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किसानों ने मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना में लगाया धांधली का आरोप

मछली पालन में लगे किसानों ने इस योजना में अनियमितता का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि पदाधिकारी अपने मनमुताबिक काम कर रहे हैं. यह योजना सिर्फ कागजों पर तेजी से दौड़ रही है. इसका लाभ सही से नहीं मिल रहा, जिससे किसानों में आक्रोश है.

मधुबनी के मछली पालक
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Published : Sep 6, 2019, 9:24 AM IST

मधुबनीः जिले के मछुआरों ने बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना' में धांधली का आरोप लगाया है. मछुआरों का आरोप है कि यह योजना सिर्फ कागजों पर दौड़ रही है. जमीनी स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल रहा. मत्स्य जिला पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि लाभ के लिए मनमानी ढंग से काम कर रहे हैं. जबकि मत्स्य जिला पदाधिकारी ने आरोप को सिरे से खारिज किया है.

पीड़ित किसान घूरन मुखिया ने बताया कि इस योजना के तहत मछुआरों को सुरक्षित जमाधन पर तालाब की व्यवस्था करायी जाती है. लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रही है. जिले में यह योजना धरातल पर नहीं दिख रही है. यह योजना सिर्फ कागज पर ही चल रही है. मत्स्य जिला पदाधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करते हैं. किसानों को मछली का बीज दूर के हेचडी से लाना पड़ता है. जिसके कारण किसानों को खास फायदा नहीं मिल पाता. वहीं, लाभुकों को अनुदान का लाभ भी नहीं मिल पाता.

ईटीवी भारत संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट

दूर से बीज लाने पर रास्ते में ही मर जाती है मछली
पीड़ित किसान आगे बताते हैं कि दूर से मछली का बीज लाने पर रास्ते में ही मर जाती है. इस योजना में घोर अनियमितता है. सरकार की तरफ से जाल योजना भी चलायी गयी, इसे भी जिसे सही ढंग से लागू नहीं किया जा सका.

ghuran mukhiya
घूरन मुखिया

मत्स्य जिला पदाधिकारी ने आरोप को नकारा
वहीं, मत्स्य जिला पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम ने बताया कि यह आरोप बेबुनियाद है. महत्वाकांक्षी योजना के तहत मछुआरों को लाभ दिया जा रहा है. किसानों को नजदीक से मछली का बीज उपलब्ध कराया जाता है. आवेदन के आधार पर सारे काम कराये जाते हैं. मधुबनी जिला पूरे बिहार में मछली उत्पादन में बेहतर कर रहा है. यहां की मछली का बीज पूरे बिहार में भेजा जाता है. इस योजना की तारीफ जिलाधिकारी भी कर चुके है. जमीनी स्तर पर इसका निरीक्षण खुद करते हैं.

Fisheries district officer
मत्स्य जिला पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम

वंचित किसान कार्यालय में सीधे आवेदन जमा करें
मत्स्य जिला पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी और निजी मालिकों द्वारा तालाब निर्माण करवाया जा सकता है. 7 लाख की लागत में 50 प्रतिशत का अनुदान कमिटी से पास होने के बाद सीधे खाते में भेज दी जाती है. मछली पालन के लिए इनपुट योजना है जिसमें डेढ़ लाख तक की राशि मुहैया करायी जाती है. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दवा, खाद्य के लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. जिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाया है. सीधे जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर आवेदन कार्यालय में जमा कर सकते हैं.

ghuran mukhiya
घूरन मुखिया

जानिए क्या है मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना

  • इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई.
  • इस योजना का उद्देश्य राज्य में मत्स्य उत्पादन और मछली अभिवृद्धि को बढ़ावा देना, तालाब निर्माण कर मछली पालन को प्रेरित करना है.
  • एक हेक्टेयर तालाब का निर्माण को लेकर 7 लाख की लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है.
  • मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत तालाब निर्माण कर मछली उत्पादन को बढ़ावा देना है.
  • इस योजना के तहत मछुआरों को निशुल्क ट्रेनिंग की व्यवस्था है.
  • मछुआरा ट्रेनिंग लेकर उन्नत किस्म के मछली का पालन कर सकते हैं.
  • इच्छुक व्यक्ति तालाब निर्माण करवा सकते हैं.
  • रजिस्ट्रेशन फॉर्म के रूप में सिर्फ ₹100 जमा कराना पड़ता है जिसके बाद उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.

