मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक शादी (Wedding) समारोह के दौरान उस वक्त दोनों परिवार के लोगों के होश उड़ गए, जब दुल्हन (Bride) ने शादी से इनकार (Refused to Marry) कर दिया. दरअसल, बड़े धूमधाम से द्वारपूजा और जयमाल का कार्यक्रम संपन्न हुआ. दूल्हा स्टेज पर रखी कुर्सी पर दिल में बड़ा अरमान लिए बैठा था. लेकिन थोड़ी देर बाद यह संदेश आता है कि लड़की ने शादी से इनकार कर दिया है.
जानकारी के अनुसार, जिले के मंगल बाजार के अश्वनी कुमार के 21 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार की शादी 3 माह पूर्व दिल्ली के रहने वाले विनोद ठाकुर की पुत्री रागिनी कुमारी से तय हुई थी, लेकिन बुधवार को जयमाला के बाद लड़की ने शादी से इनकार (Bride Refused To Marry) कर दिया. दुल्हन का कहना था कि लड़के के दिल में छेद है, इसलिए वो शादी नहीं करेगी.
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बताया जाता है कि, लड़की का परिवार दिल्ली में रहता हैै. इसलिए दोनों पक्षों ने मुंगेर में ही शादी (Wedding In Munger) संपन्न कराने के लिए सरदार प्लेस विवाह भवन को बुक किया था, जहां बुधवार को शादी होनी थी. दो नंबर गुमटी मंगल बाजार के रहने वाले अश्विनी कुमार के 21 वर्षीय पुत्र अभिषेक कुमार की बारात निवास स्थान से धूमधाम से निकली. बाराती नाचते-गाते सरदार पैलेस पहुंचे. जहां पूरे रस्मों रिवाज के साथ समधी मिलन हुआ.
दूल्हे की गाल सेंकाई भी सराती पक्ष के महिलाओं के द्वारा किया गया. पारंपरिक गीत गाए जा रहे थे. थोड़ी देर बाद जयमाल स्टेज पर लड़का विराजमान हुआ और दुल्हन बनी दिल्ली की रहने वाली रागिनी जयमाल की थाल लेकर स्टेज पर पहुंची. जयमाल की रस्म पूरे विधि विधान से एवं वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुआ.
वरमाला के बाद लड़की ग्रीन रूम गई और थोड़ी देर बाद वहां से संदेशा आया कि लड़की शादी नहीं करना चाहती, क्योंकि लड़के के दिल में छेद है. इतना सुनते ही वहां हंगामा खड़ा हो गया. लड़की और लड़का पक्ष आमने-सामने हो गए. लड़की की बात सुन लड़के ने अपने कपड़े उतार कर दिखाए. लेकिन लड़की नहीं मानी.
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इस बीच, हंगामा कोई बड़ा रूप लेता उससे पहले दूल्हे ने अपने परिजनों से कहा कि वह लड़की के फैसले का सम्मान करता है. अब शादी नहीं होगी. वह स्वतंत्र है, पढ़ी-लिखी है, उसे भी फैसले लेने का अधिकार है. मैं उसके इस फैसले का सम्मान करता हूं.
लड़की के आरोप पर अभिषेक (दूल्हा) ने कहा कि मैं कोई गंभीर बीमारी से कभी ग्रसित नहीं रहा हूं, ना ही दिल में कोई छेद है. मेरे जीजा डॉक्टर हैं. वे उन्हें इसका सर्टिफिकेट दे सकते हैं. मुंगेर में किसी भी डॉक्टर से मैं जांच करवाने के लिए तैयार हूं. लड़की को बेबुनियाद आरोप नहीं लगाना चाहिए था. वह स्वतंत्र है, उसकी स्वतंत्रता के लिए मैंने उसके फैसले का सम्मान किया.
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हालांकि, दुल्हन द्वारा शादी से इनकार करने के बाद दोनों पक्ष आपस में बैठै और पांच रुपये के स्टांप पर लड़की के फैसले के बारे में लिखा. लड़का-लड़की के हस्ताक्षर के बाद दोनों के माता-पिता ने दस्तखत किए. उसके बाद दोनों पक्ष के गवाहों का हस्ताक्षर भी स्टांप पेपर पर लिया गया. इसके बाद बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौट गई.