मधुबनीः जिले के मछुआरों ने बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना' में धांधली का आरोप लगाया है. मछुआरों का आरोप है कि यह योजना सिर्फ कागजों पर दौड़ रही है. जमीनी स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल रहा. मत्स्य जिला पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि लाभ के लिए मनमानी ढंग से काम कर रहे हैं. जबकि मत्स्य जिला पदाधिकारी ने आरोप को सिरे से खारिज किया है.
पीड़ित किसान घूरन मुखिया ने बताया कि इस योजना के तहत मछुआरों को सुरक्षित जमाधन पर तालाब की व्यवस्था करायी जाती है. लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रही है. जिले में यह योजना धरातल पर नहीं दिख रही है. यह योजना सिर्फ कागज पर ही चल रही है. मत्स्य जिला पदाधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करते हैं. किसानों को मछली का बीज दूर के हेचडी से लाना पड़ता है. जिसके कारण किसानों को खास फायदा नहीं मिल पाता. वहीं, लाभुकों को अनुदान का लाभ भी नहीं मिल पाता.
दूर से बीज लाने पर रास्ते में ही मर जाती है मछली
पीड़ित किसान आगे बताते हैं कि दूर से मछली का बीज लाने पर रास्ते में ही मर जाती है. इस योजना में घोर अनियमितता है. सरकार की तरफ से जाल योजना भी चलायी गयी, इसे भी जिसे सही ढंग से लागू नहीं किया जा सका.
मत्स्य जिला पदाधिकारी ने आरोप को नकारा
वहीं, मत्स्य जिला पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम ने बताया कि यह आरोप बेबुनियाद है. महत्वाकांक्षी योजना के तहत मछुआरों को लाभ दिया जा रहा है. किसानों को नजदीक से मछली का बीज उपलब्ध कराया जाता है. आवेदन के आधार पर सारे काम कराये जाते हैं. मधुबनी जिला पूरे बिहार में मछली उत्पादन में बेहतर कर रहा है. यहां की मछली का बीज पूरे बिहार में भेजा जाता है. इस योजना की तारीफ जिलाधिकारी भी कर चुके है. जमीनी स्तर पर इसका निरीक्षण खुद करते हैं.
वंचित किसान कार्यालय में सीधे आवेदन जमा करें
मत्स्य जिला पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी और निजी मालिकों द्वारा तालाब निर्माण करवाया जा सकता है. 7 लाख की लागत में 50 प्रतिशत का अनुदान कमिटी से पास होने के बाद सीधे खाते में भेज दी जाती है. मछली पालन के लिए इनपुट योजना है जिसमें डेढ़ लाख तक की राशि मुहैया करायी जाती है. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दवा, खाद्य के लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. जिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाया है. सीधे जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर आवेदन कार्यालय में जमा कर सकते हैं.
जानिए क्या है मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना
- इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई.
- इस योजना का उद्देश्य राज्य में मत्स्य उत्पादन और मछली अभिवृद्धि को बढ़ावा देना, तालाब निर्माण कर मछली पालन को प्रेरित करना है.
- एक हेक्टेयर तालाब का निर्माण को लेकर 7 लाख की लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है.
- मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत तालाब निर्माण कर मछली उत्पादन को बढ़ावा देना है.
- इस योजना के तहत मछुआरों को निशुल्क ट्रेनिंग की व्यवस्था है.
- मछुआरा ट्रेनिंग लेकर उन्नत किस्म के मछली का पालन कर सकते हैं.
- इच्छुक व्यक्ति तालाब निर्माण करवा सकते हैं.
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म के रूप में सिर्फ ₹100 जमा कराना पड़ता है जिसके बाद उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.