मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले का प्रदूषण स्तर (Increasing Pollution level of Munger) दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. पिछले महीने ही मुंगेर देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहर में रहा है. बावजूद मुंगेर नगर निगम प्रदूषण को दूर करने के उपाय नहीं कर रहा है. वहीं, नगर निगम अपने 45 वार्डों की सफाई में भी फिसड्डी साबित हो रहा है. जबकि नगर निगम ने शहर की सफाई के लिए करोड़ों की मशीनें खरीदी हैं, जो कस्तूरबा वाटर वर्क्स यार्ड में धूल फांक रहा है.
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बता दें कि, दिन प्रतिदिन मुंगेर का प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है. एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन के जो आंकड़े हैं वो काफी(Poor Air Quality Index In Munger) भयावह है. गंदगी और बजबजाती नालियां, जगह-जगह कूड़े कचरे का अंबार शहर की पहचान बनते जा रही है. लोग गंदगी में रहने को मजबूर हो चुकें हैं. जबकि सफाई के लिए खरीदी गई करोड़ों की मशीनें बेकार पड़ी हुई हैं.
दरअसल, ऐसा नहीं है कि नगर निगम सफाई के मद में पैसे खर्च नहीं करती. नगर निगम ने शहर की सफाई के लिए करोड़ों रुपए की मशीन खरीदी लेकिन उसे सफाई में इस्तेमाल ना कर यार्ड में शोभा की वस्तु बनाकर छोड़ रखा है. साल 2018 में 50 लाख रूपये की लागत से रोड स्वीपिंग मशीन खरीदी गई.यह मशीन आज तक सड़क पर साफ करने के लिए नहीं निकली. शुरू के दिनों में ही सिर्फ ट्रायल के लिए एक से दो दिन निकाली गई थी. 30 लाख रुपये से नगर निगम ने विश मशीन को 2017 में ही खरीदी थी. नगर निगम द्वारा चौक चौराहे पर रखे कंटेनर से कुड़ा उठाकर बड़े कंटेनर में डालने वाला यह विश मशीन से एक भी दिन काम नहीं लिया गया. इसके अलावा नाली के गंदगी को खींचने वाला एयर वैक्यूम मशीन 10 साल पहले खरीदी गई थी. जिसका भी आज तक इस्तेमाल नहीं किया गया.
वहीं, आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर, छोटी ट्रोलियां पड़े-पड़े बेकार हो गई है. लेकिन ना तो मेयर, डिप्टी मेयर या नगर निगम प्रशासन मशीनों को शहर की सफाई में इस्तेमाल करने में कोई दिलचस्पी दिखा रहा है. इस मामले में बीजेपी नेता अजीत कुमार छोटू ने कहा कि, नगर निगम प्रशासन लोगों से सालाना सफाई के नाम पर 360 रुपये टैक्स लेती है.जबकि सफाई व्यवस्था एकदम खराब है. वहीं सप्ताह में एक भी दिन सफाई नहीं होती है. नालों की सफाई तो खुद से करनी पड़ती है. उन्होंने नगर निगम प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा किया और कहा कि, नगर निगम प्रशासन केवल टैक्स लेना जानती है. लोगों को सुविधा नहीं देना जानती.
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इस पूरे मामले में जब नगर निगम के डिप्टी मेयर सुनील राय से सवाल किया गया तो उन्होंने ने भी माना कि, करोड़ों की मशीनें यार्ड में बेकार पड़ी है. उन्होंने कहा कि, ऐसी कई मशीनें है जो खरीदने के बाद आज तक सड़क पर सफाई के लिए नहीं निकली. इसके लिए उन्होंने नगर निगम की मेयर को दोषी ठहराते हुए कहा कि, नगर निगम के मेयर तथा नगर आयुक्त के बीच आपसी मतभेद के कारण नगर निगम की यह हालात है. उन्होंने कहा कि मुझे भी दुख होता है कि शहर की सफाई नहीं हो रही है और लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. इसको लेकर हम बोर्ड की बैठक में सवाल उठाते हैं और विभाग को भी पत्र लिखा है.
वहीं, दो दिन पहले ही मुंगेर नगर निगम को प्रभारी आयुक्त मिला है. पिछले 4 महीने से नगर आयुक्त का पद एडीएम संभाल रहे थे. नए नगर आयुक्त कुंदन कुमार ने कहा कि, मैंने कुछ घंटे पहले ही पदभार ग्रहण किया है और यहां हड़ताल भी चल रही है. मेरे लिए पहले हड़ताल को समाप्त करवाना पहली प्राथमिकता है. साथ ही जो भी मशीनें खरीदी गई है उन्हें सड़क पर लाना भी मेरी प्राथमिकता है. इस कार्य के लिए जो भी मशीनें खरीदी गई हैं वो जल्द ही सड़कों पर नजर आएगी.
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