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मुंगेर: उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ का समापन

चार दिनों तक चलने वाला लोक आस्था का महापर्व छठ का आज समापन हो गया है.अहले सुबह मुंगेर जिले के 32 गंगा घाटों के अलावा निजी तालाब एवं घरों में ही अस्थाई तालाब बना कर छठ व्रतियों ने उदयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया.

मुंगेर
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Published : Nov 21, 2020, 7:31 PM IST

मुंगेर: उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ का आज समापन हो गया. मुंगेर शहर के बबुआ घाट में छठ पर्व को लेकर हजारों की संख्या में व्रती एवं श्रद्धालु गंगा घाट आए.

लोक आस्ठा का महापर्व छठ संपन्न
अहले सुबह अंधेरे में ही गंगा घाट पर लोगों का आना शुरू हो गया था. छठ पर्व को लेकर गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ती है. माथे पर दौरा लेकर नंगे पांव सुबह 5:00 बजे तक सभी छठ व्रती गंगा घाट पहुंच गए. छठ व्रतियों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर हाथों में सूप लिया. तत्पश्चात परिवार के लोगों ने गंगाजल और दूध से भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया. बबुआ घाट के अलावे लालदरवजा घाट, श्रीमत पुर घाट ,नया गांव घाट, श्यामपुर घाट, शंकरपुर महुली जैसे 32 गंगा घाट के अलावे लोगों ने अपने घरों में अस्थाई तालाब बना कर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया.

लोक आस्ठा का महापर्व छठ संपन्न
लोक आस्ठा का महापर्व छठ संपन्न

सूर्य देवता के दर्शन देर से हुए
जिले में आसमान साफ नहीं था घने काले बादल और हल्की शीतलहर के कारण सुबह 8:00 बजे तक भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हो पाये. लोगों ने इसी बीच आस्था के साथ उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया से आशीर्वाद मांगा.

उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य
उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य

ड्रोन से भी गंगा घाट की की जा रही थी निगरानी
दुर्घटना रोकने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किये थे. जिला प्रशासन ने गंगा घाट पर छठ व्रत कर रहे लोगों को किसी भी तरह की दुर्घटना से बचाने के लिए प्रबंध कर रखा था. गंगा घाट पर बैरिकेडिंग की गई थी .खतरे का निशान लगाया गया था. गंगा में बांस बल्ला लगाकर लाल कपड़े का निशान लगाया गया था. जिससे लोग गहरे पानी में ना चले जाएं और उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़ा

मुंगेर: उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ का आज समापन हो गया. मुंगेर शहर के बबुआ घाट में छठ पर्व को लेकर हजारों की संख्या में व्रती एवं श्रद्धालु गंगा घाट आए.

लोक आस्ठा का महापर्व छठ संपन्न
अहले सुबह अंधेरे में ही गंगा घाट पर लोगों का आना शुरू हो गया था. छठ पर्व को लेकर गंगा घाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ती है. माथे पर दौरा लेकर नंगे पांव सुबह 5:00 बजे तक सभी छठ व्रती गंगा घाट पहुंच गए. छठ व्रतियों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर हाथों में सूप लिया. तत्पश्चात परिवार के लोगों ने गंगाजल और दूध से भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया. बबुआ घाट के अलावे लालदरवजा घाट, श्रीमत पुर घाट ,नया गांव घाट, श्यामपुर घाट, शंकरपुर महुली जैसे 32 गंगा घाट के अलावे लोगों ने अपने घरों में अस्थाई तालाब बना कर सूर्य देवता को अर्घ्य दिया.

लोक आस्ठा का महापर्व छठ संपन्न
लोक आस्ठा का महापर्व छठ संपन्न

सूर्य देवता के दर्शन देर से हुए
जिले में आसमान साफ नहीं था घने काले बादल और हल्की शीतलहर के कारण सुबह 8:00 बजे तक भगवान भास्कर के दर्शन नहीं हो पाये. लोगों ने इसी बीच आस्था के साथ उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ मैया से आशीर्वाद मांगा.

उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य
उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य

ड्रोन से भी गंगा घाट की की जा रही थी निगरानी
दुर्घटना रोकने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किये थे. जिला प्रशासन ने गंगा घाट पर छठ व्रत कर रहे लोगों को किसी भी तरह की दुर्घटना से बचाने के लिए प्रबंध कर रखा था. गंगा घाट पर बैरिकेडिंग की गई थी .खतरे का निशान लगाया गया था. गंगा में बांस बल्ला लगाकर लाल कपड़े का निशान लगाया गया था. जिससे लोग गहरे पानी में ना चले जाएं और उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़ा

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