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मधुबनी: धूमधाम से की जा रही मां काली की पूजा-अर्चना, सज गए पूजा पंडाल

मंदिर के पंडित ने बताया कि तांत्रिक क्रिया के माध्यम से पूजा करने वाले साधक से मां काली प्रसन्न होती हैं और उसे आशीर्वाद देती हैं.

मां काली की पूजा
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Published : Oct 29, 2019, 8:02 AM IST

मधुबनी: जिले में मां काली की पूजा बड़े धूमधाम से की जा रही है. मां काली की पूजा दीपावली की देर रात कार्तिक कृष्ण पक्ष के अमावस्या वाले दिन से शुरू होती है. जो 5 दिनों तक चलती है. ऐसे में मां की भक्ति में लीन होकर भक्त उनकी अराधना कर रहे हैं.

तांत्रिक पद्धति से होती है पूजा
मंदिर के पुजारी ओम नारायण झा ने बताया कि मां काली की पूजा तांत्रिक पद्धति से की जाती है. उन्होंने कहा कि साल में तीन रात्रि विशेष रात्रि होती है, जो है कालरात्रि, महारात्रि और मोह रात्रि. दीपावली की रात्रि को कालरात्रि के रूप में जाना जाता है. साथ ही इस रात्रि को सिद्धि की प्राप्ती होती है. पंडित ने बताया कि तांत्रिक क्रिया के माध्यम से पूजा करने वाले साधक से मां काली प्रसन्न होती हैं और उसे आशीर्वाद देती हैं.

धूमधाम से की जा रही मां काली की पूजा-अर्चना

कन्या पूजन का हुआ आयोजन
पंडित ओम नारायण झा ने बताया कि मां काली की पूजा वैदिक रीति और तांत्रिक रीति से की जाती है. क्योंकि सिद्धि के लिए तांत्रिक पद्धति ही फल देती है. वहीं, पूजा के बाद कन्या पूजन का आयोजन किया गया. मंदिर में लोग हर्षो-उल्लास के साथ मां की पूजा-अर्चना करते दिखे.

मधुबनी: जिले में मां काली की पूजा बड़े धूमधाम से की जा रही है. मां काली की पूजा दीपावली की देर रात कार्तिक कृष्ण पक्ष के अमावस्या वाले दिन से शुरू होती है. जो 5 दिनों तक चलती है. ऐसे में मां की भक्ति में लीन होकर भक्त उनकी अराधना कर रहे हैं.

तांत्रिक पद्धति से होती है पूजा
मंदिर के पुजारी ओम नारायण झा ने बताया कि मां काली की पूजा तांत्रिक पद्धति से की जाती है. उन्होंने कहा कि साल में तीन रात्रि विशेष रात्रि होती है, जो है कालरात्रि, महारात्रि और मोह रात्रि. दीपावली की रात्रि को कालरात्रि के रूप में जाना जाता है. साथ ही इस रात्रि को सिद्धि की प्राप्ती होती है. पंडित ने बताया कि तांत्रिक क्रिया के माध्यम से पूजा करने वाले साधक से मां काली प्रसन्न होती हैं और उसे आशीर्वाद देती हैं.

धूमधाम से की जा रही मां काली की पूजा-अर्चना

कन्या पूजन का हुआ आयोजन
पंडित ओम नारायण झा ने बताया कि मां काली की पूजा वैदिक रीति और तांत्रिक रीति से की जाती है. क्योंकि सिद्धि के लिए तांत्रिक पद्धति ही फल देती है. वहीं, पूजा के बाद कन्या पूजन का आयोजन किया गया. मंदिर में लोग हर्षो-उल्लास के साथ मां की पूजा-अर्चना करते दिखे.

Intro:माँ काली की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से किया जा रहा है, मधुबनी


Body:मधुबनी
मां काली की पूजा धूमधाम से मनाई जा रही है ।मां काली की पूजा दीपावली की देर रात्रि कार्तिक कृष्ण पक्ष के अमावस्या तिथि में होती हैं। अमावस्या से प्रारंभ होती है और 5 दिनों तक मां काली की पूजा आराधना किया जाता है ।तांत्रिक पद्धति से मां काली की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर के पुजारी ओम नारायण झा ने बताया साल में तीन रात्रि विशेष रात्रि होती है कालरात्रि महा रात्रि मोह रात्रि। दीपावली की रात्रि कालरात्रि के रूप में जाना जाता है इस रात्रि को सिद्धि के लिए प्रसिद्ध रात्री माना जाता है जो भी साधक मां काली को प्रसन्न कर आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं वह साधक तांत्रिक क्रिया के माध्यम से मां काली की आशीर्वाद प्राप्त कर अपने सिद्धि प्राप्त करते हैं। मां काली की पूजा वैदिक रीति एवं तांत्रिक रीति से किया जाता है सिद्धि के लिए तांत्रिक पद्धति ही तेज गति से फलदाई देने वाला होता ह। पूजा अर्चना के बाद कुमारी भोजन एवं लोकार्पण किया जाता है हर्ष उल्लास के साथ मां का पूजा अर्चना किया जा रहा है
राजकुमार झा मधुबनी


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