मुंगेर: जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र इलाके के रहने वाले मोहम्मद जहांगीर के 38 वर्षीय पुत्र सैफ अली के कोरोना वायरस से हुई मौत के पीछे बड़ी लापरवाही सामने आई है. इस मामले में कई लोगों ने लापरवाही बरती है. मुंगेर जिला प्रशासन से लेकर पटना एम्स प्रशासन की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. परिजनों ने बताया कि 12 मार्च को वह कतर से दिल्ली और फिर वहां से पटना आए थे.
पटना से मुंगेर आने के 2 दिन बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सुभाष नगर इलाके के डॉक्टर अनिरुद्ध, तोपखाना बाजार इलाके के शनल हॉस्पिटल, लोहा पट्टी इलाके के जीवन अवतार हॉस्पिटल और सदर अस्पताल में इलाज कराया गया था. लेकिन उनकी तबीयत सुधरने की बजाय बिगड़ते जा रही थी.
पटना एम्स में हुई मौत
मुंगेर में किसी चिकित्सक ने कोरोना वायरस होने की बात नहीं बताई. नेशनल हॉस्पिटल तोपखाना बाजार में जब उसे अंतिम बार भर्ती किया गया था, तो चिकित्सकों ने उसकी स्थिति गंभीर बताते हुए पटना भेज दिया. एंबुलेंस नेशनल हॉस्पिटल का ही था. पटना पहुंचने के बाद एक निजी क्लीनिक में उन्हें दिखाया गया, लेकिन वहां के चिकित्सकों ने भी इसकी स्थिति को गंभीर बताते हुए पीएमसीएच रेफर किया.
पीएमसीएच में भी इन्हें नहीं देखा गया और वहां से एम्स भेज दिया गया. परिजनों ने बताया कि एम्स में 2 दिन बीत जाने के बाद उनकी मौत हो गई. मौत के बाद हमें प्रशासन ने बॉडी सौंपते हुए कहा कि जल्दी से इसे घर लेकर चले जाओ. हम लोगों ने कहा कि कोरोना वायरस पॉजिटिव है या नेगेटिव, इसका हमें सर्टिफिकेट तो दे दीजिए. अगर पॉजिटिव हुआ तो हम लोग सावधानी बरतेंगे. लेकिन प्रशासन ने कहा इसे जल्दी से ले जाओ नहीं तो फिर यहीं पर दूसरी कहानी हो जाएगी.
ये भी पढ़ें: गया में बीटीएमसी के चालक की कोरोना वायरस से मौत की आशंका, शव के ब्लड सेंपल को भेजा गया पटना
अभी तक सील नहीं किया गया इलाका
परिजनों ने बताया कि आनन-फानन में निजी एंबुलेंस के जरिए शव को मुंगेर लाया गया. एम्स प्रशासन ने उसे प्लास्टिक के बैग में पैक कर दिया था. बाद में मीडिया के माध्यम से पता चला कि एम्स प्रशासन ने 2 दिन पूर्व जांच के लिए ब्लड सैंपल भेजा था, उसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. उन्होंने कहा कि इसमें हम लोगों का दोष क्या है. अगर हम लोग को पहले पता रहता, तो हम लोग सावधान रहते. हम लोग अब जिला के स्वास्थ्य अधिकारी के सामने उनके निर्देश पर सैफ अली का मिट्टी कर रहे हैं.
वहीं, जिला प्रशासन ने बचाव के लिए कोई उपाय नहीं किया है. उस इलाके में लोग बिना किसा रोक-टोक के आ रहे हैं. मुफस्सिल थाना क्षेत्र का श्रीमतपुर पंचायत का इलाका भी अभी तक सील नहीं किया गया है ना ही मास्क का वितरण किया गया है.