ETV Bharat / state

मधुबनी लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प, सभी ठोक रहे जीत का दावा

कभी महागठबंधन की तरफ रहे फातमी और शकील समेत अब 3 प्रत्याशी मैदान में हैं. फातमी और शकील अहमद के मैदान में उतरने से बद्री कुमार पूर्वे की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं अशोक यादव के लिए मुकाबला आसान माना जा रहा है.

बोले दलों के नेता
author img

By

Published : Apr 18, 2019, 6:29 PM IST

Updated : Apr 19, 2019, 10:20 AM IST

मधुबनी: जिले में मुकाबला दिलचस्प हो गया है. पांचवें फेज में 6 मई को मिथिलांचल के इस प्रमुख शहर में वोटिंग होगी. लेकिन, कई दिग्गजों के यहां से मैदान में उतरने से सबकी नजरें इस संसदीय सीट पर टिकी हुई है. यहां असली मुसीबत महागठबंधन के लिए मानी जा रही है.

इस पार्टी से ये हैं उम्मीदवार
कहा जा रहा है कि हुकुमदेव यादव ने मधुबनी सीट क्या छोड़ी, इस बार कई दिग्गजों ने मैदान में उतरने का फैसला कर लिया. बीजेपी ने मधुबनी से इसबार हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को टिकट दिया है. जबकि महागठबंधन ने वीआईपी के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे को मैदान में उतारा है.
लेकिन, मामला यही नहीं थमता. अपनी- अपनी पार्टियों से नाराज मिथिलांचल के दो दिग्गज उम्मीदवार भी मधुबनी से इसबार ताल ठोक रहे हैं. पहले इन दोनों दिग्गजों ने अपनी-अपनी पार्टी से टिकट को लेकर काफी मिन्नतें की. लेकिन, जब इनकी नहीं सुनी गई तो कांग्रेस से शकील अहमद खान ने इस्तीफा दे दिया. वहीं फातमी ने राष्ट्रीय जनता दल से किनारा कर लिया.

जानकारी देते ईटीवी भारत के सवांददाता

कुल पांच प्रत्याशी हैं मैदान में
कभी महागठबंधन की तरफ रहे फातमी और शकील समेत अब 3 प्रत्याशी मैदान में हैं. ज्ञात हो कि फातमी और शकील अहमद के मैदान में उतरने से बद्री कुमार पूर्वे की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं अशोक यादव के लिए माना जा रहा है कि मुकाबला आसान हो गया है. हालांकि वोटिंग किस पैटर्न पर होगी, वोटों का बिखराव होगा या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा.

सभी दल कर रहे अपनी जीत का दावा
हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता मानते हैं कि राजद को या महागठबंधन को इससे कोई नुकसान नहीं होने वाला. पार्टी ने जिसे सिंबल दिया है वहीं मधुबनी से उम्मीदवार है. लोग उसे ही वोट करेंगे. इधर भारतीय जनता पार्टी और जदयू ने दावा किया कि मुकाबला होने से पहले ही महागठबंधन वहां चुनाव हार चुका है. अशोक यादव की भारी मतों से जीत निश्चित है.

मधुबनी: जिले में मुकाबला दिलचस्प हो गया है. पांचवें फेज में 6 मई को मिथिलांचल के इस प्रमुख शहर में वोटिंग होगी. लेकिन, कई दिग्गजों के यहां से मैदान में उतरने से सबकी नजरें इस संसदीय सीट पर टिकी हुई है. यहां असली मुसीबत महागठबंधन के लिए मानी जा रही है.

इस पार्टी से ये हैं उम्मीदवार
कहा जा रहा है कि हुकुमदेव यादव ने मधुबनी सीट क्या छोड़ी, इस बार कई दिग्गजों ने मैदान में उतरने का फैसला कर लिया. बीजेपी ने मधुबनी से इसबार हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को टिकट दिया है. जबकि महागठबंधन ने वीआईपी के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वे को मैदान में उतारा है.
लेकिन, मामला यही नहीं थमता. अपनी- अपनी पार्टियों से नाराज मिथिलांचल के दो दिग्गज उम्मीदवार भी मधुबनी से इसबार ताल ठोक रहे हैं. पहले इन दोनों दिग्गजों ने अपनी-अपनी पार्टी से टिकट को लेकर काफी मिन्नतें की. लेकिन, जब इनकी नहीं सुनी गई तो कांग्रेस से शकील अहमद खान ने इस्तीफा दे दिया. वहीं फातमी ने राष्ट्रीय जनता दल से किनारा कर लिया.

