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मधुबनी के साहरघाट में विराजमान हैं मां वैष्णवी, दर्शन करने से होती है मनोकामना पूरी

मधुबनी के साहरघाट में विराजमान है मां वैष्णवी दुर्गा, यहां नहीं दी जाती है बलि, दूर दूर से आते हैं भक्त.

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Published : Oct 26, 2020, 8:01 AM IST

Updated : Oct 26, 2020, 10:22 AM IST

मधुबनी
मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर

मधुबनी: मधुबनी के साहरघाट में मां वैष्णवी दुर्गा विराजमान हैं. प्रतिवर्ष इस पूजा में भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु यहां आकर विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं.

  • नवरात्रि के अवसर पर 'पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों की संख्या में भक्त माता का आशीर्वाद प्राप्त कर मनोवांक्षित फल प्राप्त करने आते हैं.
    मधुबनी के साहरघाट में विराजमान हैं मां वैष्णवी दुर्गा
  • सबसे खास बात यहां संध्याकालीन आरती में सैकड़ों की संख्या में भक्त झूम-झूमकर मां की आरती भी करते हैं. इस स्थान की खासियत यह है कि यहां बलि देवी को बलि नहीं दी जाती है.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां की मां वैष्णवी हैं. बलि देने की प्रथा यहां नहीं रही है, जो माता वैष्णो देवी की यादें सहज ही ताजा कर देती हैं. इस दुर्गा मंदिर की स्थापना 18 मार्च 1987 में साहरघाट के तत्कालीन थाना अध्यक्ष एसएन राय ने अपने नेतृत्व में जनसहयोग के माध्यम से करवाया था.

मधुबनी: मधुबनी के साहरघाट में मां वैष्णवी दुर्गा विराजमान हैं. प्रतिवर्ष इस पूजा में भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु यहां आकर विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं.

  • नवरात्रि के अवसर पर 'पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों की संख्या में भक्त माता का आशीर्वाद प्राप्त कर मनोवांक्षित फल प्राप्त करने आते हैं.
    मधुबनी के साहरघाट में विराजमान हैं मां वैष्णवी दुर्गा
  • सबसे खास बात यहां संध्याकालीन आरती में सैकड़ों की संख्या में भक्त झूम-झूमकर मां की आरती भी करते हैं. इस स्थान की खासियत यह है कि यहां बलि देवी को बलि नहीं दी जाती है.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि यहां की मां वैष्णवी हैं. बलि देने की प्रथा यहां नहीं रही है, जो माता वैष्णो देवी की यादें सहज ही ताजा कर देती हैं. इस दुर्गा मंदिर की स्थापना 18 मार्च 1987 में साहरघाट के तत्कालीन थाना अध्यक्ष एसएन राय ने अपने नेतृत्व में जनसहयोग के माध्यम से करवाया था.

Last Updated : Oct 26, 2020, 10:22 AM IST
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