपरेटर, लेखापाल हड़ताल पर हैं.

प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से आक्रोश
संघ ने 17 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की बात कही है, लेकिन सबसे प्रमुख मांग एक माह की प्रोत्साहन राशि नहीं मिलने से यह विवाद उत्पन्न हुआ. संघ के जिला अध्यक्ष आमिर हसन खान ने बताया कि कोरोना काल में सभी संविदाकर्मी मार्च से लगातार दिन रात एक करके काम कर रहे हैं. सरकार द्वारा संविदा कर्मियों के काम को देखते हुए 1 माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि भुगतान करने का आदेश दिया गया था, लेकिन 3 महीने बाद भी प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है, जो सरकार की उदासीनता को दर्शाता है. सरकार 1 माह के मानदेय के बराबर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करती है तो संविदाकर्मी मन लगाकर कोरोना में काम करेंगे.

संविदा स्वास्थ्य संविदा कर्मियों की 17 सूत्री मांग-

  1. स्वास्थ्य संविदा कर्मचारियों की मुख्य मांगों में स्वास्थ्य उपकेंद्र के प्रबंधक कैडर कर्मियों को 1 माह का प्रोत्साहन राशि मिले.
  2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में संविदा पर कार्यरत कर्मियों का नियमितीकरण.
  3. एनएचएम अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों को ईपीएफ की सुविधा.
  4. 2011 से लंबित मानदेय का पुनरीक्षण.
  5. फिटमेंट कमेटी की अनुशंसा लागू.
  6. एनएचएम अंतर्गत कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को 15% प्रतिवर्ष वार्षिक वृद्धि की जाए.
  7. एनएचएम अंतर्गत चयन मुक्त सभी संविदा कर्मियों को बिना शर्त वापस लिया जाए.
  8. राज्य स्तर से प्रखंड स्तर तक आउटसोर्स प्रथा को बंद किया जाए.
  9. पूर्व से बाहर सभी आउटसोर्स कर्मियों को एनएचएम में समायोजित किया जाए.
  10. संविदा कर्मियों को आवेदन के आधार पर राज्य के अन्य जिलों में अविलंब स्थानांतरण किया जाए.
  11. कर्मी के सेवाकाल के दौरान आकस्मिक मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 25,00,000 रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए.
  12. डीपीएमयू के तर्ज पर राज्य स्तरीय एसपीएमयू के कर्मियों एवं बीपीएमयू कर्मियों को भी कार्यालय से आवासीय भवन उपलब्ध कराया जाए.
  13. राज्य से लेकर स्वास्थ्य केंद्र तक के सभी स्तर के कर्मियों को ईपीएफ की सुविधा से आच्छादित किया जाए.
  14. आयुष चिकित्सक की तर्ज पर संविदा कर्मियों का वेतनमान वृद्धि की जाए. इसके अलावा कई अन्य मांगे हैं.

क्या बोले अस्पताल उपाधीक्षक?
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ निरंजन कुमार ने बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर बहाल स्वास्थ्यकर्मी के हड़ताल पर चले जाने से जांच कार्य एवं अन्य कार्यों में रुकावट आ रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैकल्पिक उपाय किए जा रहे हैं.

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