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मधुबनी : खतरे के निशान से उपर बह रही कमला बलान नदी, डरे हुए हैं लोग

कई घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण लोग उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. यहां विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. कमला नदी के रौद्र रूप से पिछले साल आई बाढ़ का डर इस साल भी लोगों को सता रहा है.

उफान पर नदी
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Published : Aug 5, 2020, 7:41 AM IST

मधुबनीः जिले में नदियां एक बार फिर उफान पर हैं. कोसी, भुतही, धौस, कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. यहां बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है. जयनगर से झंझारपुर तक कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर है. झंझारपुर में कमला खतरे निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.

उफान पर नदी
उफान पर नदी

'कोई अधिकारी नहीं आए देखने'
कमला बलान नदी का पानी निचले हिस्से में लोगों के घरों में घुस गया है. घरों में नदी का पानी घुस जाने के कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित महेश यादव ने बताया कि नदी का पानी घर में घुस गया है, हम लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है. अभी तक मुखिया सरपंच या कोई अधिकारी भी देखने तक नहीं पहुंचे हैं. मवेशियों के चारे की भी काफी दिक्कत हो गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

ये भी पढ़ेंःगंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी, बागमती और कमला सहित उत्तर बिहार की कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर

उंचे स्थान पर लोगों ने लिया शरण
घरों में नदी का पानी घुस जाने के कारण लोग उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. कमला नदी के रौद्र रूप से पिछले साल आई बाढ़ का डर इस साल भी सता रहा है. वहीं, जल संसाधन विभाग के अधिकारी बंद सुरक्षित होने की दावा कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.

मधुबनीः जिले में नदियां एक बार फिर उफान पर हैं. कोसी, भुतही, धौस, कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. यहां बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि हो गई है. जयनगर से झंझारपुर तक कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर है. झंझारपुर में कमला खतरे निशान से 85 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है.

उफान पर नदी
उफान पर नदी

'कोई अधिकारी नहीं आए देखने'
कमला बलान नदी का पानी निचले हिस्से में लोगों के घरों में घुस गया है. घरों में नदी का पानी घुस जाने के कारण लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ प्रभावित महेश यादव ने बताया कि नदी का पानी घर में घुस गया है, हम लोगों को काफी फजीहत झेलनी पड़ती है. अभी तक मुखिया सरपंच या कोई अधिकारी भी देखने तक नहीं पहुंचे हैं. मवेशियों के चारे की भी काफी दिक्कत हो गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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उंचे स्थान पर लोगों ने लिया शरण
घरों में नदी का पानी घुस जाने के कारण लोग उंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं. विकट परिस्थिति उत्पन्न हो गई है. कमला नदी के रौद्र रूप से पिछले साल आई बाढ़ का डर इस साल भी सता रहा है. वहीं, जल संसाधन विभाग के अधिकारी बंद सुरक्षित होने की दावा कर रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ को लेकर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है.

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