मधुबनी: प्रदेश की सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने का लाख दावा करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी दिखी मधुबनी के सदर अस्पताल में. यहां मरीजों को हर बुनियादी सुविधा देने का दावा खोखला साबित होते दिख रहा है. मरीजों को बेड नहीं दिया जा रहा है.
सदर अस्पताल की लचर व्यवस्था
मधुबनी के सदर अस्पताल की स्थिति बदहाल है. सुविधा के नाम पर यहां घोर धांधली चल रही है. यहां काफी संख्या में मरीज आते हैं, ये सोच कर की इलाज के साथ साथ उन्हें वो तमाम सुविधाएं भी दी जाएंगी जो एक मरीज को मिलना चाहिए. लेकिन यहां का नजारा बिल्कुल विपरीत है. दर्द से तड़प रहे मरीजों को बेड तक नसीब नहीं होता है.
मरीजों को नहीं दिया जा रहा बेड
मरीज का परिजन का कहना है कि जिस मरीज को एक दिन पहले कई बोतल पानी चढ़ा है उसे अभी तक बेड भी नहीं मिला है. मरीज बरामदे के जमीन पर लेट के दर्द को दूर करने में लगे हुए हैं. ऐसे में न जाने सुशासन व्यवस्था में ये दर्द कब तक ठीक होगी.
सिविल सर्जन ने भी साधी चुप्पी
इस बावत जब सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की गई तो वो कैमरे के सामने आने से बचते हुए दिखें. ऐसे में सवाल ये है कि क्या हमेशा मीडिया का कैमरा ही वास्तविकता में मरीजों की दवा बनेगा?