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शिक्षा, चिकित्सालय और पक्के मकान के बिना ऐसे रहते हैं इस बस्ती के लोग

यहां पेयजल की सुविधा के नाम पर मात्र एक चापाकल है. दूसरा चापाकल वर्षों से खराब पड़ा है. यहां के बच्चे शिक्षा से आज भी कोसों दूर है गांव में न स्कूल है न आंगनबाड़ी और न ही कोई सामुदायिक केंद्र.

बस्ती के हालात
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Published : Jun 8, 2019, 3:33 PM IST

मधुबनीः विकास के दावों के बीच मधुबनी के गंगापुर पंचायत के मुसहरी गांव का हाल बदहाल है. जिला मुख्यालय से करीब 132 किमी दूर मुसहरी बस्ती में तकरीबन 75 घर हैं. लेकिन वे रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं आज भी इस गांव तक नहीं पहुंची.

मुसहरी बस्ती में कई संख्या में महादलित निवास करते हैं. यहां पेयजल की सुविधा के नाम पर मात्र एक चापाकल है. दूसरा चापाकल वर्षों से खराब पड़ा है. यहां के बच्चे शिक्षा से आज भी कोसों दूर है गांव में न स्कूल है न आंगनबाड़ी और न ही कोई सामुदायिक केंद्र. इंदिरा आवास योजना का लाभ भी इन्हें नहीं मिला नतीजतन ग्रामीणों का सहारा घासफूस से बना कच्चा घर ही है. अभी तक गांव में शौचालय भी नहीं बने.

madhubani
सुविधाओं से वंचित

'हमारे लिए कैसी योजना'
बस्ती के लोगों ने कहा कि सरकार की कौनसी योजना चलती है उन्हें नहीं मालूम. योजनाओं का लाभ उन तक अभी भी नहीं पहुंचा. कोई मेहमान भी आता है तो हमें तो एक कमरे के कच्चे घर में ही रहना पड़ता है. बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही. वे भी इसी तरह अनपढ़ रह जाएंगे. कौनसी योजना जब हम लोगों को कोई देखने भी नहीं आता.

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घास-फूस से बनाया घर

राशन डीलर करता है कटौती
बस्ती वालों का कहना है कि वे जब राशन लेने भी जाते हैं तो डीलर फटकार लगाते हुए भगा देता है और कटौती भी कर लेता है. गरीबी में कैसे रहते हैं यह दर्द कोई नहीं समझता. इसी महादलित बस्ती से सटे हुए कुछ दूरी पर झंझारपुर विधायक गुलाब यादव का गांव है, लेकिन वे एक बार देखने भी नहीं आए.

बस्ती के हालात

क्या कहते हैं अधिकारी
बीडीओ डॉ अमित कुमार अमन का कहना है कि कई योजनाए चलाई जा रही हैं. इनमें आवास योजना के तहत छूटे हुए लोग, वंचित लोग अपना नाम आवास सहायक से मिलकर दर्ज करवा सकते हैं. जिन्हें आवास की सुविधा दी जाएगी. शौचालय योजनाओं के लिए शौचालय बनाने के बाद तुरंत 12000 की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. उन्होंने कहा राशन वितरण में कोई गड़बड़ है तो उसके लिए शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.
बस्ती वासियों के इस हालात पर एसडीएम अंसुल अग्रवाल का कहना है कि महादलितों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसका जिम्मा बीडीओ को दिया जाता है. वे सभी योजनाओं को जरूरतमंदो तक पहुंचाएंगे. पर बड़ा सवाल आखिर कब?

मधुबनीः विकास के दावों के बीच मधुबनी के गंगापुर पंचायत के मुसहरी गांव का हाल बदहाल है. जिला मुख्यालय से करीब 132 किमी दूर मुसहरी बस्ती में तकरीबन 75 घर हैं. लेकिन वे रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं आज भी इस गांव तक नहीं पहुंची.

मुसहरी बस्ती में कई संख्या में महादलित निवास करते हैं. यहां पेयजल की सुविधा के नाम पर मात्र एक चापाकल है. दूसरा चापाकल वर्षों से खराब पड़ा है. यहां के बच्चे शिक्षा से आज भी कोसों दूर है गांव में न स्कूल है न आंगनबाड़ी और न ही कोई सामुदायिक केंद्र. इंदिरा आवास योजना का लाभ भी इन्हें नहीं मिला नतीजतन ग्रामीणों का सहारा घासफूस से बना कच्चा घर ही है. अभी तक गांव में शौचालय भी नहीं बने.

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सुविधाओं से वंचित

'हमारे लिए कैसी योजना'
बस्ती के लोगों ने कहा कि सरकार की कौनसी योजना चलती है उन्हें नहीं मालूम. योजनाओं का लाभ उन तक अभी भी नहीं पहुंचा. कोई मेहमान भी आता है तो हमें तो एक कमरे के कच्चे घर में ही रहना पड़ता है. बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही. वे भी इसी तरह अनपढ़ रह जाएंगे. कौनसी योजना जब हम लोगों को कोई देखने भी नहीं आता.

