मधुबनी: सरकार के तमाम दावों औ वादों के बावजूद जिले के मधेपुर प्रखंड स्थित 7 पंचायत की करीब 50 हजार से अधिक की आबादी अभी भी विकास की बातें सिर्फ सुनती ही है, क्योंकि उनके लिए असलियत इसके ठीक उलट है. यहां के लोगों के लिए बाढ़ के समय आवागमन का एकमात्र साधन नाव ही है. ये इलाका 6 महीने बाढ़ की चपेट में तो 6 महीने सुखाड़ की चपेट में रहता है.
ये एरिया फुलपरास विधानसभा क्षेत्र में आता है. जहां की विधायक गुलजार देवी जेडीयू से हैं. सत्ता में रहने के बावजूद विधायक की ओर से यहां विकास कार्य नहीं हुआ है. आज भी लोगों की समस्या जस की तस है. बता दें कि जिला मुख्यालय से इन सात पंचायतों में जाने के लिए बना चचरी पुल बारिश के दौरान बाढ़ के पानी में बह गया. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि या अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे.
दर्जनों गावों में आई है बाढ़
इन दिनों खासकर बसिपट्टी पंचायत, बलुआहा, बरियरवा, लीलजा, परसौनी, मेहसा, कोरियाधान्त, गड़गांव, लाहवन, गेवाल, मेनाराही, बकुआ, भरगामा, महिपतिया और बकुआ पंचायत के दर्जनों गांव में कोसी नदी के कारण बाढ़ आई हुई है. लोगों तक सही से सरकारी सहायता भी नहीं पहुंच रही है. इस इलाके के लोग जान जोखिम में डालकर नाव से आवागमन करते हैं. हालांकि कई बार अनहोनी की घटना भी घट जाती है.
कोई नहीं सुनता लोगों की समस्या
ग्रामीण लक्ष्मी दास ने बताया कि उनलोगों की समस्या कोई नहीं सुनता. सिर्फ चुनाव के समय में नेता वोट मांगने आते हैं और जीत जाने के बाद पलटकर देखते भी नहीं. हर साल वादा किया जाता है कि पुल बना दिया जाएगा लेकिन कुछ नहीं होता है. हमरी समस्या वैसी की वैसी ही रहती है. एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि उसके बेटे को सांप डंस लिया था, लेकिन आवागमन की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण अस्पताल ले जाने के दौरान ही उसकी मौत हो गई. इसीलिए हम सभी ने इस बार सोचा है कि इस एरिया में जबतक पुल नहीं बनता, तब तक किसी भी नेता को वोट नहीं देंगे.
सरकार या मंत्री नहीं देते ध्यान
लोगों ने अपनी समस्या सुनाते हुए कहा कि प्रसव पीड़ा से परेशान महिला या फिर किसी बुजुर्ग को इलाज के लिए खटिया पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ता है. इस दौरान कई मौतें भी हो जाती है. कई बार नाव हादसा भी हो चुका है, लेकिन सरकार या किसी मंत्री का ध्यान इस इलाके पर नहीं गया है.