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हिन्दू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल, लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए मस्जिद बनी आशियाना

मधुबनी के नगर थाना क्षेत्र में पश्चिम बंगाल के कई हिन्दू मजदूर मस्जिद में ठहरे हुए हैं. यहां के मुस्लिम लोग अपने परिवार की तरह इनके खाने पीने की भी व्यवस्था कर रहे हैं.

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Published : May 16, 2020, 7:39 PM IST

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मधुबनी: कोरोना के इस संकट काल में लोग धर्म-मजहब से ऊपर उठकर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मधुबनी जिले के नगर थाना क्षेत्र से आया है. यहां हिन्दू मजदूरों के ठहरने का प्रबंध मस्जिद में किया गया है.

मधुबनी में सामाजिक समरसता का एक नया नजराना पेश किया गया है. नगर थाना क्षेत्र के बड़ी बाजार इलाके में स्थित जामा मस्जिद में एक दर्जन के करीब हिंदू मजदूर लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से ठहरे हुए हैं.

प. बंगाल के हैं मजदूर
दरअसल, ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के रहने वाले हैं और पिछले दिसंबर में भवन निर्माण का कार्य करने मधुबनी आए थे. लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद से इनका आशियाना भी छिन गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से मस्जिद में इनके ठहरने का प्रबंध किया गया. समाजसेवी अमानुल्लाह खान ने इनके खाने-पीने का भी प्रबंध कराया. लोगों ने इन्हें घर भेजने का भी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

नहीं मिली सरकारी मदद
समाजसेवी अमानुल्लाह खान ने बताया कि हमने नगर थानाध्यक्ष और एसडीएम से इन लोगों को घर भेजने और भोजन की व्यवस्था की मांग की, लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा मदद नहीं की गई. उन्होंने कहा कि इन फंसे मजदूरों के लिए जब तक लॉकडाउन लागू रहेगा और यातायात की व्यवस्था नहीं होगी तब तक मस्जिद ही इनका घर है.

मजदूरों ने व्यवस्था को बताया बेहतर
प्रवासी मजदूर सुब्रता मंडल और गोपाल मंडल ने कहा कि संकट की इस घड़ी में लोगों की ये मदद और मस्जिद की ये यादें जीवन भर के लिए उनके जेहन में कैद हो गई हैं. मानवता और मनुष्य की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. मधुबनीवासियों ने इसे चरितार्थ कर दिया है.

मधुबनी: कोरोना के इस संकट काल में लोग धर्म-मजहब से ऊपर उठकर एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला मधुबनी जिले के नगर थाना क्षेत्र से आया है. यहां हिन्दू मजदूरों के ठहरने का प्रबंध मस्जिद में किया गया है.

मधुबनी में सामाजिक समरसता का एक नया नजराना पेश किया गया है. नगर थाना क्षेत्र के बड़ी बाजार इलाके में स्थित जामा मस्जिद में एक दर्जन के करीब हिंदू मजदूर लॉकडाउन के शुरुआती दिनों से ठहरे हुए हैं.

प. बंगाल के हैं मजदूर
दरअसल, ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के रहने वाले हैं और पिछले दिसंबर में भवन निर्माण का कार्य करने मधुबनी आए थे. लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद से इनका आशियाना भी छिन गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से मस्जिद में इनके ठहरने का प्रबंध किया गया. समाजसेवी अमानुल्लाह खान ने इनके खाने-पीने का भी प्रबंध कराया. लोगों ने इन्हें घर भेजने का भी प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली.

नहीं मिली सरकारी मदद
समाजसेवी अमानुल्लाह खान ने बताया कि हमने नगर थानाध्यक्ष और एसडीएम से इन लोगों को घर भेजने और भोजन की व्यवस्था की मांग की, लेकिन अब तक प्रशासन द्वारा मदद नहीं की गई. उन्होंने कहा कि इन फंसे मजदूरों के लिए जब तक लॉकडाउन लागू रहेगा और यातायात की व्यवस्था नहीं होगी तब तक मस्जिद ही इनका घर है.

मजदूरों ने व्यवस्था को बताया बेहतर
प्रवासी मजदूर सुब्रता मंडल और गोपाल मंडल ने कहा कि संकट की इस घड़ी में लोगों की ये मदद और मस्जिद की ये यादें जीवन भर के लिए उनके जेहन में कैद हो गई हैं. मानवता और मनुष्य की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है. मधुबनीवासियों ने इसे चरितार्थ कर दिया है.

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