मधुबनीः जिले के मछुआरों ने बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी 'मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना' में धांधली का आरोप लगाया है. मछुआरों का आरोप है कि यह योजना सिर्फ कागजों पर दौड़ रही है. जमीनी स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल रहा. मत्स्य जिला पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए किसानों ने कहा कि लाभ के लिए मनमानी ढंग से काम कर रहे हैं. जबकि मत्स्य जिला पदाधिकारी ने आरोप को सिरे से खारिज किया है.

पीड़ित किसान घूरन मुखिया ने बताया कि इस योजना के तहत मछुआरों को सुरक्षित जमाधन पर तालाब की व्यवस्था करायी जाती है. लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रही है. जिले में यह योजना धरातल पर नहीं दिख रही है. यह योजना सिर्फ कागज पर ही चल रही है. मत्स्य जिला पदाधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करते हैं. किसानों को मछली का बीज दूर के हेचडी से लाना पड़ता है. जिसके कारण किसानों को खास फायदा नहीं मिल पाता. वहीं, लाभुकों को अनुदान का लाभ भी नहीं मिल पाता.

ईटीवी भारत संवाददाता की स्पेशल रिपोर्ट

दूर से बीज लाने पर रास्ते में ही मर जाती है मछली
पीड़ित किसान आगे बताते हैं कि दूर से मछली का बीज लाने पर रास्ते में ही मर जाती है. इस योजना में घोर अनियमितता है. सरकार की तरफ से जाल योजना भी चलायी गयी, इसे भी जिसे सही ढंग से लागू नहीं किया जा सका.

ghuran mukhiya
घूरन मुखिया

मत्स्य जिला पदाधिकारी ने आरोप को नकारा
वहीं, मत्स्य जिला पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम ने बताया कि यह आरोप बेबुनियाद है. महत्वाकांक्षी योजना के तहत मछुआरों को लाभ दिया जा रहा है. किसानों को नजदीक से मछली का बीज उपलब्ध कराया जाता है. आवेदन के आधार पर सारे काम कराये जाते हैं. मधुबनी जिला पूरे बिहार में मछली उत्पादन में बेहतर कर रहा है. यहां की मछली का बीज पूरे बिहार में भेजा जाता है. इस योजना की तारीफ जिलाधिकारी भी कर चुके है. जमीनी स्तर पर इसका निरीक्षण खुद करते हैं.

Fisheries district officer
मत्स्य जिला पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम

वंचित किसान कार्यालय में सीधे आवेदन जमा करें
मत्स्य जिला पदाधिकारी ने बताया कि इस योजना के तहत सरकारी और निजी मालिकों द्वारा तालाब निर्माण करवाया जा सकता है. 7 लाख की लागत में 50 प्रतिशत का अनुदान कमिटी से पास होने के बाद सीधे खाते में भेज दी जाती है. मछली पालन के लिए इनपुट योजना है जिसमें डेढ़ लाख तक की राशि मुहैया करायी जाती है. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से दवा, खाद्य के लिए 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है. जिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाया है. सीधे जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर आवेदन कार्यालय में जमा कर सकते हैं.

ghuran mukhiya
घूरन मुखिया

जानिए क्या है मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना

  • इस योजना की शुरुआत 2014-15 में की गई.
  • इस योजना का उद्देश्य राज्य में मत्स्य उत्पादन और मछली अभिवृद्धि को बढ़ावा देना, तालाब निर्माण कर मछली पालन को प्रेरित करना है.
  • एक हेक्टेयर तालाब का निर्माण को लेकर 7 लाख की लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है.
  • मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत तालाब निर्माण कर मछली उत्पादन को बढ़ावा देना है.
  • इस योजना के तहत मछुआरों को निशुल्क ट्रेनिंग की व्यवस्था है.
  • मछुआरा ट्रेनिंग लेकर उन्नत किस्म के मछली का पालन कर सकते हैं.
  • इच्छुक व्यक्ति तालाब निर्माण करवा सकते हैं.
  • रजिस्ट्रेशन फॉर्म के रूप में सिर्फ ₹100 जमा कराना पड़ता है जिसके बाद उन्हें ट्रेनिंग दी जाती है.
Intro:मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना का लाभ सही से नही मिल रहा किसानों में आक्रोश, मधुबनी


