मधुबनी: नीतीश कुमार के शासनकाल में ग्रामीण इलाकों में कागज पर सड़क निर्माण का मामला कई बार सामने आया है. वहीं एक बार फिर मनरेगा योजना से कागज पर ही सड़क निर्माण का मामला प्रकाश में आया है, जो करहारा पंचायत के ग्रामीण इलाके का है.
आरोप है कि इसमें प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर कागज पर ही सड़क का निर्माण करवा दिया, जिससे आम लोगों में आक्रोश है. वहीं शिकायत के बावजूद कोई जांच नहीं हुई.
मिट्टीकरण के बाद होना था पक्कीकरण
मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड स्थित करहारा पंचायत में कागज पर ही एक सड़क का निर्माण किया गया है. वार्ड नं. 4 में बागमती नदी से लेकर दिगम्बर यादव के घर तक मिट्टीकरण और पीसीसी कार्य निर्माण कराना था, जो कागजों पर हो गया. इस सड़क को मनरेगा योजना से मिट्टीकरण करके पक्कीकरण करवाना था, जो आज तक नहीं करवाया गया.
4.78 लाख रुपये की लगात से बननी थी सड़क
इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार सरकार के आलाधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है. 4.78 लाख रुपये का बोर्ड भी लगा दिया गया, लेकिन सड़क पर एक टोकरी मिट्टी तक नहीं गिराई गई और आरोप है कि सरकार के मनरेगा योजना से राशि की बंदरबांट कर ली गई.
अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
2016-17 में ही इस सड़क का निर्माण कराया गया, जो कि कागज पर ही हुआ. इस सड़क का निर्माण दिगम्बर यादव के घर तक कराया गया. वहीं, दिगम्बर यादव से सड़क के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कभी सड़क बनी ही नहीं.