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मधुबनीः मां दुर्गा की निशा पूजा से पूरी होती है मनोकामना, जानें खास महत्व

निशा पूजा करीब 4 घंटों तक चलती है और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. पूजा के समय मां को बलि भी दी जाती है.

महारात्रि निशा पूजा
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Published : Oct 6, 2019, 8:53 PM IST

मधुबनीः जिले में मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा के साथ ही देर रात कालरात्रि की निशा पूजा की गई. इस पूजा का विशेष महत्व है. यहां हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है. नवरात्र में मां के 9 रुपों की पूजा की जाती है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से नवरात्र प्रारंभ होता है. शनिवार को नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई. मधुबनी में दोपहर बाद मां का पट खुलते ही दरबार में भक्तों का तांता लग गया. वहीं वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां दुर्गा की पूजा भी की गई. मां का पट खुलते ही महिला पुरुष सभी मां के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच गए.

madhubani
दुर्गा पंडालों में लगा भक्तों का ताता

महारात्रि निशा पूजा का विशेष महत्व
9 दिनों के नवरात्र में शनिवार को मां कात्यायनी की पूजा की गई. महारात्रि निशा पूजा करीब 4 घंटों तक चलती है और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. पूजा के समय मां को बलि भी दी जाती है. इस महारात्रि निशा पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन तांत्रिक पद्धति से भी मां दुर्गा की पूजा होती है और मां सभी प्रकार के सिद्धों को परिपूर्ण करती है.

मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की हो रही पूजा

हर भक्त की मनोकामना होती है पूरी
वहीं, पंडित बाबू नारायण झा ने बताया कि मां भगवती की निशापूजा का विशेष महत्व है. साल में तीन रात्रि होती है. कालरात्रि, महारात्रि, मोहरात्रि, जिसमें ये कालरात्रि है. इस महारात्रि में मां की निशापूजा वैदिक मंत्रों के साथ किया जाता है. इसमें पूरे रात जागरण किया जाता है. सभी देवताओं और योगियों को आमंत्रण किया जाता है. लगभग 4 घंटे विधि विधानपूर्वक पूजा की जाती है. साथ ही कुमारी पूजन भी होता है. मां जगदम्बा की असीम कृपा से यहां हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है.

मधुबनीः जिले में मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा के साथ ही देर रात कालरात्रि की निशा पूजा की गई. इस पूजा का विशेष महत्व है. यहां हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है. नवरात्र में मां के 9 रुपों की पूजा की जाती है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से नवरात्र प्रारंभ होता है. शनिवार को नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई. मधुबनी में दोपहर बाद मां का पट खुलते ही दरबार में भक्तों का तांता लग गया. वहीं वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां दुर्गा की पूजा भी की गई. मां का पट खुलते ही महिला पुरुष सभी मां के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच गए.

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दुर्गा पंडालों में लगा भक्तों का ताता

महारात्रि निशा पूजा का विशेष महत्व
9 दिनों के नवरात्र में शनिवार को मां कात्यायनी की पूजा की गई. महारात्रि निशा पूजा करीब 4 घंटों तक चलती है और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. पूजा के समय मां को बलि भी दी जाती है. इस महारात्रि निशा पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन तांत्रिक पद्धति से भी मां दुर्गा की पूजा होती है और मां सभी प्रकार के सिद्धों को परिपूर्ण करती है.

मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की हो रही पूजा

हर भक्त की मनोकामना होती है पूरी
वहीं, पंडित बाबू नारायण झा ने बताया कि मां भगवती की निशापूजा का विशेष महत्व है. साल में तीन रात्रि होती है. कालरात्रि, महारात्रि, मोहरात्रि, जिसमें ये कालरात्रि है. इस महारात्रि में मां की निशापूजा वैदिक मंत्रों के साथ किया जाता है. इसमें पूरे रात जागरण किया जाता है. सभी देवताओं और योगियों को आमंत्रण किया जाता है. लगभग 4 घंटे विधि विधानपूर्वक पूजा की जाती है. साथ ही कुमारी पूजन भी होता है. मां जगदम्बा की असीम कृपा से यहां हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है.

Intro:माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा के साथ देर रात में होगी महारात्रि निशा पूजा,मधुबनी


Body:मधुबनी
मां दुर्गा की आराधना का महापर्व है नवरात्र मां के नौ रूपों की भक्ति से पूजा की जाती है आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवरात्र प्रारंभ होती है आज मां दुर्गा के नवरात्र के सातवें दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जा रही है । मां कालरात्रि सभी सिद्धियों को देने वाली हैं मधुबनी में दोपहर बाद मां का पट खुलते ही मां के दरबारों में भक्तों का तांता लग गया वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच मां दुर्गा का पठ खुला ।माँ का पट खुलते ही महिला पुरुष सभी मां के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे लोगों ने मां का आरती । 9 दिनों के महापर्व नवरात्र में आज मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है देर रात महारात्रि में मां की महा रात्रि निशा पूजा की जाएगी । महारात्रि निशा पूजा करीब 4 घंटों तक चलती है वैदिक मंत्रोचार के साथ मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। संपूर्ण देवी देवताओं के साथ माँ के योगिनीयो की पूजा की जाती है एवं कुमारी भोजन करने के बाद मां का दिव्य आरती किया जाता है। पूजा के समय बलि देने की व्यवस्था है मां को बलि भी दी जाती है इस सीमा के योगिनी प्रसन्न होती है।सारा रात माँ का जागरण किया जाता हैं। महारात्रि निशा पूजा की तैयारी हर जगह जोरों से चल रही है ।निशा पूजा के लिए सुहागन स्त्रियां मां के चरणों में सिंदूर बिंदी अर्पण करती है।इस महारात्रि निशा पूजा का विशेष महत्व है इस समय कई प्रकार की सिद्धियां करते हैं तांत्रिक पद्धति से भी मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है मां सभी प्रकार के सिद्धों को परिपूर्ण करती है पंडित बाबू नारायण झा ने बताया 3:00 रात्रि प्रमुख है कालरात्रि महा रात्रि मोह रात्रि आज मां कालरात्रि है इस महा रात्रि में मां का निशा पूजा वैदिक नीतीश के वैदिक मंत्र मंत्रों के साथ किया जाता है मां दुर्गा के साथ सभी देवी देवताओं एवं योगियों की पूजा की जाती है मां अपने भक्तों पर प्रसन्न रहती है ऐसी मान्यता है जो विभाग धमाका कामना करता है उसका काम नामा पूरा करती है इस रात्रि का विशेष महत्त्व है सिद्धियां इस रात्रि को आसान तरीका से प्राप्त हो जाती है मां का आशीर्वाद भक्तों पर मिलता है नवरात्र में पूरा वातावरण भक्ति में रहता है नवरात्र में लोग अपने मानसिक और आध्यात्मिक शक्तियों के विधि के लिए उपवास भजन पूजन मां दुर्गा के सप्तशती पाठ कन्या पूजन एवं भोजन करवाते हैं मां दुर्गा भक्तों पर अपने आशीर्वाद प्रदान करती है खासकर महा रात्रि निशा पूजा मां का 9 दिन का विशेष पूजा का दिन रहता है इससे रात्रि में मां का विशेष पूजा अर्चना की जाती है
बाइट पंडित बाबू नारायण झा
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion:
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