मधुबनी: जिले में मां काली की पूजा बड़े धूमधाम से की जा रही है. मां काली की पूजा दीपावली की देर रात कार्तिक कृष्ण पक्ष के अमावस्या वाले दिन से शुरू होती है. जो 5 दिनों तक चलती है. ऐसे में मां की भक्ति में लीन होकर भक्त उनकी अराधना कर रहे हैं.
तांत्रिक पद्धति से होती है पूजा
मंदिर के पुजारी ओम नारायण झा ने बताया कि मां काली की पूजा तांत्रिक पद्धति से की जाती है. उन्होंने कहा कि साल में तीन रात्रि विशेष रात्रि होती है, जो है कालरात्रि, महारात्रि और मोह रात्रि. दीपावली की रात्रि को कालरात्रि के रूप में जाना जाता है. साथ ही इस रात्रि को सिद्धि की प्राप्ती होती है. पंडित ने बताया कि तांत्रिक क्रिया के माध्यम से पूजा करने वाले साधक से मां काली प्रसन्न होती हैं और उसे आशीर्वाद देती हैं.
कन्या पूजन का हुआ आयोजन
पंडित ओम नारायण झा ने बताया कि मां काली की पूजा वैदिक रीति और तांत्रिक रीति से की जाती है. क्योंकि सिद्धि के लिए तांत्रिक पद्धति ही फल देती है. वहीं, पूजा के बाद कन्या पूजन का आयोजन किया गया. मंदिर में लोग हर्षो-उल्लास के साथ मां की पूजा-अर्चना करते दिखे.