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घास-फूस से बनाया घर

राशन डीलर करता है कटौती
बस्ती वालों का कहना है कि वे जब राशन लेने भी जाते हैं तो डीलर फटकार लगाते हुए भगा देता है और कटौती भी कर लेता है. गरीबी में कैसे रहते हैं यह दर्द कोई नहीं समझता. इसी महादलित बस्ती से सटे हुए कुछ दूरी पर झंझारपुर विधायक गुलाब यादव का गांव है, लेकिन वे एक बार देखने भी नहीं आए.

बस्ती के हालात

क्या कहते हैं अधिकारी
बीडीओ डॉ अमित कुमार अमन का कहना है कि कई योजनाए चलाई जा रही हैं. इनमें आवास योजना के तहत छूटे हुए लोग, वंचित लोग अपना नाम आवास सहायक से मिलकर दर्ज करवा सकते हैं. जिन्हें आवास की सुविधा दी जाएगी. शौचालय योजनाओं के लिए शौचालय बनाने के बाद तुरंत 12000 की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी. उन्होंने कहा राशन वितरण में कोई गड़बड़ है तो उसके लिए शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी.
बस्ती वासियों के इस हालात पर एसडीएम अंसुल अग्रवाल का कहना है कि महादलितों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसका जिम्मा बीडीओ को दिया जाता है. वे सभी योजनाओं को जरूरतमंदो तक पहुंचाएंगे. पर बड़ा सवाल आखिर कब?

Intro:


Body:मधुबनी
सूबे के मुखिया नीतीश कुमार विकासशील पुरुष के नाम से जाने जाते हैं ।विकास को लेकर अपनी पीथ थपथपाते नही थकते है।लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है।ताजा हाल मधुबनी जिला के गंगापुर पंचायत के मुसहरी का है।इस मुसहरी हाल बेहद ही बदहाल है। इस मुसहरी बस्ती में करीब 75 घर की आबादी है जहां पीने का पानी के लिए सिर्फ एक चापाकल है और दूसरा चापाकल बरसों से खराब पड़ा हुआ है ।इस मुसहरी में एक भी समुदायिक भवन नहीं है ना ही स्कूल है और ना ही आंगनबाड़ी केंद्र है , न ही शौचालय दिया गया हैऔर ना ही राशन कार्ड की सुविधा सही से सब लोगो को मिला है।कूछ लोगो को कार्ड देकर खाना पूर्ति किय्या गया है। उन लोगों ने बताया कि ना हम लोगों को पीने का चापाकल है ना ही एक सामुदायिक भवन है नाही इंदिरा आवास कोई आवास योजना के तहत आवास मिला है हमलोगों को कोई देखने वाला नहीं है। काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है लोगों का जीना बेहाल है कोई अतिथि आते है तो हमलोगों को एक ही रूम में रहना पड़ता है।रात में काफी परेशानिओ का सामना करना पड़ता है।जगह कमरा के अभाव में जमाई आने पर भी एक ही रुम में सोना पड़ता हैं।यह दिक्कतों से लोग रह रहे है।हमलोग को कोई देखने वाला नही है।राशन लेने डीलर के पास जाते हैं तो फटकार लगाते हुए भगा दिया जाता हैं अनाज में कटौती कर लिया जाता हैं।स्कूल के नही होने के कारण बच्चों की पढ़ाई नही हो पा रही हैं दूर में स्कूल होने के कारण बच्चे नही जा पाते हैं।इसी महादलित बस्ती से सटे हुए कुछ ही दूरी पर झंझारपुर विधायक गुलाब यादव का गांव है।लेकिन उन्हें भी इन महादलितों की जरा सी चिंता नहीं है। sdm अँसुल अग्रवाल ने बताया कि महादलितों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं वो भी अभिन्न अंग हैं।हमारे प्रखंड के बीडीओ विकास की योजनाएं देखते हैं।वही प्रभारी bdo डॉ अमित कुमार अमन ने बताया की महादलित लोगों के लिए सरकार की बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध है ।आवास योजना के तहत छूटे हुए लोग, वंचित लोग अपना नाम आवास सहायक से मिलकर दर्ज करवा सकते हैं जिन्हें आवास की सुविधा दी जाएगी।शौचालय योजनाओं के लिए शौचालय बनाने के बाद तुरंत ₹12000 का प्रोत्साहन राशि दी जाएगी ।पेंशन संबंधी समस्या को लेकर कहा कि नाम जोड़ने की प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है नाम जुड़वा कर पेंशन प्राप्त कर सकेंगे ।राशन कार्ड संबंधी समस्या को लेकर उन्होंने बताया जिन लोगों को राशन कार्ड को लेकर परेशानी हो रही है वह प्रखंड में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से मिलकर अपना आवेदन दे सकते हैं ।अब देखना है वीडियो साहब का यह दावा कहां तक इन महादलित लोगों को सुविधा प्रदान करवा पाती है।
2 नंबर बाइट अँसुल अग्रवाल sdm झंझारपुर
3 नंबर बाइट डॉ अमित कुमार अमन ,bdo
बाइट महादलित बस्ती के लोग
राजकुमार झा मधुबनी


Conclusion:
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