Body:मधुबनी
बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना सन 2014 15 में इसकी शुरुआत किया गया था इस योजना का उद्देश्य राज्य में मत्स्य उत्पादन एवं मछली अभिवृद्धि को बढ़ावा देने हेतु तालाब निर्माण कर मछली पालन को प्रेरित करना है इस योजना के तहत एक हेक्टेयर तालाब का निर्माण को लेकर 7 लाख की लागत पर 40% अनुदान देने की व्यवस्था किया गया है। मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत तालाब निर्माण हिजरी निर्माण कर मछली उत्पादन को बढ़ावा देना है इस योजना के तहत मछुआरों को निशुल्क ट्रेनिंग की व्यवस्था किया गया है जिससे मछुआरा ट्रेनिंग लेकर उन्नत किस्म के मछली का पालन कर सकें जो भी कोई इच्छुक व्यक्ति तालाब निर्माण करवाना चाहते हैं वह ट्रेनिंग ले सकते हैं तालाब निर्माण करवा सकते हैं रजिस्ट्रेशन के फॉर्म के रूप में सिर्फ ₹100 जमा लेकर उन्हें ट्रेनिंग दिया जाता है लेकिन इस योजना का लाभ किसानों को सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है ।पीड़ित किसान घूरन मुखिया ने बताया कि इस योजना के तहत मछुआरों को सुरक्षित जमाधन पर तालाब की व्यवस्था की जाती हैं पंचायत वर तालाब मुहैया कराया जाता है लेकिन।इसका लाभ किसानों को सही से नही मिल पा रहा है।किसान काफी वंचित हैं किसानों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है । मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना का लाभ मछुआरों को धरातल पर नहीं मिल पा रहा है सिर्फ कागज पर ही यह योजना सही से चल रही है जिला पदाधिकारी अपने मनमर्जी से काम करते हैं किसानों को मछली का बीज नजदीक नहीं देकर दूर के हेचडी से देते हैं जिससे किसानों को खास फायदा नहीं मिल पाता है लाभुकों को अनुदान का लाभ भी सही से नहीं मिल पाता है कारण दूर से हैचरी से मछली का बीज लाने में मछली का बीज मर जाता है कि अधिक खर्च होता है सरकार के द्वारा योजना जल योजना भी दिया गया था जिसे सही ढंग से लागू नहीं किया जा सका यह स्थिति कई प्रखंडों में है। अनियमितता देखने को मिली है पीड़ित किसानों ने जिला मत्स्य पदाधिकारी पर आरोप लगाते हुए बताया वह मनमर्जी ढंग से काम करते हैं सही लाभ को फायदा नहीं मिल पाता है वही मत्स्य जिला मदद पदाधिकारी सूर्य प्रकाश राम ने बताया यह आरोप बेबुनियाद है सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है इस योजना के तहत तालाब निर्माण हेतु निर्माण सरकारी और निजी मालिकों द्वारा तालाब निर्माण करवाया जा सकता है सात लाख की लागत में से 50% का अनुदान उन्हें कमिटी से पास करने के बाद दिया जाता है मछली पालन के लिए इनपुट योजना है जिसमें डेढ़ लाख रुपैया तक मिलते हैं प्रति हेक्टेयर के हिसाब से जिसमें मछली के जिला जिला के लिए दवा के लिए खाद के लिए अनुदान बिल के हिसाब से 40 % अनुदान मिलता है किसानों के लिए अनगिनत लाभ दिया जाता है साथ ही जिला मधेपुरा अधिकारी ने कहा जिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाता है अभी चाहिए के संपर्क में नाड़ा कर सीधे जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं आवेदन सीधे मत जिलाधिकारी के कार्यालय में जमा कर सकते हैं अब यह कहां तक जाते हैं किसान की व्यथा यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा
बाइट घूरन मुखिया निवर्तमान अध्यक्ष
वाइट रामेश्वर मुखिया पीड़ित मछुआरा,
बाइट सूरी प्रकाश राम,मत्स्य जिला पदाधिकारी
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
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