जानकारी देते ईटीवी भारत के सवांददाता

कुल पांच प्रत्याशी हैं मैदान में
कभी महागठबंधन की तरफ रहे फातमी और शकील समेत अब 3 प्रत्याशी मैदान में हैं. ज्ञात हो कि फातमी और शकील अहमद के मैदान में उतरने से बद्री कुमार पूर्वे की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं अशोक यादव के लिए माना जा रहा है कि मुकाबला आसान हो गया है. हालांकि वोटिंग किस पैटर्न पर होगी, वोटों का बिखराव होगा या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा.

सभी दल कर रहे अपनी जीत का दावा
हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता मानते हैं कि राजद को या महागठबंधन को इससे कोई नुकसान नहीं होने वाला. पार्टी ने जिसे सिंबल दिया है वहीं मधुबनी से उम्मीदवार है. लोग उसे ही वोट करेंगे. इधर भारतीय जनता पार्टी और जदयू ने दावा किया कि मुकाबला होने से पहले ही महागठबंधन वहां चुनाव हार चुका है. अशोक यादव की भारी मतों से जीत निश्चित है.

Intro:मधुबनी में मुकाबला दिलचस्प हो गया है। पांचवें फेज में 6 मई को मिथिलांचल के इस प्रमुख शहर में वोटिंग होगी। लेकिन कई दिग्गजों के यहां से मैदान में उतरने से सबकी नजरें इस संसदीय सीट पर टिक गई हैं। असली मुसीबत महागठबंधन के लिए मानी जा रही है जिससे जुड़े तीन प्रमुख दावेदार मैदान में हैं। पेश है खास रिपोर्ट।


Body:हुकुमदेव यादव ने मधुबनी सीट क्या छोड़ी, इस बार कई दिग्गजों ने मैदान में उतरने का फैसला कर लिया। मधुबनी में इस बार बीजेपी ने हुकुमदेव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को टिकट दिया है जबकि महागठबंधन ने वीआईपी के प्रत्याशी बद्री कुमार पूर्वी को मैदान में उतारा है लेकिन मामला यही नहीं थम जाता अपनी अपनी पार्टियों से नाराज मिथिलांचल के दो दिग्गज उम्मीदवार भी मधुबनी से इस बार ताल ठोक रहे हैं। पहले इन दोनों दिग्गजों ने अपनी अपनी पार्टी से काफी मिन्नते की टिकट देने का अनुरोध किया। लेकिन जब इनकी नहीं सुनी गई तो कांग्रेस से शकील अहमद खान ने इस्तीफा दे दिया जबकि राष्ट्रीय जनता दल से फातमी ने किनारा कर लिया।
कभी महागठबंधन की तरफ रहे फातमी और शकील समेत अब 3 प्रत्याशी मैदान में हैं। सातवीं और शकील अहमद के मैदान में उतरने से बद्री कुमार पूर्वे की मुश्किलें बढ़ गई है वहीं अशोक यादव के लिए माना जा रहा है कि मुकाबला आसान हो गया है हालांकि वोटिंग किस पैटर्न पर होगी वोटों का बिखराव होगा या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा।


Conclusion:हालांकि राष्ट्रीय जनता दल के नेता मानते हैं कि राजद को या महागठबंधन को इससे कोई नुकसान नहीं होने वाला। पार्टी ने जिसे सिंबल दिया है वहीं मधुबनी से उम्मीदवार है और लोग उसे ही वोट करेंगे। इधर भारतीय जनता पार्टी और जदयू ने दावा किया कि मुकाबला होने से पहले ही महागठबंधन वहां चुनाव हार चुका है और अशोक यादव की भारी मतों से जीत निश्चित है।


बाइट रामनारायण मंडल राजद नेता
प्रेमरंजन पटेल बीजेपी नेता
राजीव रंजन जदयू नेता
Last Updated : Apr 19, 2019, 10:20 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.